अर्जेंटीना की धमाकेदार जीत
दक्षिण अमेरिकी विश्व कप क्वालीफायर मैच में अर्जेंटीना ने बोलिविया को 6-0 से मात देकर पूरे स्टेडियम में खुशी की लहर दौड़ाई। इस मैच के नायक लियोनेल मेसी रहे, जिन्होंने अपनी नायाब काबिलियत का प्रदर्शन करते हुए टीम को शानदार जीत दिलाई। मेसी लंबे समय के बाद मैदान पर लौटे थे, और उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनकी वापसी का जश्न खूब धूमधाम से मनाया जाए।
मेसी की हैट्रिक और शानदार खेल
पहले हाफ में ही मेसी ने अर्जेंटीना को बढ़त दिला दी जब उन्होंने बोलिविया के डिफेंस की एक गलती का फायदा उठाते हुए 19वें मिनट में गोल दागा। खेल के 42वें मिनट में उन्होंने लौतरो मार्टिनेज को पास देकर दूसरा गोल भी कराया। यह गोल मेसी के बेहतरीन ड्राइबलिंग का नतीजा था, जिसमें उन्होंने दोनों सेंट्रल डिफेंडरों को पछाड़ दिया था। इंजन नजदीकी समय में, जूलियन अल्वारेज ने मेसी के एक त्वरित फ्री किक से तीसरे गोल का योगदान दिया।
खेल के दूसरे आधे भाग में प्रदर्शन
दूसरे हाफ में अर्जेंटीना ने गति में थोड़ी ढील दी, लेकिन फिर भी उन्होंने गोल की संभावना बनाए रखी। 69वें मिनट में नहुएल मोलिना के लो क्रॉस से थियागो अल्माडा ने काबिलियत दिखाकर एक शानदार गोल किया। खेल के 84वें और 86वें मिनट में मेसी ने दो बेहतरीन गोल दागे, जो बाहर वाले एरिया से थे, और अपनी काबिलियत पर मोहर लगाई।
क्वालीफायर में अर्जेंटीना की स्थिति
इस जीत के साथ ही अर्जेंटीना ने क्वालीफायर की तालिका में 10 मैचों से 22 अंकों के साथ शीर्ष स्थान को और भी पुख्ता बना लिया है। वे कोलंबिया से तीन अंक आगे बढ़े हैं, जबकि उरुग्वे तीसरे स्थान पर 16 अंकों के साथ है। इस मैच ने दिखा दिया कि क्यों मेसी आज भी विश्व के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों की सूची में उच्चतम स्थान पर हैं।
बोलिविया और अन्य टीमों की स्थिति
बोलिविया की टीम, जो तीन दशकों में पहली बार विश्व कप के लिए क्वालिफाई करने की प्रयास में लगी है, फिलहाल 12 अंकों के साथ अपनी दौड़ में बनी हुई है। वहीं, चिली की हार कोलंबिया के खिलाफ, ने कोच रिकार्डो गैरेका के समक्ष प्रश्नोपण्न कर दिया है। अर्जेंटीना के इसी प्रकार के प्रदर्शन से उनकी उम्मीदें और बढ़ेंगी।
मेसी ने जो किया, वो केवल फुटबॉल नहीं, एक धर्म है। बोलिविया के डिफेंस तो बच्चों की तरह थे, जिन्होंने एक बार भी उसकी ओर नहीं देखा। ये जीत अर्जेंटीना के गौरव का प्रतीक है। भारत को भी इतनी ताकत चाहिए, लेकिन हमारे खिलाड़ी तो बस टीवी पर बैठे रहते हैं।
मेसी की वापसी देखकर मुझे रोना आ गया... ये आदमी बस खेलता है, बिना किसी बहाने के। मैं तो उसके हर गोल को एक कविता समझती हूँ-एक तरफ तेज़ ड्रिबल, दूसरी ओर शांत निश्चय। ये खेल बस एक खेल नहीं, ये तो जीवन का एक अध्याय है। बोलिविया भी अच्छी टीम है, बस आज उनके सामने एक देवता आ गया।
मेसी के गोल देखकर लगता है जैसे ब्रह्मांड ने एक बार फिर अपनी रचना की शुद्धता दिखाई। वो गेंद उसके पैरों में नहीं, उसके आत्मा में है। हम जो 'क्षमता' कहते हैं, वो तो बस एक शब्द है। वो तो एक भावना है-एक ऐसा भाव जो शब्दों से परे है। बोलिविया के खिलाड़ी तो जीवन के लिए खेल रहे थे, मेसी तो अमरत्व के लिए।
महोदय, इस मैच के परिणाम को वैज्ञानिक रूप से विश्लेषित करने पर यह स्पष्ट होता है कि अर्जेंटीना की टीम का आयोजन, योजनाबद्धता, और खिलाड़ियों की शारीरिक तैयारी अत्यधिक उच्च स्तर की है। बोलिविया के खिलाड़ियों की शारीरिक स्थिति और रणनीतिक जागरूकता में अत्यधिक अंतर पाया जाता है।
मेसी की वापसी ने सबको याद दिला दिया कि असली नेतृत्व आवाज़ से नहीं, बल्कि काम से होता है। बोलिविया के खिलाड़ियों को भी गर्व होना चाहिए-वो एक दिव्य खिलाड़ी के सामने खेले। अगर हम भी इतना समर्पित हो जाएं, तो हमारे बच्चे भी एक दिन ऐसा करेंगे। बस थोड़ा सा विश्वास और अनुशासन चाहिए।