जब ऋतुराज गायकवाड़, महाराष्ट्र क्रिकेट टीम के कप्तान ने बल्लेबाज़ी शुरू की, तो केरल के मूल खिलाड़ी संजू सैमसन की टीम ने असहज स्थितियों से बचते हुए 18 रन पर पाँच विकेट झटक दिया। यह नाटकीय गिरावट रणजी ट्रॉफी 2025-26केरल के मध्य‑अक्टूबर के मैच में घटित हुई।
पृष्ठभूमि और टीमों की स्थिति
भारत का प्रमुख प्रथम‑श्रेणी क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी का यह सीजन 2025‑26, दो शिखर खिलाड़ियों के टकराव को लेकर धूमधाम से शुरू हुआ। बीसीसीआई ने इवेंट के क्रम में कुल 38 सार्वजनिक मैच निर्धारित किए हैं, जिनमें से महाराष्ट्र‑केरल का मुकाबला समूह‑ए के शुरुआती चरण में है। महाराष्ट्र, पिछले सीजन में ग्रुप‑सी में मध्य‑स्थान पर समाप्त हुआ था, जबकि केरल ने अपनी तेज़़ बॉलिंग यूनिट से कई हलचलें बनाई थीं।
महाराष्ट्र की अड़चन अनेक कारणों से जुड़ी थी – रैंकों में बदलाव, नए चेहरे और कप्तान गायकवाड़ पर अंतरराष्ट्रीय कैप्स की उम्मीदें। वहीं, सैमसन को इस साल केरल में फिर से अपना बेसबॉल (विकेट‑कीपर) भूमिका संभालते हुए अपनी तेज़ी और रचनात्मकता दिखाने का मौका मिला था।
मैच की घटनाएँ: 5 विकेट, 18 रन
पहले ओवर से ही केरल की इस्पात‑सी गेंदबाजियों ने धमाल मचाया। पहले दो ओवर में चार बल्लेबाज़ों ने शून्य पर बाहर हो गए – यह वही आँकड़ा था जिसे पत्रिका ने 15 अक्टूबर को उजागर किया था: “पांच बल्लेबाज़ दो ओवर के बाद भी शून्य पर, चार 0 पर।” यह क्रमिक गिरावट प्रिथ्वी धर्मेश शॉ के विकेट के बाद पूरी तरह तेज़ हो गई। शॉ, जो पहले मुंबई की कप्तानी और 2018 के अंडर‑19 विश्व कप की जीत में प्रमुख रहे, ने केवल चार गेंदों में 0 बनाकर अपना डेब्यू ख़त्म कर दिया।
केवल 18 रन पर पाँच विकेट गिरने के बाद महाराष्ट्र ने अपना आत्मविश्वास खो दिया। रन‑जोड़ते‑समय के अतिरिक्त (extras) बहुत कम रहे, इसलिए आँकड़ा निराशाजनक दिखा। कोच ने फ़ॉर्मूला बदलते हुए मध्य‑क्रम को स्थिर करने की कोशिश की, परकेवल 20‑30 गेंदों में फिर से दो और आउट हुआ। “हमारी योजना थी कि शॉ को जल्दी ही कवर की जाए, पर वह सरल नहीं था,” गायकवाड़ ने मैदान के किनारे कहा।
केरल की गेंदबाज़ी में प्रमुख नाम जालज सॉक्सेना रहे, जिसने पिच की सहायता ले कर कई लम्बी लाइनों के साथ दबाव बनाया। सॉक्सेना, 1987 में इंदौर में जन्मे और पिछले नौ सीज़न से केरल में फॉर्म में रहते हुए, इस मैच में 2‑विक्टोरियों के साथ शान से सहयोग कर रहे थे।
खिलाड़ियों के बयान और मीडिया प्रतिक्रिया
मैच के बाद, सैमसन ने कहा, “हमारा प्लान था कि शुरुआती ओवर में दाब डालें, और आज वह काम कर गया। उनके शुरुआती पाँच विकेट हमारे लिए एक बड़े फायदे की तरह रहे।” दूसरी ओर, गायकवाड़ ने स्वीकार किया, “आज हमारा प्रदर्शन बहुत ही निराशाजनक रहा, लेकिन हमें इस स्थिति से सीख लेनी चाहिए।” प्रिथ्वी शॉ ने बताया, “मुझे लगा कि मैं अपनी नई टीम में जल्दी तालमेल बिठा लूँगा, पर आज की गेंदबाज़ी बहुत कठिन थी।”
टेलीविज़न चैनल न्यूज़ नेैशन टीवी ने इस गिरावट को “इतिहास में एक बड़ी टॉप‑ऑर्डर चौंकाने वाली घटना” कहा और भविष्य के मैचों में महाराष्ट्र को “फिर से संगठित होने” की सलाह दी। टाइम्स नाउ ने इस खेल को “बॉर्डर‑गवाक्कार ट्रॉफी की संभावनाओं पर असर डाल सकता है” कहा, जिससे दोनों टीमों के खिलाड़ियों की अंतरराष्ट्रीय चयन पर भी असर पड़ सकता है।
