दिग्गज अभिनेता अतुल परचुरे का कैंसर से निधन, 57 वर्ष की उम्र में ली अंतिम साँस

दिग्गज अभिनेता अतुल परचुरे का कैंसर से निधन, 57 वर्ष की उम्र में ली अंतिम साँस

मराठी और हिंदी सिनेमा में अतुल परचुरे का योगदान

मराठी और हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय कौशल से सभी को प्रभावित करने वाले अतुल परचुरे का निधन उनकी लंबी बीमारी के बाद हो गया। पिछले कुछ वर्षों से कैंसर से जूझ रहे अतुल मात्र 57 वर्ष की उम्र में चले गए। उनका जन्म 30 नवंबर 1966 को मुंबई में हुआ था और उन्होंने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की थी। थिएटर से टीवी और आखिरकार फिल्मों तक की उनकी यात्रा में उन्होंने अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाया।

अतुल परचुरे ने 1993 की फिल्म 'बेदर्दी' से बॉलीवुड में कदम रखा। इसके बाद उन्होंने कई हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया। उनके अभिनय कौशल और हास्य प्रदर्शन ने फिल्मों और टीवी शोज में उनकी विशेष जगह बनाई। 'फिर भी दिल है हिंदुस्तानी' और 'क्योंकि' जैसी फिल्मों में दर्शकों ने उनकी प्रतिभा को सराहा। इसके अलावा, वे 'कपिल शर्मा शो' में अपनी काबिलियत से दर्शकों को हंसाने में कामयाब रहे।

जाने-माने बॉलीवुड सितारों के साथ स्क्रीन शेयर

अतुल परचुरे की खासियत केवल उनकी कॉमेडी तक ही सीमित नहीं थी, उनकी अदाकारी का अंदाज और अनुभव भी उनकी पहचान का हिस्सा थे। वह शाहरुख खान और सलमान खान जैसे प्रमुख बॉलीवुड सितारों के साथ बड़े पर्दे पर नजर आए। उनकी फिल्मों ने न केवल हंसी के पल दिए, बल्कि सामाजिक संदेश भी दिए। उनकी हर अदाकारी के पीछे एक वैचारिक दृष्टिकोण होता था जो उन्हें दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ने में मदद करता था।

उनकी मजाकिया डायलॉग डिलीवरी और विशेष टाइमिंग के कारण वे अपनी पीढ़ी के अद्वितीय हास्य कलाकार माने जाते थे। उन्होंने मराठी फिल्म और थिएटर में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया और उनके अभिनय का हर स्तर पर आदर किया गया। उनका योगदान नई पीढ़ी के कलाकारों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया है।

फिल्म और टेलीविजन उद्योग में शोक की लहर

फिल्म और टेलीविजन उद्योग में शोक की लहर

अतुल परचुरे के निधन से सिर्फ उनके परिवार ही नहीं, बल्कि फिल्म और टेलीविजन उद्योग में भी शोक की लहर दौड़ गई है। उनके साथी कलाकार और सहयोगी उन्हें एक साधारण, मेहनती और दिलदार इंसान के रूप में याद कर रहे हैं। उनके आकस्मिक निधन से हुई शून्यता को पूरा करना आसान नहीं होगा। उन्होंने अपनी हास्य शैली से न केवल अपने किरदारों को जीवन दिया, बल्कि अपने जीवन के आखिरी दिनों तक अपने काम और जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया।

उनकी अद्वितीय कृतियों और फिल्मों की फेहरिस्त उनके अभिनय के प्रति उनकी गंभीरता को दर्शाती है। अपने काम को लेकर उनकी लगनशीलता को हर कोई मानता था। विकसित होती फिल्म उद्योग को उनका अभाव बहुत खलेगा, लेकिन उनकी फिल्मों और संवादों की गूंज हमेशा हमारे बीच रहेगी।

अतुल परचुरे के योगदान की यादें

अतुल परचुरे के बिना सिनेमा की दुनिया कम रोशनीदार लगेगी, लेकिन उनका योगदान उनकी अनुपस्थिति को महसूस नहीं होने देगा। उनके यादगार किरदार और धारदार हास्य उनकी पहचान का हिस्सा बन चुके हैं। उनके काम को देखना एक आनंददायक अनुभव है जो हमेशा जीवंत रहेगा। हम सभी उन्हें उनके बेहतरीन अभिनय के लिए हमेशा याद करते रहेंगे।

टिप्पणि (13)

  1. Kamal Kaur
    Kamal Kaur

    अतुल परचुरे जी का अभिनय ऐसा था कि हंसी-हंसी में भी दिल छू जाता था। उनकी हर डायलॉग याद रह जाती है। 🙏

