जब अजीत अगरकर, मुख्य चयनकर्ता, ने हाल ही में अपनी सख़्त नीति का ज़िक्र किया, तो भारतीय क्रिकेट के दो सबसे बड़े सितारे — रोहित शर्मा और विराट कोहली — तुरंत प्रश्नचिह्न में आ गए। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने घोषणा की कि 2027 World Cup में भाग लेना चाहने वाले खिलाड़ियों को घरेलू प्रतियोगिताओं में नियमित रूप से दिखना अनिवार्य है, और यह प्रावधान दोनों दिग्गजों के लिए मुँह पर थप्पड़ जैसा महसूस हो रहा है।
सख़्त नीति का पृष्ठभूमि
पिछले साल BCCI ने एक स्पष्ट दिशा निर्धारण किया: वनडे फॉर्मेट में लगातार खेलने वाले खिलाड़ियों को देश के अंदर ही कलॉकिंग सत्रों में भाग लेना होगा, नहीं तो अंतरराष्ट्रीय टीम की सूची से बाहर किया जा सकता है। यह कदम पहले कई बार विवाद में फंसा था, लेकिन अजीत अगरकर ने इसे ‘टीम के भविष्य की सुरक्षा’ के रूप में पेश किया। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता है कि युवा प्रतिभा को सही मंच मिले, और इसके लिए हमारी वरिष्ठ खिलाड़ियों को भी घरेलू परिदृश्य में सक्रिय रहना पड़ेगा।”
2027 विश्व कप पर सीधा असर
इस नीति के तहत 2027 वनडे विश्व कपभारत की चयन प्रक्रिया में नए मानदंड जुड़ गए हैं। चयनकर्ताओं ने स्पष्ट किया कि यदि कोई खिलाड़ी घरेलू टीम (जैसे मुंबई, दिल्ली, पंजाब) में लगातार नहीं खेलता, तो उसे ‘नॉन कमिटल’ यानी अनिच्छुक मानेंगे। यही शब्द अजीत अगरकर ने रोहित‑विराट की स्थिति पर लागू किया।
मुख्य निर्णय और उनका कारण
रोहित शर्मा को वनडे कप्तानी से हटाकर शुभमन गिल को दिया गया। यह बदलाव 2024 की ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बाद आया, जहाँ रोहित का फॉर्म काफी गिरा हुआ दिखा। गिल का चयन इसलिए किया गया क्योंकि वह निरंतर घरेलू क्रिकेट में भाग ले रहा है और बॉलिंग में भी योगदान दे रहा है।
विराट कोहली की स्थिति थोड़ी अलग है। लंदन से वह बेंगलुरु नहीं आया था, क्योंकि वह फिजिकल टेस्ट के लिए अपनी व्यक्तिगत प्रशिक्षण सुविधा का उपयोग कर रहा था। अजीत अगरकर ने कहा, “एक टीम के रूप में आप कहां खड़े हैं, इसे देखना ज़रूरी है। अगर खिलाड़ी नहीं आते, तो हमें विकल्प तलाशना पड़ेगा।”
खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया
रोहित ने एक निजी बातचीत में कहा, “मैं समझता हूँ कि टीम को निरंतर प्रदर्शन चाहिए, पर मेरे लिए इस नीति का असर व्यक्तिगत करियर पर भी पड़ रहा है।”
विराट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं फिटनेस पर ध्यान दे रहा हूँ, लेकिन यदि चयनकर्ता यह मानते हैं कि मुझे घरेलू में खेलना चाहिए, तो मैं ज़रूर पॉज़िटिव कार्रवाई करूँगा।”
गौतम गंभीर, मुख्य कोच, ने भी अपनी राय दी: “हमारा लक्ष्य है कि टीम के सभी सदस्य एक ही लक्ष्य की ओर बढ़ें। रोहित और विराट दोनों ही हमारे लिए अमूल्य हैं, लेकिन टीम के हित में कभी‑कभी कठिन निर्णय लेना पड़ता है।”
विशेषज्ञों की राय
क्रिकेट विश्लेषक रवीश कुमार ने टिप्पणी की, “वनडे में रोहित‑विराट का अटूट जॉट दो दशक से टीम को समर्थन दे रहा है। यदि उन्हें इस नीति के कारण 2027 विश्व कप से बाहर किया गया, तो भारत की जीत की संभावनाएँ घट जाएँगी।”
दूसरी ओर, पूर्व अंतरराष्ट्रीय कोच अलीशा अज़र ने कहा, “बच्चों को मौका मिले तो वह बड़े खेलें। यह नीति युवा खिलाड़ीयों को मंच दे सकती है, बस इसे लचीला रखा जाना चाहिए।”
आगे क्या संभावनाएँ?
