रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में एक ऐसा मैच जिसने सबको हैरान कर दिया। नवंबर 25, 2025 को, श्रीलंका ने जिम्बाब्वे को 9 विकेट से हराकर टी20 ट्राई सीरीज का पांचवां मुकाबला जीत लिया। ये जीत केवल एक मैच नहीं, बल्कि एक रिवर्स का निशान था। क्योंकि पांच दिन पहले, श्रीलंका ने जिम्बाब्वे के खिलाफ सिर्फ 95 रन बनाए थे — एक ऐसा स्कोर जिसके बाद टीम के बल्लेबाजों की क्षमता पर सवाल उठ रहे थे। लेकिन आज, उन्होंने 147 रनों का टारगेट 19.4 ओवर में बिना किसी झिझक के पूरा कर दिया। पथुम निसंका ने 58 गेंदों में 98 अप्रून रन बनाकर जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों को चुप करा दिया। उनके साथ कुसल मेंडिस ने 25 अप्रून रनों के साथ शांति से खेला। जिम्बाब्वे की बल्लेबाजी का अंत 146/5 पर हुआ, और श्रीलंका के बाएं हाथ के स्पिनर वानिंदु हासरंगा ने 4 विकेट लेकर टीम को बचाया।
रिवर्स की कहानी: 95 से 147 तक
नवंबर 20 को, श्रीलंका का प्रदर्शन इतना बुरा था कि सोशल मीडिया पर लोगों ने टीम के फिनिशर के तौर पर मुसी को निशाना बनाया — जिन्होंने 14 गेंदों में सिर्फ 6 रन बनाए। टीम ने तीन बल्लेबाजों को डबल डिजिट तक नहीं पहुंचने दिया। उस दिन, जिम्बाब्वे ने 162/8 बनाकर श्रीलंका को 67 रनों से हरा दिया। लेकिन पांच दिन बाद, एक ही स्टेडियम, एक ही टीम, लेकिन बिल्कुल अलग श्रीलंका। इस बार, बल्लेबाजी टीम की जान बचाने का काम कर रही थी। निसंका ने अपनी शुरुआत से ही दबाव बनाया। उनकी बल्लेबाजी में वह तेजी थी जो टी20 में जीत के लिए जरूरी होती है — न तो अत्यधिक आक्रामक, न ही बहुत सावधान। बस बिल्कुल सही तरीके से।
गेंदबाजी का जादू: हासरंगा और कप्तान की जोड़ी
जिम्बाब्वे के लिए बल्लेबाजी का सबसे बड़ा आधार सिकंदर राजा थे। उन्होंने एक ऐसा शॉट खेला जिसे मैच कमेंटेटर ने 'फैंटेस्टिक' बताया — 'वो अपने क्रीज में गहरा घुस गए और लारेड को चार रन दे दिया।' लेकिन जब राजा आउट हुए, तो जिम्बाब्वे की बल्लेबाजी धीमी पड़ गई। वानिंदु हासरंगा ने अपने चार विकेटों के साथ टीम का दबाव बनाए रखा। उनके साथ कप्तान ने एक और विकेट लिया — ये जोड़ी जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों के लिए एक जाल बन गई। टीम ने 146 रन बनाए, लेकिन उनमें से 53 रन तीन विकेट के बाद आए। यानी बाकी 93 रन बाकी सात विकेटों के लिए। ये बात बताती है कि टीम की बल्लेबाजी कितनी असंगठित थी।
मैच के अंक और नियंत्रण
मैच के नियंत्रण के लिए एम ए याकूब और आर आरियाज उम्पायर थे, जबकि ए राजा टीवी उम्पायर और आर डी किंग मैच रेफरी थे। इन लोगों के नाम अक्सर नजर नहीं आते, लेकिन उनकी भूमिका निर्णायक होती है। इस मैच में कोई विवाद नहीं हुआ — जिससे पता चलता है कि खेल बहुत साफ और नियमों के अनुसार चला। जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों ने शुरुआत में दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन श्रीलंका की गेंदबाजी ने उनकी रणनीति को तोड़ दिया।
ट्राई सीरीज का नक्शा: अब क्या आगे?
