जब भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) ने 13 सितंबर 2025 को नई भारत गौरव पर्यटक ट्रेनआगरा कैंट लॉन्च करने की घोषणा की, तो देश‑भर के श्रद्धालुओं का दिल धड़कने लगा। यह विशेष यात्रा 10 दिन और 9 रातों में, भारत के प्रमुख हिन्दू तीर्थस्थलों को जोड़ेगी, जिसमें गया, पुरी, कोलकाता, गंगासागर, बैजनाथ धाम, वाराणसी और अयोध्या जैसे पवित्र स्थल शामिल हैं।
भारत गौरव ट्रेन का विस्तृत परिचय
कुल 767 बर्थ उपलब्ध कराए गए हैं, जिनमें 49 सेकंड एसी, 70 थर्ड एसी और 648 स्लीपर क्लास सीटें शामिल हैं। यात्रियों को दोपहर व रात के भोजन, नाश्ता और एसी/नॉन‑एसी बसों द्वारा स्थानीय भ्रमण की सुविधा दी जाएगी। एक और आकर्षक पहल है किराए का ईएमआई विकल्प, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर श्रद्धालु भी इस यात्रा का लाभ उठा सकेंगे।
यात्रा कार्यक्रम का चरण‑बद्ध सारांश
पहला चरण – आगरा कैंट से प्रस्थान, फिर गया (विष्णुपद मंदिर) में सुबह 09:30 बजे पहुँच। यहाँ 2 घंटे का आध्यात्मिक सत्र आयोजित होगा।
दूसरा चरण – शाम को ट्रेन पुरी की ओर रवाना होगी, जहाँ 12 ऑगस्ट 2025 को जगन्नाथ मंदिर का दौरा तय है। पुरी में सूर्य मंदिर (कोणार्क) का दर्शन अगले दिन 08:00 बजे करेगा, जो सूर्य देवता के उत्सव को दर्शाता है।
तीसरा चरण – कोलकाता पहुँचने के बाद, यात्रियों को दो दिन के लिए स्थानीय एसी बसों से गंगासागर ले जाया जाएगा। यहाँ रात भर विश्राम, अगले दिन काली मंदिर का दर्शन और फिर कोलकाता वापसी होगा।
चौथा चरण – जसीडीह स्टेशन से ट्रेन आगे बैजनाथ धाम की ओर बढ़ेगी। यहाँ दो घंटे के आरती सत्र में भाग लेने के बाद, रात को बसा रहेगा।
पाँचवा चरण – वाराणसी में काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के साथ गंगा घाट, शाम की संध्या गंगा आरती और स्थानीय दर्शनीय स्थलों का दौरा शाम 18:00 बजे निर्धारित है। अगली सुबह अयोध्या की ओर निर्देश किया जाएगा।
अंतिम चरण – अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर, हनुमानगढ़ी और सरयू आरती का विशेष कार्यक्रम आयोजित होगा। वहाँ से ट्रेन 22 सितंबर 2025 को उसी आगरा कैंट वापसी के लिए रवाना होगी।
टिकटिंग, बर्थ वितरण और यात्रियों की सुविधा
ब्यौरे के अनुसार, यात्रियों को अजीत कुमार सिन्हा, मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक, ने बताया कि बुकिंग की अंतिम तिथि 5 सितंबर 2025 रखी गई है, और ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आरक्षण किया जा सकता है। विशेष रूप से, ग्वालियर, झांसी, उरई, कानपुर, लखनऊ और बनारस जैसे प्रमुख स्टेशनों से अतिरिक्त बोर्डिंग सुविधा उपलब्ध है।
