सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2024: बरौदा बनाम तमिलनाडु
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2024 के एक बेहद आकर्षक मुकाबले में बरौदा ने तमिलनाडु को तीन विकेट से हराया। इस जीत का सारा श्रेय जाना चाहिए हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पांड्या को, जिन्होंने एक विस्फोटक पारी खेली। उस रात, होल्कर स्टेडियम में माहौल मानो मौन तोड़ने का इंतजार कर रहा था। पांड्या जब बल्लेबाजी करने उतरे, तो चारों ओर से बल्लेबाजी के शानदार कौशल ने क्रिकेट प्रेमियों को मोहित कर दिया।
हार्दिक ने 30 गेंदों में 69 रन बनाकर, अपनी टीम के लिए राह खोल दी। उनके इस लाजवाब प्रदर्शन में सात शानदार छक्के शामिल थे। जब हार्दिक मैदान पर उतरे, तो बरौदा को 44 गेंदों में 101 रन की दरकार थी, जिसमें छह विकेट बचे थे। लेकिन हार्दिक के आते ही मानो तमिलनाडु के गेंदबाजों की रात में खलबली मच गई। सबसे मशहूर रहा 17वां ओवर, जिसमें उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स के नए खिलाड़ी गुरजपनीत सिंह का स्वागत किया चार छक्कों से।
जीत की तरफ बढ़ता मैच
17वें ओवर की शुरुआत में बरौदा को 24 गेंदों में 66 रन चाहिए थे, लेकिन हार्दिक की आक्रामक बल्लेबाजी ने परिस्थितियों को तेजी से बदल दिया। इस ओवर के अंत तक, बरौदा का रन रेट सहसा घट गया। परंतु, हार्दिक की जुझारू पारी का अंत पहले ही गेंद पर हो गया। विजय शंकर ने एक अलग ही रोमांच से परिपूर्ण कैच लपका।
हालांकि, हार्दिक की प्रशंसा इस बात के लिए भी थी कि उन्होंने असमंभव को संभव बनाने का मौका दिया। अंतिम ओवर तक मैच बहुत ही नाजुक स्थिति में था। अंतिम गेंद पर बरौदा को चार रन चाहिए थे, जो एक उल्लेखनीय प्रयास में अतीत शेट ने दिला दिए। शेट ने मोहम्मद की गेंद पर जबरदस्त प्रहार कर चार रनों से फिनिश किया।
तमिलनाडु की पारी
पहले बल्लेबाजी करते हुए तमिलनाडु ने एक बड़ा स्कोर बनाया था। उन्होंने 20 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 221 रन जुटाए। इसमें एन जगदीशन ने 57 और विजय शंकर ने नाबाद 42 रनों की बहुमूल्य पारियां खेलीं। इसके अलावा, शाहरुख खान ने भी 39 रन बनाए।
तमिलनाडु की टीम ने अच्छी शुरुआत की, जिसमें उनके बल्लेबाजों ने पहले ओवर से ही आक्रामकता दिखाई। शंकर और जगदीशन की साझेदारी ने टीम को मजबूत स्थिति में लाया। अंतिम ओवरों में मोहम्मद समेत अन्य बल्लेबाजों ने स्कोर को और आगे बढ़ाया।
समूह बी में बरौदा शीर्ष पर
इस जीत के बाद, बरौदा ने समूह बी के अंक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया। हार्दिक पांड्या की यह पारी न केवल उनकी टीम के लिए बल्कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के इतिहास में भी एक स्मरणीय पल बन गई। तमिलनाडु के लिए यह मैच एक बड़ा सबक था, लेकिन वे अपने अगले मुकाबले में गुजरात के खिलाफ पूरी ताकत के साथ मैदान में उतरेंगे।
इस रोमांचक मुकाबले ने यह साबित कर दिया कि क्रिकेट महज एक खेल नहीं, बल्कि जुनून और रणनीति का संगम है। हार्दिक की बेमिसाल पारी को देख उनके फैंस और खेल प्रेमियों ने जमकर सराहना की। बरौदा की इस जीत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि क्रिकेट अनपेक्षित घटनाओं का खेल है और यह किसी भी क्षण में कुछ भी नया कर सकता है।
ये हार्दिक पांड्या किसी और का नाम है या फिर कोई राज़ का खिलाड़ी है? ये सब टीम ने एक साथ बनाया है ना? किसी ने उसे बुलाया होगा तभी तो इतना धमाका किया...
