शेयर बाजार: यूनियन बजट 2025 की वजह से खुले रहेंगे NSE और BSE
भारत के निवेशकों और वित्तीय विशेषज्ञों के लिए 1 फरवरी, 2025 का दिन बेहद खास होने जा रहा है। इस दिन शनिवार को भी शेयर बाजार खुले रहेंगे, क्योंकि इस दिन यूनियन बजट 2025 पेश किया जाएगा। इस बजट का प्रभाव शेयर बाजार की धाराओं, निवेशकों की संवेदनाओं और इक्विटी मूल्यांकन पर अत्यधिक देखने को मिल सकता है। जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आर्थिक दिशा निर्देश प्रस्तुत करेंगी, तो बाजार में हलचल स्वाभाविक है। इस प्रकार की स्थिति पहले भी आ चुकी है, जब 2020 और 2015 में भी बजट पेश होने के कारण सपताहांत पर बाजार खुले थे।
शेयर बाजार के संचालन समय को ध्यान में रखते हुए 1 फरवरी को प्री-ओपन ट्रेडिंग सत्र सुबह 9:00 बजे से 9:08 बजे तक रहेगा, उसके बाद 9:15 बजे से 3:30 बजे तक नियमित व्यापार घंटे रहेंगे। यह विशेष व्यवस्था महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि बजट के अल्पकालिक प्रभाव को भुनाने के लिए निवेशकों को तात्कालिक अवसर मिलेगा। बाजार संचालकों का मानना है कि बजट घोषणा के साथ ही बाजार में बड़े उतार-चढ़ाव संभव हैं।
बजट का बाजार पर प्रभाव
प्रत्येक वर्ष बजट घोषणाएं विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों पर अलग-अलग प्रभाव डालती हैं। बजट कैसे तैयार किया जा रहा है, इसके आधार पर निवेशकों की प्रतिक्रिया तय होती है। कभी खाद्य सुरक्षा और कृषि, तो कभी टेक्सटाइल और स्टील उद्योग जैसे विषय प्रमुख रहते हैं। कुछ समय पहले, इन क्षेत्रों पर बजट घोषणाएं बन चुकी हैं। इसलिए इस वर्ष भी बजट का प्रभाव शेयर बाजार की चाल को प्रभावित कर सकता है। निवेशकों का ध्यान बजट के तहत किए गए कर राहत, विदेशी निवेश के लिए नियम, विशेष प्रोत्साहन योजनाओं और आर्थिक सुधारों पर रहेगा।
यूनियन बजट की घोषणा सामान्य आर्थिक गतिविधियों के अलावा, राजनीतिक समीकरणों को भी प्रभावित करती है। बाजार विशेषज्ञ इस पर आधारित रणनीतियाँ बनाते हैं और प्रमुख निवेश बैंक अपने ग्राहकों के लिए निवेश संबंधी उपाय बताते हैं। इस बार के बजट सत्र के दौर में भी ऐसा ही होने की संभावना है।
शेयर बाजार में विशेष सत्र की तैयारी
इस विशेष सत्र के दौरान बाजारों की तैयारी भी अपने चरम पर है। एनएसई की ओर से जारी एक परिपत्र में बताया गया है कि एग्ज़ेक्यूशन के लिए तकनीकी व्यवस्था पूर्ण रूप से तैयार है। निवेशकों को समुचित अनुभव प्रदान करने के लिए टीमों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। बजट सत्र के दौरान बाजार की गतिविधियों पर करीबी नजर रखी जाएगी ताकि अनियमितताओं से निपटा जा सके। केंद्रीय दलों के आर्थिक लक्ष्य भी अपने संतुलित दृष्टिकोण और व्यावसायिक नैतिकता से उत्पन्न होते हैं, और कंपनियां इन्हें लेकर आशान्वित रहती हैं।
विशेष सत्र का अर्थव्यवस्था पर संभावित असर
बजट विशेष सत्र के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की व्यवहार्यता के बारे में भी चर्चाएं होती रही हैं। देश में जीडीपी दर वृद्धि और नई नौकरियों का सृजन प्राथमिकता में हो सकता है। बाजार में व्याप्त अनिश्चितता के कारण निवेशकों की रुचि विशेषकर डेरीवेटिव्स और क्यूरेशन ऑफ फंड्स में होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस महत्वपूर्ण बजट के दौरान किस प्रकार के ऐलान होते हैं और उनका बाजार पर कैसा असर होता है।
समग्र रूप से, शेयर बाजार की समझदारी और रणनीतिक नियोजन की अनोखी मिश्रण से निवेशक इस बजट साल का स्वागत करने के लिए तैयार हैं।
बजट के बाद मार्केट में जरूर उतार-चढ़ाव आएगा, पर अगर आप लंबे समय के लिए इन्वेस्ट कर रहे हैं तो इस दिन का बहुत ज्यादा मतलब नहीं है। 😊
अरे भाई ये सब बकवास है! बजट क्या देगा? केवल नए टैक्स और फेक नौकरियां! सब ठग रहे हैं और हम लोग उनके लिए खेल रहे हैं! 🤬
बजट आएगा बाजार खुलेगा कुछ होगा नहीं होगा
मैंने सुना है कि बजट के बाद रात में बैंकों में डिजिटल पैसे गायब हो जाते हैं... क्या ये सच है? कोई जानता है?