प्रभाव और भविष्य की दिशा
इस जीत के साथ केरल ने समूह‑ए में अपना पॉइंट्स बढ़ाया, जिससे उनका संभावित क्वार्टर‑फ़ाइनल रास्ता साफ़ हो गया। महाराष्ट्र की इस शुरुआती हार ने उन्हें पुनः रणनीति बनाकर, मध्य‑क्रम को मजबूती देने और बॉलिंग एटैक को संतुलित करने की जरूरत पैदा की है।
विशेषज्ञों का मानना है कि गायकवाड़ को अपने खुले‑बेटिंग पोजीशन में थोड़ा सुधार करना होगा, जबकि सैमसन को अपनी विकेट‑कीपिंग को और बेहतर बनाते हुए कप्लिंग पार्टनर को सुसंगत रखना चाहिए। “अगर गायकवाड़ अपनी फॉर्म को पुनः प्राप्त कर लेते हैं, तो वह राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह सुरक्षित रख सकते हैं,” क्रिकेट विश्लेषक रवींद्र कुमार ने कहा।
आगामी मैच और कैलेंडर
अगले हफ़्ते में महाराष्ट्र को गुजरात के खिलाफ खेलना है, जबकि केरल को तमिलनाडु के खिलाफ अपना अगला मैच मिल रहा है। दोनों टीमों को इस सीजन में अपनी ग्रुप स्थितियों को सुधारने के लिए अभी कई मैच बचे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
केरल ने इस मैच में कैसे_pressure_बनाया?
केरल की तेज़ बॉलिंग यूनिट ने पहले दो ओवर में ही चार विकेट लेकर शुरुआती दबाव बनाया। जालज सॉक्सेना की क्लासिक लाइन और संजू सैमसन की एग्जैक्ट फील्डिंग ने बल्लेबाज़ियों को असहज कर दिया, जिससे उनका स्कोर 18 रन पर ही स्थिर हो गया।
ऋतुराज गायकवाड़ के इस प्रदर्शन का उनके अंतरराष्ट्रीय करियर पर क्या असर पड़ेगा?
एक अंतरराष्ट्रीय ओपनर के रूप में गायकवाड़ को इस तरह की शुरुआती गिरावट से चयनकों की नज़र में सवाल उठ सकते हैं। लेकिन यदि वे अगले मैचों में अपनी फॉर्म को ठीक कर लेते हैं, तो उन्हें भारत की टी‑20 और वन‑डे टीम में अपनी जगह बनाए रखने में कोई बड़ी बाधा नहीं होगी।
प्रिथ्वी शॉ का महाराष्ट्र में डेब्यू क्यों महत्वपूर्ण माना जा रहा है?
शॉ ने 12 साल पहले मुंबई के साथ अपनी शानदार घरेलू करियर शुरू किया था और अब उन्होंने महाराष्ट्र के लिए पहला मैच खेला। उनका डेब्यू बड़ी उम्मीदों के साथ आया, पर इस बार केवल चार गेंदों में 0 बनाकर उनका प्रवेश निराशाजनक रहा, जिससे उनकी आगामी टीम में भूमिका पर सवाल उठे।
बीसीसीआई ने इस मैच के बाद टीमों को कौन‑सी सलाह दी?
बीसीसीआई ने दोनों पक्षों को कहा कि वे युवा खिलाड़ियों को अधिक जिम्मेदारी दें और बॉलिंग में विविधता लाएँ। उन्होंने कहा कि ऐसी शुरुआती गिरावट को रोकना चाहिए, ताकि प्रतियोगिता का स्तर उच्च बना रहे।
आगामी मैचों में कौन‑से खिलाड़ी प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं?
केरल के लिए संजू सैमसन आगे भी बल्लेबाज़ी में प्रमुख रहेंगे, जबकि जालज सॉक्सेना की पिच‑समर्थक बॉलिंग टीम की जीत की कुंजी होगी। महाराष्ट्र में ऋतुराज गायकवाड़, अगर अपनी शुरुआत सुधारते हैं, तो उनके साथी जैसे पंकज साहनी और हेमंत लोहिया भी मैचों को संतुलित कर सकते हैं।
वाह! केरल की गेंदबाज़ी ने सच में कमाल कर दिया, पाँच विकेट सिर्फ 18 रन पर! ऋतुराज गायकवाड़ के शुरुआती झटके को देखते हुए टीम को फिर से संगठित होने की जरूरत है। इस तरह की नाटकीय गिरावट अक्सर टीम की मनोवैकों पर असर डालती है। उम्मीद है कि महाराष्ट्र अगले मैच में अपने मध्य क्रम को मजबूत करके वापसी करेगा। पूरी प्रतियोगिता के लिए यह एक रोमांचक मोड़ है।