Atlanta Electricals की IPO: ग्रे मार्केट प्रीमियम बढ़ा, आवेदन विंडो 24 सितंबर तक

Atlanta Electricals की IPO: ग्रे मार्केट प्रीमियम बढ़ा, आवेदन विंडो 24 सितंबर तक

IPO का मुख्य विवरण

जैसे ही Atlanta Electricals IPO का प्रॉस्पेक्टस जारी हुआ, निवेशकों ने खूब धयान दिया। शेयरों की कीमत 718 से 754 रुपये के बीच तय की गई है, और सदस्यता की प्रक्रिया 22 सितंबर को शुरू होकर 24 सितंबर को बंद हो जाएगी। कुल 687 करोड़ रुपये की इस पेशकश में दो भाग शामिल हैं – नया इश्यू (400 करोड़) और ऑफर फॉर सेल (287 करोड़) जो प्रोमोटर व अन्य व्यक्तिगत शेयरधारकों द्वारा बेचा जाएगा।

इश्यू के बाद कंपनी की मार्केट कैपिटलीज़ेशन 754 रुपये के उच्चतम बैंड पर लगभग 5,797 करोड़ रुपये होगी। इससे सार्वजनिक रूप से 12% डायल्यूशन होगा, और प्रोमोटर की हिस्सेदारी 94% से घट कर 87% रह जाएगी। अन्य व्यक्तिगत शेयरधारकों की शेयरिंग भी 6% से घट कर 1% तक आएगी।

आवेदन प्रक्रिया में UPI मंडेट की डेडलाइन 24 सितंबर शाम 5 बजे तय थी, जबकि इसके विस्तार के बाद 9 अक्टूबर तक वैध रहेगा। एंकर निवेशकों के लिए 50% शेयर 25 अक्टूबर तक लॉक रहेगा, शेष 50% 24 दिसंबर तक लॉक रहेगा।

  • समीक्षा की अंतिम तिथि: 24 सेप्टेंबर, शाम 5 PM
  • ऑफ़र अलॉटमेंट फाइनलाइज़ेशन: 25 सेप्टेंबर
  • रिफंड व शेयर क्रेडिट: 26 सेप्टेंबर
  • सूचीकरण: 29 सेप्टेंबर

Atlanta Electricals का व्यवसाय प्रोफ़ाइल

गुजरात के एनंद में 1988 में स्थापित, Atlanta Electricals ने ट्रांसफॉर्मर निर्माण में तीन दशकों से अधिक का अनुभव जमा किया है। कंपनी मुख्यतः पावर, ऑटो और इनवर्टर ड्यूटी ट्रांसफॉर्मर बनाती है, जिनकी क्षमता 200 MVA तक और वोल्टेज 220 kV तक होती है। वर्तमान में तीन उत्पादन संयंत्र चल रहे हैं – दो एनंद में और एक बेंगलुरु में।

5‑200 MVA/220 kV सेगमेंट में 12% मार्केट शेयर के साथ कंपनी ने भारत के 19 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में सार्वजनिक व निजी दोनों ग्राहक आधार बनाया है। इस सफलता की कुंजी कंपनी की गुणवत्ता‑प्राथमिकता, ऑपरेशनल इफ़िशिएंसी और तकनीकी अनुपालन रही है।

उत्पाद पोर्टफ़ोलियो में उच्च‑क्लास ट्रांसफॉर्मर, कस्टम‑डिज़ाइन समाधान और सर्विस‑इंडस्ट्री सपोर्ट शामिल हैं। ग्राहकों की माँग में निरंतर वृद्धि के साथ, कंपनी ने नई तकनीकों, जैसे डिजिटल कंट्रोल सिस्टम और इको‑फ्रेंडली कूलिंग सॉल्यूशंस, को अपनाया है।

आगे के दो‑तीन वर्षों में कंपनी अपने उत्पादन क्षमता को 30% तक बढ़ाने की योजना बना रही है, जिससे वह राष्ट्रीय ऊर्जा बुनियादी ढाँचे के विकास में और भी प्रमुख भूमिका निभा सके।

इन्ही कारणों से निवेशकों ने इस IPO को देख कर ग्रे मार्केट में प्रीमियम में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी है। कुछ ब्रोकरों के डेटा के अनुसार, प्रीमियम 10% से 15% के बीच पहुँच रहा है, जो इस उद्योग के प्रति बाजार की उत्सुकता को दर्शाता है।

अगर आप इस IPO में भाग लेने का सोच रहे हैं, तो कंपनी की वित्तीय स्थिति, लाभ मार्जिन, और दीर्घकालिक ऊर्जा नीति पर ध्यान देना आवश्यक है। साथ ही, प्रोमोटर की हिस्सेदारी में कटौती एक सकारात्मक संकेत हो सकता है, क्योंकि यह शेयर बाजार में अधिक तरलता और नियामक अनुपालन को दर्शाता है।