EMI विकल्प के तहत, यात्रियों को 3‑महीने, 6‑महीने या 12‑महीने की किस्तों में भुगतान करने की आज़ादी है, जिससे कुल किराए का बोझ कम हो जाता है। यात्रा पैकेज में दोपहर और रात का भोजन, विस्तृत पवित्र स्थल गाइडबुक और व्यक्तिगत सुरक्षा प्रोटोकॉल भी शामिल हैं।
धार्मिक महत्व और विशेषज्ञों की राय
धर्मशास्त्र विशेषज्ञ डॉ. अंबरनाथ शर्मा का मानना है, "भारत गौरव ट्रेन न केवल शारीरिक यात्रा है, बल्कि आध्यात्मिक यात्रा का एक मंच भी है। ऐसा कार्यक्रम लोग-से-लोग धार्मिक संवाद को प्रोत्साहित करता है, विशेषकर युवा वर्ग में तीर्थयात्रा की झलक को पुनर्जीवित करता है।"
स्थानीय पर्यटन विभाग ने भी इस पहल को "सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा देने वाला एक अभिनव कदम" कहा है। उन्होंने बताया कि पिछले साल एक समान तीर्थ यात्रा ने 12 हजार यात्रियों को आकर्षित किया था, और इस बार की योजना में 20 % अधिक बर्थ उपलब्ध कराकर और अधिक श्रद्धालु को शामिल किया गया है।
भविष्य की योजना और निष्कर्ष
IRCTC ने कहा है कि इस सफलता के बाद, वे 2026 में "भारत गौरव II" नामक दो‑सप्ताहीय ट्रेन सेवा लॉन्च करने की सोच रहे हैं, जिसमें दक्षिण भारत के प्रमुख मन्दिर और पहाड़ी तीर्थस्थलों को जोड़ा जाएगा।
संक्षेप में, भारत गौरव पर्यटक ट्रेन न केवल धार्मिक यात्रा का एक नया रूप प्रस्तुत करती है, बल्कि यात्रा के दौरान आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक लाभ भी प्रदान करती है। यदि आप भी इस अद्भुत यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो जल्द से जल्द बुकिंग कर लेनी चाहिए—क्योंकि सीटें सीमित हैं और मांग तेज़ी से बढ़ रही है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
भारत गौरव ट्रेन की कुल यात्रा अवधि कितनी है?
यह ट्रेन 13 सितंबर 2025 से 22 सितंबर 2025 तक 10 दिन और 9 रातों का पूरा कार्यक्रम प्रदान करती है, जिसमें सात प्रमुख तीर्थस्थलों पर रुकाव शामिल है।
क्या टिकटों की बुकिंग ऑनलाइन की जा सकती है?
हाँ, आप IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से 5 सितंबर 2025 तक अग्रिम बुकिंग कर सकते हैं। ऑफ़लाइन बुकिंग भी प्रमुख स्टेशन काउंटर से संभव है।
EMI विकल्प कैसे काम करता है?
EMI में यात्रा का कुल किराया तीन, छह या बारह समान किस्तों में विभाजित किया जाता है। पहली किस्त बुकिंग के समय ही भरनी होती है, बाकी किस्तें मासिक बैंक ट्रांसफ़र के द्वारा जारी रखी जाती हैं।
कौन‑कौन से स्थानों पर यात्रियों को स्थानीय भ्रमण के लिए बस प्रदान की जाएगी?
कोलकाता, गंगासागर, बैजनाथ धाम, वाराणसी और अयोध्या में एसी एवं नॉन‑एसी बसों की व्यवस्था की गई है, जिससे यात्रियों को प्रमुख मंदिरों एवं घाटों का विस्तृत भ्रमण करने का अवसर मिलेगा।
क्या इस यात्रा में विशेष रूप से कोई ध्यान‑धर्म कार्यक्रम आयोजित होगा?