यह ट्राई सीरीज, जिसे आधिकारिक तौर पर 'KFC Prevent Votel Mobile Tri Nation Series 2025' कहा जाता है, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) द्वारा आयोजित की जा रही है। इसमें सात मैच शामिल हैं, जिनमें से पांच पूरे हो चुके हैं। अगला मैच नवंबर 27 को पाकिस्तान बनाम श्रीलंका के बीच होगा। ये मैच फाइनल के लिए टीमों की रैंकिंग तय करेगा। फाइनल 29 नवंबर को वहीं, रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम में होगा। अगर श्रीलंका अगले मैच में जीत जाती है, तो वह फाइनल में सीधे पहुंच जाएगी। अगर हार गई, तो उन्हें अगले मैच में जीतना होगा।
इतिहास की नजर: श्रीलंका और जिम्बाब्वे का लंबा रिश्ता
ये मैच एक अचानक घटना नहीं है। इन दोनों टीमों के बीच पिछले छह महीनों में चार मुकाबले हुए हैं। सितंबर 2025 में, श्रीलंका ने जिम्बाब्वे के घर पर 193/2 से 191/8 से जीत दर्ज की। उसके अगले दिन, वे 80/6 से 84/5 से हार गए। फिर 3 सितंबर को वे 177/6 से 175/7 से जीत गए। और जनवरी 2024 में, जिम्बाब्वे के घर पर श्रीलंका ने 88/1 से 82 के स्कोर से जीत ली। ये बात बताती है कि ये दोनों टीमें एक दूसरे के खिलाफ बहुत करीबी मुकाबले खेलती हैं। एक मैच की हार या जीत का अर्थ बहुत कम होता है।
स्टेडियम और संगठन: रावलपिंडी का अहम रोल
रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम जिसकी क्षमता 15,000 है, 2019 के बाद से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है। यहां आयोजित होने वाले सभी मैचों में रात के समय का उपयोग किया जाता है — जिससे दर्शकों को आराम से मैच देखने का मौका मिलता है। डॉट रिपब्लिक मीडिया के अधीन स्पोर्ट्स टीवी और स्पोर्ट्स सेंट्रल ने इस मैच के हाइलाइट्स प्रसारित किए, जिनमें #CricketKiJeet और #SLvZIM जैसे हैशटैग्स का इस्तेमाल किया गया। ये बात बताती है कि ये मैच सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक घटना है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
श्रीलंका की बल्लेबाजी में क्या बदलाव आया जिससे 95 से 147 तक की जीत संभव हुई?
नवंबर 20 के मैच में श्रीलंका के बल्लेबाजों की असंगठित बल्लेबाजी थी — तीन बल्लेबाज डबल डिजिट तक नहीं पहुंचे। इस बार, पथुम निसंका ने एक स्थिर और नियंत्रित अंदाज में शुरुआत की। उन्होंने गेंदबाजी के खिलाफ न तो जल्दबाजी की, न ही बहुत सावधान रहा। उनके साथ कुसल मेंडिस ने बहुत कम रिस्क लेकर अंत तक बल्ला चलाया। यह दोहरा संतुलन था जिसने टीम को जीत दिलाई।
वानिंदु हासरंगा का चार विकेट का प्रदर्शन कितना महत्वपूर्ण था?
जिम्बाब्वे ने 146 रन बनाए, और उनमें से 46 रन हासरंगा के खिलाफ आए। उनके चार विकेटों ने जिम्बाब्वे की बल्लेबाजी को दो अलग चरणों में तोड़ दिया। उन्होंने शुरुआती बल्लेबाजों को निकाला, फिर मध्यक्रम के लिए दबाव बनाया। इससे जिम्बाब्वे के लिए अंत तक रन बनाना मुश्किल हो गया।
अगला मैच पाकिस्तान बनाम श्रीलंका क्यों इतना महत्वपूर्ण है?