मुझे लगता है कि अगर बजट में MSME और एग्रीकल्चर पर जोर होगा तो छोटे निवेशकों को फायदा होगा... बस उम्मीद है कि कुछ असली चीजें आएंगी 😊
ये सब बातें बेकार हैं। बजट का असली टारगेट क्या है? अमीरों को और अमीर बनाना। तुम जो बोल रहे हो वो सब ट्रेडिंग टिप्स हैं जो किसी को फायदा नहीं देते। बजट में कोई भी जनता के लिए नहीं बनता, सिर्फ बैंकरों और लॉबीस्ट्स के लिए। और फिर तुम बोलते हो कि बाजार ऊपर जाएगा? हा हा हा। जब तक टैक्स रिफॉर्म नहीं होगा, तुम सब बेकार बैठे हो।
अत्यधिक विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण से देखें तो बजट के तहत निर्धारित वित्तीय नीतियों के अंतर्गत विदेशी निवेश के लिए उपलब्ध नियमावली तथा कर अपवादों के संरचनात्मक परिवर्तनों का निर्माण अर्थव्यवस्था के स्थायित्व के लिए अत्यंत आवश्यक है और इसके अभाव में लंबी अवधि के निवेश निर्णयों में अनिश्चितता बनी रहेगी जिसके परिणामस्वरूप बाजार की गतिशीलता अवरुद्ध हो जाती है।
बजट एक फिक्स्ड इनकम गारंटी नहीं है ये जो बोल रहे हो वो सब इन्वेस्टमेंट फंड्स के एड्स हैं। असली बात ये है कि जीडीपी ग्रोथ रुक रही है और बजट में भी नहीं बताया जा रहा कि इसे कैसे बढ़ाया जाए। जागो लोगों।
हमारे देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे मजबूत है। बजट जो भी हो, हम लोग इसे अपनी मेहनत से बढ़ाएंगे। कोई भी बाहरी शक्ति हमें नहीं रोक सकती। जय हिंद!
मुझे लगता है कि अगर हम छोटे निवेशकों के लिए टैक्स रिलीफ और फंड्स के लिए सुरक्षा बढ़ाएं तो लोग ज्यादा आत्मविश्वास से इन्वेस्ट करेंगे... बस थोड़ा ध्यान देना होगा और बात बन जाएगी ❤️
क्या बजट असल में किसी की ज़िंदगी बदल देता है? या ये सिर्फ एक नाटक है जिसे राजनीतिक नेता बनाते हैं ताकि लोग उन्हें भूल जाएं? हम सब एक बड़े सिस्टम के गियर हैं... और बजट सिर्फ एक बड़ा लीवर है जिसे कोई खींचता है। लेकिन क्या तुम्हें लगता है कि तुम वाकई इस लीवर को नियंत्रित कर सकते हो?
यह बजट सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके तहत वित्तीय नीतियों के संचालन के लिए उचित प्रक्रियाओं का पालन किया जाना आवश्यक है। बाजार की गतिविधियों के समय को सही ढंग से नियंत्रित करना आर्थिक स्थिरता के लिए अत्यंत आवश्यक है।