कर्नाटक हाई कोर्ट ने जाति सर्वे को जारी रखने की अनुमति, भागीदारी होगी पूरी तरह स्वैच्छिक
कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य के विवादित सामाजिक‑आर्थिक एवं शैक्षिक सर्वेक्षण को रोकने से इनकार कर दिया, लेकिन भागीदारी को पूरी तरह स्वैच्छिक बनाने का आदेश दिया। कोर्ट ने सर्वेक्षणकर्ताओं को जबरन डेटा एकत्र करने से रोकते हुए डेटा की गोपनीयता की भी अनिवार्य रखरखाव का निर्देश दिया। विरोधी समूहों ने गोपनीयता उल्लंघन और राजनीति अड़ेंगल के आरोप लगाए थे, पर न्यायालय ने पर्याप्त ठोस कारण न मिलने पर सर्वे को जारी रहने दिया। यह फैसला राज्य की सामाजिक‑आर्थिक नीतियों पर आगे के प्रभाव को आकार देगा।
25 सित॰ 2025