वाह ये मैच तो देखने लायक था। हार्दिक ने जैसे बल्ले से बात की थी। अंतिम ओवर में शेट का शॉट तो दिल दहला गया। बरौदा के लिए बहुत बड़ी जीत हुई
अरे ये सब तो बस एक नाटक है। तमिलनाडु के गेंदबाज़ जानबूझकर गलत गेंदें फेंक रहे थे। देखो ना उनके बाद के मैच कैसे चले? ये तो सब राजनीति है। इस ट्रॉफी में बस एक ही टीम जीतती है और वो है जिसके पास पैसा है। हार्दिक की पारी तो बस एक धुंध है। इस तरह के नाटक देखने के बजाय बेहतर है कि हम अपने बच्चों को फुटबॉल सिखाएं।
इस मैच के आँकड़ों का विश्लेषण करने पर यह स्पष्ट होता है कि बरौदा की जीत का आधार आक्रामक बल्लेबाजी नहीं बल्कि तमिलनाडु के गेंदबाजों के अनुचित रणनीतिक निर्णय थे। विशेष रूप से 17वें ओवर में गुरजपनीत सिंह के बनाए गए चार छक्के जिनकी गति 140 किमी/घंटा से अधिक थी, जो आमतौर पर टी20 में असंभव है। यह एक संभावित गेंद बदलाव अनुचित घटना है। इस तरह की घटनाओं की जांच की जानी चाहिए।
हार्दिक का रन रेट 230+ था जो T20 के इतिहास में अभूतपूर्व है। इस ओवर का आँकड़ा भी 48 रन था जो एक अतिरिक्त रन नहीं बल्कि एक टूटन है। तमिलनाडु की गेंदबाजी का एक्सपोजर बिल्कुल नहीं था। ये सिर्फ बल्लेबाजी का नहीं बल्कि बॉलिंग की असमर्थता का उदाहरण है।
हार्दिक पांड्या हमारे देश के असली नायक हैं। ये जीत सिर्फ बरौदा की नहीं, भारत की जीत है। जिन लोगों ने तमिलनाडु को समर्थन दिया वो अपनी राज्यवादी सोच छुपा रहे हैं। हमारा खिलाड़ी हमारे लिए जीता, और ये बहुत बड़ी बात है। 🇮🇳
मैच देखकर बहुत अच्छा लगा। हार्दिक ने जो बल्लेबाजी की वो बस खेल का जुनून था। अंतिम ओवर में शेट का शॉट देखकर मेरी आंखें भर आईं। अगर आप भी इस तरह के मैच देखते हैं तो जरूर बताएं। खेल का मजा तो यही है ना 😊
क्या आपने कभी सोचा है कि हार्दिक की ये पारी किस बात का प्रतीक है? जब दुनिया तुम्हें गिराने की कोशिश करती है तो तुम उसी के बीच में चमक जाते हो। ये बस एक खेल नहीं बल्कि जीवन का संदेश है। जब आपके पास कुछ नहीं होता तो आप अपने अंदर का आग जलाते हो। ये वही आग है जो हार्दिक ने बल्ले में बदल दी।
मैंने इस मैच को देखा। बरौदा के खिलाफ तमिलनाडु का खेल बहुत अच्छा रहा। हार्दिक पांड्या की पारी अत्यंत असामान्य थी। यह एक विशेष घटना है। इस तरह के खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शामिल किया जाना चाहिए।
हार्दिक की पारी देखकर लगा जैसे बचपन की यादें जाग गईं। जब हम बाहर खेलते थे तो अपने दोस्तों को चुनते थे और जीतने की कोशिश करते थे। आज भी वही जज्बा है। ये खेल हमें याद दिलाता है कि असंभव कुछ भी नहीं होता। अगर आप भी बच्चों को खेलना सिखाते हैं तो ये मैच उनके लिए बहुत अच्छा उदाहरण होगा।
हार्दिक तो भारत का राष्ट्रीय ध्वज है! तमिलनाडु के गेंदबाज़ बस फेंक रहे थे! अगर ये मैच दिल्ली में होता तो लोग रो रहे होते! 🤬🇮🇳🔥
ये मैच तो दिल को छू गया। हार्दिक ने जो किया वो बस एक खिलाड़ी का काम नहीं बल्कि एक नेता का। अंतिम गेंद पर शेट का शॉट देखकर मैं खड़ा हो गया। खेल इतना खूबसूरत क्यों होता है? 😊
ये हार्दिक पांड्या कोई खिलाड़ी नहीं बल्कि एक भूत है। जब वो बल्लेबाजी करने आता है तो गेंदबाज़ डर जाते हैं। तमिलनाडु के गेंदबाज़ तो बस आंखें बंद करके फेंक रहे थे। ये नाटक नहीं ये जादू है।
और अगर आपको लगता है कि ये एक साधारण जीत है तो आप गलत हैं। ये सब एक बड़ी चाल है। अगर बरौदा नहीं जीतता तो कौन जीतता? ये ट्रॉफी तो बस एक धोखा है। आप जानते हैं कि इस ट्रॉफी के लिए कितने लोगों को बर्खास्त किया गया? इस जीत के पीछे एक बड़ा षड्यंत्र है।