बॉबी देओल: बॉलीवुड में उनका सफ़र और अभी की ख़बरें

अगर आप 90 के दशक की बॉलीवुड फिल्मों को याद करते हैं तो बॉबी देओल का नाम ज़रूर सुनते होंगे। सुलेख देओल के बेटे के तौर पर उनका एंट्री था, पर उनकी अपनी पहचान जल्दी बन गई। शुरुआती दिनों में उन्होंने रोमांस, एक्शन और कॉमेडी में हाथ आज़माया और ऑडियंस को अपनी अदाकारी से जोड़ लिया।

शुरुआत और हिट फ़िल्में

बॉबी ने 1995 में ‘बाजीराव मस्तानी’ से अपना डेब्यू किया, लेकिन असली ब्रेक‑थ्रू 1997 की ‘विलेज़’ के साथ आया। वहाँ उनका एलबिट्रांस वाला सीन बहुत लोकप्रिय हुआ। उसके बाद ‘बेटा हैंडिकैप’, ‘रोज़ा’ और ‘हमरै बापू की दुल्हनिया' जैसी फ़िल्में बॉक्स‑ऑफ़िस पर चलती रहीं। इन फ़िल्मों ने उन्हें एक भरोसेमंद एंकर बना दिया, जो एक्शन और रोमांस दोनों में काम कर सकता है।

2002 में ‘बॉब्बी देओल’ के साथ ‘गोलियों का सफ़र’ ने मल्टी‑स्टार फ़ॉर्मूला आज़माया, लेकिन बॉबी की एंट्री सीन ने दर्शकों का ध्यान खींचा। 2005 की ‘झूलनी’ ने उन्हें फिर से काउंटर‑पिक बनाने में मदद की। इन फ़िल्मों की कहानी सरल थी, पर बॉबी की बॉलीवुड स्टाइल और डायलॉग डिलिवरी ने सबको पका दिया।

नयी प्रोजेक्ट्स और फैंस का जुड़ाव

पिछले कुछ सालों में बॉबी ने प्रयोगात्मक रोल लेना शुरू किया। 2017 की ‘सोल’ में उन्होंने पहली बार नायक नहीं, बल्कि एंटी‑हीरो की भूमिका निभाई। इस बदलाव ने फैंस में नई उमंग लाई और बॉक्स‑ऑफ़िस भी ठीक‑ठाक रहा। 2021 की ‘रायडर’ में एक्शन सीन फिर से हाई‑ऑक्टेन थे, जो बॉबी की पुरानी शैली को याद दिलाते हैं।

कभी‑कभी बॉबी सोशल मीडिया पर अपनी पर्सनैलिटी दिखाते हैं। इंस्टाग्राम पर उनके फॉलोअर्स को उनके जिम रूटीन, परिवार की फोटो और पुराने सेट की यादें पसंद आती हैं। इस तरह का जुड़ाव फैंस को लगता है कि वे सीधे स्टार से बात कर रहे हैं।

आगे देखने को मिल रहा है ‘इट्स मे’ और ‘फ़्री एज’ जैसे प्रोजेक्ट्स, जिसमें बॉबी को नई ज़िम्मेदारियाँ मिल रही हैं। फ़िल्म मेकर्स कहते हैं कि बॉबी अब स्क्रिप्ट के हिसाब से रोल चुनता है, जो उसके एंटी‑टाइप को तोड़ता है।

अगर आप बॉबी देओल की फ़िल्में नहीं देखी तो यार, एक बार ‘साज़िश’ या ‘बाज़ीगर’ देख लीजिए। ये फिल्में उनके एक्शन, कॉमेडी और डायलॉग डिलिवरी का बेहतरीन मिश्रण हैं। फ़िल्में छोटे‑बड़े मज़ाक, रोमांस और थ्रिल का सही बैलेन्स देती हैं, जिससे हर उम्र के दर्शक खुश होते हैं।

सार में कहें तो बॉबी देओल ने 90 के दशक से अपने करियर को लगातार अपडेट किया है। वह हमेशा इस बात पर फोकस रखते हैं कि कहानी में उनका योगदान क्या है, न कि सिर्फ नाम की शोर। यही कारण है कि फैंस अभी भी उनके नए प्रोजेक्ट का इंतज़ार कर रहे हैं। अगर आप बॉलीवुड के ऐसे एंटी‑हीरो को देखना चाहते हैं जो खुद को एक्टिंग से नहीं, बल्कि काम से साबित करता है, तो बॉबी देओल का नाम ज़रूर याद रखिए।