गोवर्धन पूजा: कैसे मनाएँ सरल और प्रभावी विधि

गोवर्धन पूजा हर वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी के आसपास बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य भगवान कृष्ण के गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा को याद करना और अपने घर‑बार में समृद्धि व सुरक्षा की प्रार्थना करना है। अगर आप नए हैं या जल्दी से सही तरीका देख रहे हैं, तो यहाँ पूरा गाइड है।

गोवर्धन पूजा के मुख्य चरण

सबसे पहले साफ‑सुथरा स्थान तैयार करें और एक छोटा गोवर्धन का घेरा बनाएं। आमतौर पर इसे मिट्टी या छोटे धान के सैकड़ों से बनाया जाता है। उसके ऊपर उज्ज्वल रंग की पंखुड़ियाँ बिछाएँ, एक छोटा दीपक रखें और विष्णु‑शंकर की मूर्तियाँ या चित्र रखें। फिर एक बर्तन में पानी, चावल, दाल, मिठाई और फल रखें; ये सब आपके प्रार्थनाओं में ऊर्जा जोड़ते हैं।

अब संकल्प लें कि आप इस पूजा को 7‑8 दिन तक रखें और प्रत्येक दिन सुबह 6‑7 बजे उठकर स्नान कर साफ‑सुथरे कपड़े पहनें। इससे मन भी शान्त रहता है और ऊर्जा भी बनी रहती है। संकल्प के साथ आप अपने घर की मुख्य द्वार पर थाली रखें, उसमें हवन कुंड रखकर सफेद चढ़ाव की लकड़ियाँ जलाएँ। हवन में घी, तुलसी, दालचीनी और पुदीना डालें। इस दौरान गायत्री मंत्र, शंकरासन या भगवान कृष्ण का जय जयकारा पढ़ें।

पूजा के दौरान कही जाने वाली बातें

गोवर्धन पूजा में सबसे महत्वपूर्ण है भगवान कृष्ण को याद करना। आप "गोवर्धन धारी बटाकेला" या "हैनुं दाई गोवर्दन चन्द्र" जैसे भजन गा सकते हैं। उनके साथ-साथ आप घी से पकाए गए मिठाई (जैसे लड्डू, अन्नकुढ़ी) भी चढ़ा सकते हैं। यह आपके घर में मिठास लाता है और अन्नध्यान को बल देता है।

पूजा के बाद, सभी को प्रसाद बाँटें। यदि आपके घर में बच्चा है, तो उसे गोवर्धन का छोटा टुकड़ा दे देना अच्छा रहेगा—यह उसकी शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाता है। साथ ही, आप सभी परिवारजनों के साथ एक छोटा जल-पर्यटन कर सकते हैं, जिससे मन शुद्ध हो और अतीत की नकारात्मकता दूर हो।

पूजा के बाद, रोज़ शाम को एक बार फिर से धूप या दीप जलाएँ और "हरि बन्धन हरे कृष्णा“ का जाप करें। यह आपके घर को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है और आने वाले साल में समृद्धि की राह खोलता है।

यदि आप व्यस्त हैं, तो आप एक छोटे बैग में गोवर्धन पूजा के छोटे‑छोटे सामान रख कर ऑफिस या काम के बीच में भी पूजा कर सकते हैं। बस एक छोटा धूप, दीपक और कुछ फूल ले लीजिए, और दिन के अंत में अपने कार्यस्थल पर उसे स्थापित करें।

गोवर्धन पूजा के दौरान कुछ लोग व्रत भी रखते हैं। यदि आप व्रत करना चाहते हैं, तो हल्का फलाहारी खाएँ और रात को दलीय पदार्थों से बचें। यह व्रत शरीर को शुद्ध करता है और मन को स्थिर रखता है।

अंत में, याद रखें कि पूजा का असली मकसद दिल से शक्ति और शांति प्राप्त करना है। रीढ़ में घनिष्ठता के साथ इन चरणों को अपनाएँ, और आप देखेंगे कि आपके जीवन में तनाव कम होगा, सौभाग्य बढ़ेगा और आपके रिश्ते मजबूत होंगे। गोवर्धन पूजा को हर साल एक नई उमंग के साथ मनाएँ, और भगवान कृष्ण की कृपा हमेशा आपके साथ रहे।