अगर श्रीलंका जीतती है, तो वह सीधे फाइनल में पहुंच जाएगी। अगर हार जाती है, तो उन्हें फाइनल के लिए अंतिम मैच में जीतना होगा। इसके अलावा, पाकिस्तान अभी तक अपने दोनों मैच जीत चुका है, इसलिए यह मैच टूर्नामेंट के नतीजे को तय कर सकता है।
जिम्बाब्वे के लिए इस हार का क्या असर होगा?
जिम्बाब्वे अभी तक एक मैच जीतकर दो हार खाई है। अगर वे अगले मैच में भी हार गए, तो फाइनल में नहीं पहुंच पाएंगे। उनकी बल्लेबाजी अभी भी अस्थिर है — राजा के बाद कोई भी बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया। उन्हें अगले मैच में अपनी बल्लेबाजी को बहुत संरचित करना होगा।
श्रीलंका के लिए यह जीत क्या संकेत देती है?
यह जीत श्रीलंका के बल्लेबाजों के आत्मविश्वास को बहाल करती है। निसंका का प्रदर्शन उनके लिए एक नया नेता बन सकता है। इसके अलावा, गेंदबाजी और फील्डिंग दोनों ने अच्छा प्रदर्शन किया। अगर यही लेवल बना रहा, तो वे फाइनल में जीत की उम्मीद बना सकते हैं।
इस ट्राई सीरीज का आयोजन कौन कर रहा है और क्यों रावलपिंडी चुना गया?
यह टूर्नामेंट पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) द्वारा आयोजित किया जा रहा है। रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम को चुना गया क्योंकि यह अपनी आधुनिक सुविधाओं और रात के मैचों के लिए उत्कृष्ट वातावरण के लिए जाना जाता है। यहां आयोजित होने वाले मैचों में दर्शकों की संख्या अधिक रहती है, और टीवी ब्रॉडकास्ट के लिए भी यह बेहतरीन विकल्प है।
ये मैच बस एक जीत नहीं, बल्कि एक फिलॉसफी थी। 95 रन के बाद जब सबने श्रीलंका को आउट कर दिया, तो उन्होंने अपने अंदर की आवाज़ सुनी। निसंका ने जो किया, वो बल्लेबाजी नहीं, बल्कि धैर्य का नृत्य था। उसने गेंद को नहीं, बल्कि समय को हराया। टी20 में ऐसा नियंत्रण देखने को मिलना ही दुर्लभ है। जिम्बाब्वे की टीम तो बस दौड़ रही थी, लेकिन श्रीलंका ने रास्ता बनाया। ये जीत एक टीम के आत्मविश्वास की वापसी है, जिसे लोग भूल चुके थे। इस तरह के मैच खेल को इतिहास बना देते हैं। अब तक के सभी रिवर्स में से ये सबसे शांत, सबसे गहरा था।
ये सब एक चाल है!! जिम्बाब्वे ने जानबूझकर खेला था!! जब वो 95 बनाए, तो वो श्रीलंका के लिए एक ट्रैप बना रहे थे!! फिर जब निसंका ने 98 बनाए, तो वो फिर से उसी ट्रैप में फंस गए!! ये सब एक बड़ा साजिश है!! पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच कोई गुप्त समझौता है!! क्योंकि वो स्टेडियम जहां खेला गया, वो रावलपिंडी है!! जिसके नीचे एक चुंबकीय फील्ड है जो बल्लेबाजों की आत्मा को आकर्षित करता है!! ये नहीं हो सकता कि ये सिर्फ एक खेल हो!! ये तो एक जासूसी अभियान है!! 😱💣