  2. abhishek arora
    abhishek arora

    इन्होंने तो बॉलीवुड को हिंदुस्तानी असलियत दी! अब ऐसे अभिनेता नहीं बन रहे, सिर्फ फिल्म बन रही हैं। भारत का असली नाम बचाओ! 🇮🇳🔥

  3. Ajay Rock
    Ajay Rock

    अरे यार, ये वाला तो बस अपने फिल्मों में बार-बार वही भूमिका करते थे! लेकिन अच्छे से करते थे, इसलिए लोग उन्हें पसंद करते थे। कोई नया नहीं आया, बस बूढ़े वाले गायब हो गए। 😅

  4. Lakshmi Rajeswari
    Lakshmi Rajeswari

    क्या आपने सुना? कैंसर का इलाज तो है... लेकिन अगर आपका नाम अतुल परचुरे है और आप एक अभिनेता हैं, तो सरकार आपको इलाज नहीं देती! ये सिस्टम ही बर्बाद है! और फिर लोग कहते हैं 'भारत बेहतर है'... बस बहाना बनाते हैं! 😡

  5. Piyush Kumar
    Piyush Kumar

    ये दुनिया बदल रही है, लेकिन अतुल जी जैसे लोग तो अपने काम से दुनिया को बदल देते हैं! उनकी यादें हमें जीने का हौसला देती हैं। अगर आप भी उनकी फिल्में देख लें, तो आपका दिल भी बदल जाएगा! 💪❤️

  6. Srinivas Goteti
    Srinivas Goteti

    अतुल परचुरे का अभिनय कोई नाटक नहीं था, बल्कि जीवन का एक अंश था। उनके बिना फिल्में अधूरी लगती हैं। शांति से विश्राम करें।

  7. Rin In
    Rin In

    मैंने उनकी फिल्में देखीं, उनके डायलॉग याद हैं, उनकी हंसी दिल में बसी है! अब भी कभी-कभी उनकी बातें सुनकर मुझे लगता है कि वो अभी भी हैं! 🙌❤️

  8. michel john
    michel john

    ये सब लोग अभिनेता की मौत पर रो रहे हैं... पर अगर कोई आम आदमी कैंसर से मर जाए तो कोई नहीं देखता! ये बॉलीवुड वाले तो बस खुद को हाईलाइट करते हैं! भारत में लोगों को बचाओ ना! 😭

  9. shagunthala ravi
    shagunthala ravi

    उनके अभिनय में एक गहराई थी, जो बहुत कम लोगों को मिलती है। वो हंसाते थे, लेकिन उस हंसी के पीछे एक गहरा संदेश छिपा होता था। ऐसे लोगों की यादें हमेशा जीवित रहती हैं।

  10. Urvashi Dutta
    Urvashi Dutta

    अतुल परचुरे जी के बारे में सोचते हुए मुझे याद आया कि उन्होंने मराठी थिएटर में भी काम किया था, जहां वो अक्सर एक छोटे से गांव के बुजुर्ग की भूमिका निभाते थे, जिसमें उनकी आवाज़ का एक अलग ही ताना था, जैसे वो वास्तविक गांव के आदमी हों। उनकी हर बात अपने आप में एक लघु कहानी थी। वो बिना बड़े बजट के, बिना बड़े स्टार्स के, बस अपनी आत्मा से लोगों को छू जाते थे। आज के ट्रेंड में जहां बॉडी डबल और जेनरेटिव एआई के जरिए एक्टिंग की जाती है, वहां उनकी असली भावनाओं की जगह खाली है। वो नहीं बस अभिनेता थे, वो जीवन के अनुवादक थे। उनके बिना हम अब अपने अपने जीवन के अर्थ को भूल रहे हैं।

  11. Rahul Alandkar
    Rahul Alandkar

    मैंने उनकी फिल्में देखीं, लेकिन कभी उनसे बात नहीं की। उनकी याद अच्छी लगती है।

  12. Jai Ram
    Jai Ram

    उनके बारे में बात करते समय याद आता है कि उन्होंने कपिल शर्मा शो में एक ऐसा सीन दिया था जहां उन्होंने एक बूढ़े आदमी की भूमिका निभाई थी, जो अपने बेटे को फोन पर बुलाते हुए रो रहा था, लेकिन आंखों में मुस्कान थी। वो एक ऐसा पल था जो हंसाता था और रुलाता था एक साथ। ऐसा अभिनय करने वाले अब बहुत कम हैं। उनके लिए श्रद्धांजलि। 🙏

  13. Vishal Kalawatia
    Vishal Kalawatia

    अतुल परचुरे? ओह वो तो बस एक टीवी कॉमेडियन थे! असली अभिनेता तो वो हैं जो ड्रामा और थ्रिलर में काम करते हैं! ये सब बस फैंस हैं जो उनके बारे में भावुक हो रहे हैं। कोई गहराई नहीं थी।

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