हर पवित्र स्थल पर स्थानीय पुजारियों द्वारा आरती, कथा और योग सत्र आयोजित किए जाएंगे। विशेष रूप से वाराणसी में संध्या गंगा आरती और अयोध्या में सरयू आरती को मुख्य आकर्षण बताया गया है।
IRCTC ने भारत गौरव ट्रेन का उदघाटन किया है, जिससे कई श्रद्धालु एक ही यात्रा में कई प्रमुख तीर्थस्थलों को देख सकेंगे। यह पहल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए भी सुविधाजनक विकल्प प्रदान करती है। ट्रेन में एसी, थर्ड एसी और स्लीपर क्लास के संग्राम उपलब्ध हैं, जिससे यात्रियों की विविध जरूरतें पूरी होती हैं। स्थानीय बसों द्वारा प्रत्येक स्थल पर गाइडेड टूर की व्यवस्था की गई है, जिससे परिसर में अधिक जानकारी मिलती है। कुल मिलाकर, यह प्रोजेक्ट धार्मिक यात्रा को आधुनिकता के साथ जोड़ता प्रतीत होता है।
वाह! ऐसी ट्रेन का सोचना ही दिल को खुश कर देता है। दस दिनों में इतना सारा पवित्र धाम देखना अब सपना नहीं रहेगा। हर जगह का भोजन और आवास पूरी तरह से व्यवस्थित बताया गया है, जिससे कोई भी अनिश्चित नहीं रहेगा। EMI विकल्प से आर्थिक दबाव कम होगा, यही सबसे बड़ी बात है। ये यात्रा उन युवा यात्रियों को भी आकर्षित करेगी जो आध्यात्मिकता की ओर झुकाव रखते हैं। कुल मिलाकर, यह पहल अति उत्तम और सराहनीय है।
ये सब गंदा राजनेताओं का खेल है, असली भक्तों का नहीं।
हम्म, ट्रेन चलाने के लिए हमें बस टिकट की जगह वेटिंग लिस्ट बनानी पड़ेगी क्या? असली तीर्थ यात्रा में अब एयर कंडीशन की भी जरूरत पड़ गई, कितना मॉडर्न हो गया है।
धार्मिक स्थल पर इतना सब्जेक्टिव बकवास नहीं होना चाहिए, लेकिन ये लोग फिर भी धंधा बना रहे हैं।
भारत की धरती पर ऐसा पर्यटन प्रोजेक्ट देखना हमारे जड़ जमी हुई सोच को एक नई दिशा देता है।
यह ट्रेन केवल धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है।
कौन कहेगा कि हमारी प्राचीन सांस्कृतिक धरोहरें आज नहीं चलेगीं, जब इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं।
सरकार ने इस परियोजना को प्राथमिकता दी है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों वर्गों को लाभ होगा।
हमारे बुजुर्गों ने अंतहीन यात्रा की परंपरा को संजोए रखा था, अब यह नई पीढ़ी के लिए अवसर बन रहा है।
वित्तीय सहायता के लिए EMI की पेशकश करना एक समझदार कदम है, जिससे आम जनता भी हिस्सा ले सके।
लोड shedding और कॉरिडोर मैनेजमेंट का ध्यान रखते हुए यह ट्रेन समय पर चलाने का वादा करती है।
हर स्टेशन पर स्थानीय कलाकारों को मंच मिलने से सांस्कृतिक आदान‑प्रदान को बढ़ावा मिलेगा।
सीमित बर्थ्स की व्यवस्था से पहले से ही कतारें बन रही हैं, यह दर्शाता है कि मांग कितनी बड़ी है।
टिकट बुकिंग की प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों रूप में उपलब्ध है, जिससे हर कोने का आदमी इस में शामिल हो सकता है।
आगरा से शुरू होकर अयोध्या पर समाप्त होने वाला यह मार्ग हमारे स्वतंत्रता संग्राम की याद दिलाता है।
कोई भी कहना चाहे कि यह सिर्फ पर्यटन है, पर असल में यह हमारे राष्ट्रीय भावना को पुनर्जीवित कर रहा है।
भोजन और आवास की सुविधा का उल्लेख किया गया है, जिससे यात्रा के दौरान कोई असुविधा नहीं होगी।
रात‑दिन के दोपहर के भोजन का प्रबंध भी हर थाली में स्वच्छता मानकों को कायम रखेगा।
इसी तरह के कई प्रोजेक्ट्स से भारत को आर्थिक रूप से भी उन्नति मिलेगी, क्योंकि पर्यटन आय में वृद्धि होगी।
समाप्ति में, मैं कहूँगा कि यह ट्रेन हमारे राष्ट्र के गौरव को फिर से उभारने में सहायक सिद्ध होगी।
इतना डरावना नहीं, इतना ही तो उम्मीदें बढ़ाती हैं।
सभी को इस पहल में भाग लेना चाहिए, इससे समाज में एकता का माहौल बनेगा।
ऐसी ट्रेन से यात्रा बेहतरीन होगी।
बुकिंग के लिए IRCTC ऐप में भारत गौरव सेक्शन देखें, वहें सीधे टिकट उपलब्ध हैं।
प्रारम्भ तिथि 13 सितंबर है समाप्ति 22 सितंबर कुल अवधि दस दिन यात्रा मार्ग विस्तृत है।
वाह! 🙌 इस ट्रेन से कई लोग एक साथ पवित्र तीर्थस्थल देख पाएँगे 😊