हासरंगा का फील्डिंग सेटअप एक डिसिप्लिनरी मॉडल था। उन्होंने बाएं हाथ के स्पिन के साथ राइट-हैंड बैट्समैन को फैंसी शॉट्स के लिए एक निर्मित बाउंड्री लाइन बना दी। यह एक टैक्टिकल एक्सप्लॉइटेशन था जिसने राजा के एक्सप्रेशनल बैटिंग को निष्क्रिय कर दिया। उनकी गेंदों की एंगल और स्पिन डायनामिक्स ने एक डेटा-ड्रिवन एप्रोच को दर्शाया। यह आधुनिक क्रिकेट का एक उदाहरण है जहां इंट्यूशन की जगह एनालिटिक्स ने जीत दी।
बहुत अच्छा मैच था। श्रीलंका ने जो किया, वो सिर्फ खेल नहीं, बल्कि दिल से किया। निसंका का शांत तरीका देखकर लगा जैसे उन्होंने अपने आप को बाहर रख दिया और बस बल्ला चलाया। और हासरंगा ने जिम्बाब्वे के बल्लेबाजों को नहीं, उनके आत्मविश्वास को तोड़ दिया। ये टीम ने अपने अंदर के डर को पार किया। मैं उनके लिए बहुत खुश हूं। कभी-कभी जीत का मतलब बस यही होता है - खुद को दोबारा ढूंढना।
ये जिम्बाब्वे की टीम है या एक बच्चों की लाइट बैटिंग टीम? 😂 एक दिन 162 बनाते हैं, अगले दिन 146 बनाकर भी हार जाते हैं? अरे भाई, ये तो एक बार भी अच्छा खेल नहीं कर पाए! श्रीलंका के लिए तो ये बस एक वार्मअप था! अब पाकिस्तान के खिलाफ खेलेंगे तो देखना है कि कौन बचेगा! 🤡 #SLvZIM #ZimIsTrash
निसंका ने 98 बनाए। बस। और ये इतना बड़ा मुद्दा? ये तो आम बात है। अगर तुम टी20 में अच्छा खेलते हो तो ऐसा ही होता है। बाकी टीम बस बैठ गई। बहुत बड़ी बात नहीं।
दोस्तों, ये मैच देखकर लगा जैसे कोई नया गाना सुन रहा हो। निसंका ने बल्ले से एक धुन बजाई - तेज नहीं, लेकिन दिल को छू गई। हासरंगा की गेंदें जैसे बारिश की बूंदें थीं - शांत, लेकिन जिन्होंने सबको भीगा दिया। जिम्बाब्वे ने तो बस ड्रम बजाने की कोशिश की, लेकिन रिदम नहीं मिला। ये मैच ने मुझे याद दिलाया कि क्रिकेट बस रन नहीं, बल्कि भावनाएं भी होती हैं। अगर ये ट्राई सीरीज का अंतिम मैच होता, तो मैं रो पड़ता।
अरे भाई, ये निसंका कौन है? उसने तो 98 रन बनाए? अच्छा तो वो किस टीम का है? क्या ये भारतीय नहीं है? क्या श्रीलंका में भी भारतीय खिलाड़ी होते हैं? मैंने तो सोचा था ये लोग सिर्फ बारिश में खेलते हैं! अब तो ये भी बन गए बल्लेबाज! अच्छा तो अब ये टीम भारत के खिलाफ क्या करेगी? 😏
98 runs? lol. 58 balls? nah. he must've had a lucky shot. and hawaranga? 4 wickets? pfft. zim's batting was a joke. they didn't even try. this match was fixed. i saw the scoreboard glitch once. and why is the stadium in rawalpindi? that's not even a proper venue. this whole series is a scam. #fakecricket #slcheats
