यूनियन बजट 2025 – क्या बदलेगा भारत का आर्थिक परिदृश्य?

हर साल मार्च में बजट पेश होने पर लोग तुरंत जानना चाहते हैं कि उनका wallets पर क्या असर पड़ेगा। 2025 का यूनियन बजट खासकर क्योंकि यह सरकार की नई आर्थिक दिशा तय करता है। इस लेख में हम बजट की प्रमुख प्राथमिकताएँ, कर‑सुधार और आम आदमी के लिये सबसे अहम बदलावों को आसान भाषा में समझेंगे।

बजट की मुख्य प्राथमिकताएँ

इस बजट में पाँच बड़े क्षेत्रों पर ज़ोर दिया गया है: इंफ़्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और डिजिटल इकोनॉमी। रेलवे, हवाई अड्डे और हाईवे की नई परियोजनाओं को तेज़ी से लेकर, स्वास्थ्य ग्रामीण स्तर पर पहुँचाने के लिये नए फंड आवंटित किए गए हैं। शिक्षा में स्कूल‑डिजिटल लाइब्रेरी और स्कॉलरशिप योजनाओं को बढ़ावा दिया गया है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को पढ़ने‑लिखने का मौका मिले।

कृषि में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को उच्च स्तर पर तय किया गया है और छोटे किसान के लिए बीमा स्कीम को आसान बनाने की योजना है। डिजिटल पहल में स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम को निवेश आकर्षित करने के लिये टैक्स रिलीफ़ और टेक्नोलॉजी सेंटर्स की स्थापना का प्रावधान है।

कर‑सुधार और नई टैक्स नीति

कई लोग ‘टैक्स बढ़ेगा?’ पूछते हैं, इसलिए इस बजट में टैक्स‑स्लैब में हल्का बदलाव किया गया है। 20‑30% आय वाले वर्ग के लिये कर में थोड़ा कटौती दी गई है, जिससे मध्यम वर्ग का बोझ घटेगा। साथ ही, हाई‑इन्कम इंडिविजुअल्स पर 30% टैक्स स्लैब में एक्सपेंशन की गई है, लेकिन वैकल्पिक टैक्स रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने के लिये डिजिटल फॉर्मेट को अनिवार्य किया गया है।

व्यवसायियों के लिये गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में कम से कम 5% के छोटे वस्तुओं पर दर घटाकर 12% कर दिया गया है, जिससे छोटे व्यापारी और उपभोक्ता दोनों को राहत मिलेगी। साथ ही, इलेक्ट्रिक वैहिकल (EV) खरीदने वाले ग्राहकों को टैक्स में अतिरिक्त छूट दी गई है, जिससे पर्यावरण‑सुरक्षित वाहन अपनाने में तेजी आएगी।

ये बदलाव इस बात को दिखाते हैं कि सरकार आर्थिक विकास और सामाजिक समानता को एक साथ आगे बढ़ाना चाहती है।

बजट का आम जनता पर प्रभाव

आज के कई परिवारों के लिये सबसे बड़ी चिंता होती है रोज़मर्रा की खर्चे। इस बजट में रिफ़्लेक्टिव टॉप‑अप पेंशन स्कीम, सीनियर सिटिजन्स के लिये स्वास्थ्य बीमा और गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अतिरिक्त घर प्रदान करने की योजना शामिल है। इससे घर की कीमत बढ़ने पर भी कमजोर वर्ग को सहारा मिलेगा।

नौजवानों के लिये रोजगार सृजन फंड स्थापित किया गया है, जिसमें स्किल‑डिवेलपमेंट कोर्स, इंटर्नशिप और स्टार्ट‑अप फंड शामिल है। अगर आप या आपका बच्चा नौकरी की तलाश में है, तो ये नई योजना मददगार हो सकती है।

किसानों को मिल रहे सब्सिडी और बीमा का विस्तार भी उनकी आय को स्थिर रखने में मदद करेगा। इससे मौसम‑विपरीत परिस्थिति भी आर्थिक नुकसान को कम कर सकती है।

एक बात जो अक्सर छूट जाती है, वह है खर्च के साथ निवेश भी। बजट में फ्लेगशिप भारत इंस्पिरेशन बांड जारी करने की बात की गई है, जिससे आम लोगों को लंबी अवधि के लिये सुरक्षित निवेश विकल्प मिलेगा। बांड में टैक्स इन्सेंटिव भी शामिल है, इसलिए अगर आपका दीर्घकालिक निवेश प्लान है तो इस पर नज़र डालें।

समग्र तौर पर यूनियन बजट 2025 विकास, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा को संतुलित करने की कोशिश कर रहा है। अगर आप चाहें तो इस बजट की विस्तृत दस्तावेज़ीकरण को आधिकारिक वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं या अपने पास के टैक्स सलाहकार से बात कर सकते हैं।

आशा है यह छोटा गाइड आपको बजट की मुख्य बातों को समझने में मदद करेगा। यदि आपके पास कोई सवाल या सुझाव है, तो टिप्पणी में लिखें – हम जवाब देंगे!

शेयर बाजार: बजट 2025 विशेष सत्र के लिए खुलेंगे NSE और BSE

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भारतीय शेयर बाजार, जिसमें नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) शामिल हैं, 1 फरवरी 2025 को यूनियन बजट 2025 के विशेष सत्र के लिए शनिवार के दिन खुले रहेंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले इस बजट का बाजार प्रवृत्तियों, स्टॉक मूल्यों और निवेशक भावनाओं पर महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है। इस विशेष व्यवस्था से निवेशकों को बजट की घोषणाओं पर तात्कालिक प्रतिक्रिया देने का अवसर मिलेगा।