लखनऊ में संग्रह एजेंट पर 1.42 लाख की डकैती, दो बाइक्स वाले दुष्टों की तलाश

लखनऊ में संग्रह एजेंट पर 1.42 लाख की डकैती, दो बाइक्स वाले दुष्टों की तलाश

डकैती की घटना का विवरण

लखनऊ के बाजारखला इलाके में शुक्रवार रात को एक निजी बैंक के संग्रह एजेंट को बिखरती हुई तिजोरी में 1.42 लाख रुपये की डकैती का शिकार बना। अर्जुन प्रताप सिंह, राजाजीपुरम सपना कॉलोनी के निवासी, एयर्टेल पेमेंट बैंक के लिए दैनिक संग्रह कार्य करते हैं और अक्सर अपनी मोटरसाइकिल पर नकद थैली लेकर घर लौटते हैं।

यह घटना लगभग शाम 8 बजे घटी, जब सिंह ने अपने रोज़मर्रा के संग्रह दौर समाप्त कर बाइक पर घर की ओर बढ़ रहे थे। उनके पास एक मजबूत बैग लटका हुआ था, जिसमें उस दिन इकट्ठा किए गए ग्राहक भुगतान थे। जैसे ही वह क्यालीन मंडप के पास से गुज़र रहे थे, दो अज्ञात लुटेरे पीछे से दो बाइक्स पर आए और थैली को छीनने की कोशिश की।

भेजाने के दौरान सिंह ने बैग को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन बाइक का संतुलन बिगड़ गया, जिससे वह जमीन पर गिर गया और कुछ चोटें आयीं। लड़ाई के दौरान बैग की स्ट्रैप टूट गई और लुटेरों ने खून पसीना बहाते हुए तेज़ी से भाग जाते हुए बैग लेकर चला गया।

पुलिस की कार्रवाई और भविष्य की दिशा

पुलिस की कार्रवाई और भविष्य की दिशा

डाक्टर इंटेलिजेंस विभाग (DCP) वेस्ट, विश्वजीत श्रीवास्तव ने इस मामले की पुष्टि की और बताया कि इस चोरी के लिए एक आधिकारिक रोबरी केस दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने तीन विशेष खोज टीमों को तैनात किया है, जो इस घटना से जुड़े संभावित गवाहों, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल टावर डेटा का विश्लेषण करके लुटेरों की पहचान करने की कोशिश कर रही हैं।

विजिलेंस टीमों को बाजारखला के निकटवर्ती क्षेत्रों में लगातार गश्त करने का आदेश दिया गया है, ताकि इस तरह के अपराधों को दोहराने से रोका जा सके। साथ ही, पुलिस ने स्थानीय व्यापारियों और निवासियों को चेतावनी दी है कि यदि कोई संदिग्ध गतिविधि देखे तो तुरंत सूचना दें।

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि लखनऊ में नकद आधारित पेशेवर काम करने वाले कर्मचारियों को अब अधिक सुरक्षा की जरूरत है। कई व्यापारियों ने पहले भी मोटरसाइकिल पर नकद ले जाने के दौरान परेशानियों का उल्लेख किया था, जिससे यह मांग उठती है कि बैंकों और कंपनियों को सुरक्षित डिपॉज़िट बॉक्स या इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण विकल्प प्रदान करने चाहिए।

हालांकि अभी तक इस डकैती के मुख्य अपराधियों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन लखनऊ डकैती जैसी घटनाओं की ताढ़ी पुलिस को तेज़ी से कार्रवाई करने और शहर में सार्वजनिक सुरक्षा को मजबूत करने की पुकार सुनायी दे रही है।

टिप्पणि (14)

  1. Prakash Sachwani
    Prakash Sachwani

    फिर से ये कहानी... बस बाइक पर नकद ले जाने की आदत छोड़ दो भाई। कोई न कोई चोर आ जाएगा।

  2. Pooja Raghu
    Pooja Raghu

    ये सब गवर्नमेंट का षड्यंत्र है। बैंक लोगों को नकद नहीं देना चाहते। डिजिटल ट्रैकिंग के लिए ये डकैतियां बनाई जा रही हैं।

  3. Pooja Yadav
    Pooja Yadav

    सच में दुखी हूँ इस घटना के लिए। ऐसे लोग रोज़ काम करते हैं और इतना खतरा उठाते हैं। कम से कम बैंकों को सुरक्षित डिपॉजिट बॉक्स लगाने चाहिए।