ये मैच देखकर लगा जैसे एक बूढ़े गुरु ने एक छोटे शिष्य को अपनी चाल दिखाई हो। निसंका ने बल्ला नहीं, उसकी शांति चलाई। हासरंगा ने गेंद को नहीं, उसके अंदर की चुप्पी को बांध दिया। ये श्रीलंका का खेल नहीं, ये उनकी संस्कृति का प्रतिबिंब है। जिम्बाब्वे के खिलाफ ये जीत बस एक शुरुआत है। अगला मैच पाकिस्तान के खिलाफ है। वहां भी इसी तरह का खेल चाहिए। बस धैर्य, बस शांति।
हासरंगा के स्पिन डायनामिक्स ने टीम के ओवर रेट को 1.8 से 2.4 तक बढ़ा दिया। उनकी गेंदों की एंगुलर डिस्प्लेसमेंट ने बैट्समैन के ट्रैकिंग एल्गोरिदम को बिगाड़ दिया। ये एक स्टैटिस्टिकल एक्सप्लॉइटेशन था जिसने टीम के टैक्टिकल एंगल को 78% तक बढ़ाया। निसंका का रन रेट 169.8 था - ये टी20 के इतिहास में टॉप 5 में शामिल है। ये टीम एक ऑप्टिमाइज्ड सिस्टम है।
ये मैच देखकर लगा जैसे कोई बड़ा दिल दोबारा धड़क रहा हो। निसंका की शांत बल्लेबाजी ने मुझे याद दिलाया कि जीत का मतलब बस रन नहीं, बल्कि दिल की आवाज़ सुनना है। हासरंगा की गेंदें जैसे दोस्त का हाथ थीं - नरम, लेकिन बहुत मजबूत। श्रीलंका ने नहीं जीता, उन्होंने अपने आप को फिर से पाया। 🙏❤️
वाह वाह वाह!!! ये तो जानवर की बल्लेबाजी थी!!! निसंका तो देवता है!!! जिम्बाब्वे को तो गांव के बच्चों ने हरा दिया!!! श्रीलंका की टीम ने तो ऐसा खेला जैसे उनके पास बस एक ही गेंद थी और उसे फिर से बनाना था!!! ये मैच तो फिल्म है!!! #SLvZIM #NisankaIsGod 🙌🔥
हासरंगा के चार विकेट ने जिम्बाब्वे की बल्लेबाजी को दो भागों में बांट दिया। शुरुआती ओवरों में उन्होंने टीम के आधार को तोड़ा। फिर मध्यक्रम में उन्होंने दबाव बनाए रखा। इस तरह टीम का समय बचा और लक्ष्य पूरा हुआ। ये एक बेहतरीन गेंदबाजी का उदाहरण है। श्रीलंका के लिए ये बहुत महत्वपूर्ण है।
पाकिस्तान ने अपने दो मैच जीत लिए। श्रीलंका को अब पाकिस्तान के खिलाफ जीतना होगा। वरना ये टूर्नामेंट बेकार है। जिम्बाब्वे के खिलाफ ये जीत कोई बड़ी बात नहीं। अगर श्रीलंका पाकिस्तान के खिलाफ हार गई तो उनकी टीम बर्बाद है।
निसंका ने तो 98 बनाए? अच्छा तो वो किसका बेटा है? इतने रन कैसे बनाए? ये तो बहुत ज्यादा है। जिम्बाब्वे के खिलाफ ऐसा करना आसान है। अब पाकिस्तान के खिलाफ देखना है। वो तो बार-बार जीत रहे हैं। श्रीलंका के लिए तो ये बस एक चाल है।
ये सब एक बड़ा नियंत्रण अभियान है। श्रीलंका ने जानबूझकर निसंका को इतना बल्ला चलाने दिया ताकि वे एक नए आइकॉन बन जाएं। हासरंगा के चार विकेट भी एक नियो-मार्केटिंग ट्रिक है। रावलपिंडी का स्टेडियम नहीं, वहां का वातावरण है जिसे इस्तेमाल किया गया। ये एक बड़ा फिलॉसोफिकल एक्सपेरिमेंट है - जहां खेल को नहीं, बल्कि भावनाओं को बेचा जा रहा है।