भारत-सऊदी अरब साझेदारी में व्यापार और निवेश के महत्वपूर्ण स्तंभ

भारत-सऊदी अरब साझेदारी में व्यापार और निवेश के महत्वपूर्ण स्तंभ

भारत-सऊदी अरब साझेदारी: व्यापार और निवेश के महत्वपूर्ण स्तंभ

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद के साथ बैठक की। इस बातचीत में उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बेहद अहम हैं और ये संबंधों को और भी गहरा बना रहे हैं। भारत और सऊदी अरब के बीच नए क्षेत्रों में सहयोग की शुरुआत हो चुकी है, जिनमें प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य और शिक्षा शामिल हैं। जयशंकर ने इस साझेदारी की ताकत और इसके विकास की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की।

पश्चिम एशिया में स्थिति पर गहरी चिंता

वहीं, विदेश मंत्री ने पश्चिम एशिया, विशेष रूप से गाज़ा के मौजूदा हालातों पर भी अपनी चिन्ता जाहीर की और जल्द ceasefire की आवश्यकता पर जोर दिया। जयशंकर ने भारत की लगातार नीति का जिक्र करते हुए कहा कि भारत का स्थायी रुख दो-देश समाधान के जरिए फिलिस्तीनी मुद्दे को सुलझाने का है। उन्होंने फिलिस्तीनी संस्थाओं और क्षमताओं के निर्माण में भारत के योगदान को भी उजागर किया।

विजन 2030 और विकसित भारत 2047 के बीच समानताएँ

जयशंकर ने कहा कि सऊदी अरब का विजन 2030 और भारत का विकसित भारत 2047 आपस में काफी समानताएँ रखते हैं। इनके कारण दोनों देशों की उद्योगों के लिए नए साझेदारियाँ बनाने के बेहतरीन अवसर मौजूद हैं। इसको देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि इंडस्ट्री के विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार और विकास का भविष्य उज्ज्वल है।

भारतियों के कल्याण के लिए आभार प्रकट

जयशंकर ने सऊदी अरब में रहने वाले 2.6 मिलियन भारतीय समुदाय के कल्याण और उनकी भलाई के लिए सऊदी सरकार का आभार जताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय समुदाय दोनों देशों के बीच एक मजबूत सेतु का काम कर रहा है और इनके बेहतर फायदे के लिए वह नित नई पहलों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

बहुपक्षीय मंच पर समन्वय

बैठक के दौरान दोनों देशों ने बहुपक्षीय मंचों पर अपने समन्वय और उच्च स्तरीय सहभागिता की गति को तारीफ की। इससे साफ है कि भारत और सऊदी अरब के बीच रिश्ते न सिर्फ व्यापारिक और आर्थिक स्तर पर, बल्कि राजनीतिक और रणनीतिक सरोकारों में भी काफी मजबूत और स्थायी हो गए हैं।

सम्पूर्ण भारतीय प्रवासी के साथ व्यापक रिश्तों का यह सफर दोनों देशों के लिए दीर्घकालीन साझेदारी की तरफ अग्रसर हो रहा है। विभिन्न स्तरों पर बेहतर समन्वय इन्हें आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रहा है।

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