  4. Pooja Prabhakar
    Pooja Prabhakar

    अरे भाई ये सिर्फ एक डकैती नहीं है ये एक सिस्टमिक फेलियर है। लखनऊ में 78% नकद लेनदेन होते हैं और फिर भी कोई सुरक्षा नहीं? पुलिस तो बस फुटेज देख रही है। एक टीम बनाओ जो बाइक वालों के लिए एक्सप्रेस सिक्योरिटी रूट डिज़ाइन करे। ये सब बेवकूफी है। ये लोग तो बिना बीमा के काम कर रहे हैं। ये नहीं चलेगा।

  5. Anadi Gupta
    Anadi Gupta

    इस घटना के संदर्भ में अत्यधिक गंभीरता से विचार करना आवश्यक है क्योंकि नकद व्यवहार के आधार पर सामाजिक सुरक्षा नीतियों को पुनर्मूल्यांकन करने की आवश्यकता है जिसमें व्यक्तिगत निजी संग्रह एजेंटों के लिए विशिष्ट सुरक्षा निर्देशों का शामिल किया जाना चाहिए जिसके बिना ये घटनाएं दोहराई जाएंगी।

  6. shivani Rajput
    shivani Rajput

    लोगों को डिजिटल पेमेंट्स के बारे में शिक्षित करना होगा। नकद लेनदेन अभी भी एक लीगेसी सिस्टम है। ये लोग अपनी सुरक्षा के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग नहीं कर रहे। ये अपराध अपनी गलती से हुआ है।

  7. Jaiveer Singh
    Jaiveer Singh

    हमारे देश में ये सब हो रहा है क्योंकि लोग अपनी जिम्मेदारी नहीं लेते। अगर हम अपनी आदतों को बदलेंगे तो ये घटनाएं बंद हो जाएंगी। भारत का नाम बहुत बड़ा है लेकिन इन चोरों को फांसी देनी चाहिए।

  8. Arushi Singh
    Arushi Singh

    मैं इस घटना को बहुत गंभीरता से ले रही हूँ। ये लोग जो रोज़ नकद लेकर घूमते हैं वो असली हीरो हैं। अगर बैंक या कंपनी उन्हें गूगल मैप्स जैसा एप दे दे जिसमें सुरक्षित रूट और एमरजेंसी बटन हो तो बहुत मदद मिल जाएगी।

  9. Rajiv Kumar Sharma
    Rajiv Kumar Sharma

    जीवन का अर्थ क्या है? जब तक हम नकद के लिए अपनी जान जोखिम में डालेंगे तब तक ये दुनिया बदलेगी नहीं। बैंक नहीं बदल रहे हैं... हम बदल रहे हैं। लेकिन क्या हम बदलने के लिए तैयार हैं?

  10. Jagdish Lakhara
    Jagdish Lakhara

    सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, निजी संग्रह एजेंटों के लिए नकद ले जाने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। यह एक व्यावसायिक जोखिम है जिसे सरकारी नियमों द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए।

  11. Nikita Patel
    Nikita Patel

    ये लोग अकेले हैं और उनके पास कोई सपोर्ट सिस्टम नहीं। अगर हम एक ग्रुप बनाएं जहां एजेंट्स अपने दिन के अंत में एक अपडेट भेजें और उन्हें ट्रैक किया जा सके तो बहुत सुरक्षा मिल जाएगी। ये सिर्फ एक ऐप है।

  12. abhishek arora
    abhishek arora

    इस चोरी के लिए लोगों को जिम्मेदार ठहराना चाहिए। बैंक नहीं, लोग जो नकद लेकर घूमते हैं। 🇮🇳🔥 भारत को डिजिटल बनाना होगा।

  13. Kamal Kaur
    Kamal Kaur

    मैं बस ये कहना चाहता हूँ कि इस आदमी को जल्दी से ठीक करवाना चाहिए। उसकी चोटें गंभीर हो सकती हैं। और हाँ... ये लोग असली हीरो हैं। ❤️ अगर कोई यहाँ है जो एक ऐसा ऐप बनाना चाहे जो एजेंट्स के लिए सुरक्षा दे, तो मैं मदद करूँगा।

  14. Ajay Rock
    Ajay Rock

    अरे भाई ये लोग तो बस एक टीवी शो में आ गए हैं। एक बाइक पर नकद ले जाना? ये तो बस फिल्मी ड्रामा है। पुलिस को फुटेज देखने के बजाय इन लोगों को गाड़ियाँ देनी चाहिए। ये तो बस एक ड्रामा है।

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