ऑस्ट्रेलिया में चल रही सीरीज दोनों खिलाड़ियों के लिए आखिरी परीक्षा बन गई है। अगर वे लगातार प्रदर्शन कर दिखाते हैं और घरेलू सत्रों में भाग लेते हैं, तो चयनकर्ताओं को उन्हें फिर से विचार में लेना पड़ेगा। अन्य विकल्प में विराट कोहली को ‘विजय हजारे’ टूर्नामेंट में शामिल करना शामिल है, जिससे उनका फिटनेस टेस्ट पूरा हो सके।
समुदाय में यह बात तेज़ी से फैल रही है कि यदि रोहित या विराट को 2027 विश्व कप में नहीं देखा गया, तो बीसीसीआई को अगली पीढ़ी के हिटर्स को तैयार करने में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
- अजीत अगरकर की नीति: घरेलू क्रम अनिवार्य
- रोहित की कप्तानी बदल: शुभमन गिल ने ली कमान
- विराट की फिटनेस जांच: लंदन से बेंगलुरु नहीं आया
- ऑस्ट्रेलिया सीरीज: निर्णायक मोड़
- विशेषज्ञ चेतावनी: टीम की जीत पर असर
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
रोहित शर्मा को 2027 विश्व कप से क्यों बाहर किया जा सकता है?
BCCI ने घोषणा की कि सभी खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में लगातार खेलें, नहीं तो उन्हें ‘नॉन कमिटल’ माना जाएगा। रोहित ने ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बाद घरेलू सत्रों में भाग नहीं लिया, इसलिए चयनकर्ता अजीत अगरकर ने उन्हें इस नीति के तहत बाहर करने का संकेत दिया है।
विराट कोहली को कौन सी शर्तें पूरी करनी होंगी?
विराट को अपने फिटनेस टेस्ट को देश के भीतर, विशेषकर बेंगलुरु में, करके दिखाना होगा और साथ ही घरेलू वनडे मैचों में कम से कम दो सीजन तक भाग लेना होगा, तभी उसे 2027 विश्व कप की सूची में रखा जा सकेगा।
अगर रोहित‑विराट बाहर हो जाएँ तो टीम की ताकत पर क्या असर पड़ेगा?
रोहित और विराट दोनों ने पिछले दो दशकों में 1,200 से अधिक वनडे रन और 300+ विकेट मिलाकर टीम को जीत की दिशा में ले जाया है। उनकी अनुपस्थिति से भारतीय वनडे लाइन‑अप में अनुभवी पावरहिटर्स की कमी रह जाएगी, जिससे रन‑रेट में गिरावट और नई पीढ़ी को जल्दी ही जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी।
क्यों BCCI ने घरेलू क्रिकेट को अनिवार्य किया?
भारी टैलेंट पूल और लगातार विश्व कप जीतने की इच्छा के कारण BCCI ने महसूस किया कि युवा खिलाड़ियों को लगातार मैच अनुभव मिलना चाहिए। इसलिए उन्होंने सीनियर खिलाड़ियों को भी घरेलू लीग में सक्रिय रखने की नीति बनायी, ताकि एक स्थायी प्रतिस्पर्धा का माहौल बना रहे।
आगामी ऑस्ट्रेलिया सीरीज का महत्व क्या है?
ऑस्ट्रेलिया सीरीज में दोनों दिग्गजों को निरंतर प्रदर्शन दिखाना होगा और साथ ही घरेलू शादी‑शादी की कमी को पूरा करने के लिए गतिशीलता दिखानी होगी। यह ही आखिरी मौका होगा जिससे चयनकर्ता उन्हें 2027 विश्व कप में शामिल करने का निर्णय ले सकें।
भाइयो, अगर एजित सर का ये नियम लगाकर युवा टैलेंट को मौका देगा तो भविष्य में भारत के लिए बेहतर होगा।