टिप्पणि (10)

  1. Amal Kiran
    Amal Kiran

    ये IPO तो बस ग्रे मार्केट में भाप बना रहा है। कोई फाइनेंशियल्स नहीं, कोई रियल नंबर्स नहीं, सिर्फ अफवाहें और ब्रोकर्स की चाय की बातें। इंवेस्टमेंट नहीं, गेमिंग है।

  2. abhinav anand
    abhinav anand

    मुझे लगता है कि अगर कंपनी असली टेक्नोलॉजी और एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर में विश्वास रखती है, तो ये एक अच्छा अवसर हो सकता है। बस इतना ध्यान रखना है कि प्रोमोटर्स का हिस्सा 87% रहना अभी भी बहुत ज्यादा है।

  3. Rinku Kumar
    Rinku Kumar

    अरे भाई, ये तो बिल्कुल वैसा ही है जैसे किसी ने एक बेकार की बाइक को 'इलेक्ट्रिक फ्यूचर मोबिलिटी' नाम दे दिया हो। 754 रुपये? ये तो ग्रे मार्केट में बेच रहे हैं जैसे गोल्ड बार हो। बस लोगों को धोखा देने का नया तरीका।

  4. Pramod Lodha
    Pramod Lodha

    ये ट्रांसफॉर्मर कंपनी असल में बहुत अच्छी है! गुजरात में 30 साल से काम कर रही है, बेंगलुरु तक पहुंच गई है, और डिजिटल कंट्रोल सिस्टम भी अपना रही है। अगर आप लंबे समय के लिए इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो ये एक स्टैबल ऑप्शन है। बस ग्रे मार्केट के भावों पर ज्यादा भरोसा मत करो। 😊

  5. Neha Kulkarni
    Neha Kulkarni

    इस IPO की विश्लेषणात्मक लेयरिंग में एक रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर फंडामेंटल दिखता है - ऑपरेशनल एफिशिएंसी, डायवर्सिफाइड जियोग्राफिक रिच, और टेक्नोलॉजिकल एडॉप्शन का कॉम्बिनेशन। डायल्यूशन के बाद भी 87% प्रोमोटर होल्डिंग एक कॉन्ट्रोल रिस्क है, लेकिन लिक्विडिटी इम्प्रूवमेंट और रेगुलेटरी ट्रांसपेरेंसी के लिए ये एक स्ट्रैटेजिक मूव है।

  6. Sini Balachandran
    Sini Balachandran

    क्या हम सच में इतने आशावादी हैं कि एक ट्रांसफॉर्मर कंपनी हमारी ऊर्जा भविष्य की कुंजी है? या हम बस एक नया नाम सुनकर उत्साहित हो रहे हैं? जब तक हम अपने बिजली के बिलों को नहीं बदल पाएंगे, ये सब बस एक बड़ा सपना है।

  7. Sanjay Mishra
    Sanjay Mishra

    अरे भाई, ये IPO तो बिल्कुल वो है जैसे अंधेरे में लाल रंग का बल्ब लगा दो और बोल दो 'ये बिजली है!' 🤪 ग्रे मार्केट में 15% प्रीमियम? ये तो बिजली की लाइन में चढ़कर बैठे हुए लोगों का ताना है! जब तक बिजली का बिल नहीं घटेगा, ये सब बस एक बड़ा नाटक है। बाजार ने अपनी आँखें बंद कर ली हैं!

  8. Ashish Perchani
    Ashish Perchani

    कंपनी का बिजनेस मॉडल ठीक है। लेकिन इस IPO के बारे में सोचने के लिए आपको ये जानना चाहिए: जिस तरह से प्रोमोटर्स ने अपनी हिस्सेदारी कम की है, वो एक शानदार रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रैटेजी है। ये बाजार को ये संदेश दे रहा है कि हम लंबे समय के लिए यहाँ हैं - न कि फ्लिप करने के लिए।

  9. Dr Dharmendra Singh
    Dr Dharmendra Singh

    बहुत अच्छा लगा 😊 ये ट्रांसफॉर्मर कंपनी असल में देश के बिजली के दिल की धड़कन है। अगर आप भी इस देश की ऊर्जा भविष्य का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो ये एक अच्छा मौका है। बस शांत रहें, बाजार के भावों पर नहीं चलें। 🙏

  10. sameer mulla
    sameer mulla

    अरे भाई, ये सब बकवास है! तुम लोग इतने ज्यादा खुश क्यों हो रहे हो? ये कंपनी तो अभी तक अपने बिजली के बिल भी नहीं भर पा रही! ग्रे मार्केट में प्रीमियम? ये तो तुम्हारे दिमाग का प्रीमियम है! ये IPO तो बस एक बड़ा धोखा है! जब तक तुम अपने पैसे नहीं गंवा देते, तब तक समझ नहीं आएगा! 💸😭

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