सेंसेक्स 567 अंक उछला, आईटी‑बैंक शेयरों ने रैली, रियल एस्टेट में गिरावट

सेंसेक्स 567 अंक उछला, आईटी‑बैंक शेयरों ने रैली, रियल एस्टेट में गिरावट

जब विनोद नायर, हेड ऑफ रिसर्च Geojit Financial Services ने कहा कि ‘बेंचमार्क इंडेक्स ने भारी अस्थिरता के बीच तेज़ी से वापसी की’, तो यह बात का मतलब था कि भारतीय शेयरबाजार ने 22 जनवरी 2025 को फिर से दिल धड़काने वाला प्रदर्शन किया।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्स 76,404.99 पर बंद हुआ, यानी 566.63 अंक (0.75%) की बढ़त, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का Nifty 23,155.35 पर समाप्त हुआ, 130.70 अंक (0.57%) की बढ़ोतरी के साथ। यह उछाल मंगलवार की भारी गिरावट के ठीक बाद आया, जब सेंसेक्स 75,838.36 तक गिर गया था और Nifty 23,024.65 पर डूब गया था।

पिछला गिरावट और बाजार की पृष्ठभूमि

21 जनवरी को निवेशकों ने तीव्र बेच‑फैलाव का सामना किया, मुख्य कारण थे विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की भारी बिक्री‑अभियान और वैश्विक जोखिम‑भय। FIIs ने उसी दिन लगभग ₹5,920.28 करोड़ की शेयरें बेचीं, जिससे बाज़ार की निचली सीमा तय हुई। इसके अलावा, तकनीकी संकेतकों ने 23,000‑75,850 स्तरों को समर्थन के रूप में दिखाया, लेकिन कई मध्यम‑कैप और छोटे‑कैप शेयरों ने अभी भी नीचे की ओर दबाव महसूस किया।

मुख्य सेक्टर की रैली

टेक्नोलॉजी सेक्टर ने इस उछाल में मुख्य भूमिका निभाई। BSE IT इंडेक्स 2‑सेकड़ से अधिक बढ़ा, जिससे Infosys, Tata Consultancy Services (TCS) और Tech Mahindra ने नुकसान को उलटते हुए देन‑देन में गति लाई।

बैंकिंग सेक्टर भी कम नहीं रहा। निजी‑क्षेत्र के बैंकों ने ताल‑बद्ध रूप से प्रदर्शन किया, विशेषकर HDFC Bank, जिसने तिमाही के परिणामों के बाद 2 % से अधिक की वृद्धि दर्ज की। Kotak Mahindra Bank, IndusInd Bank, Bajaj Finance और Bajaj Finserv ने भी सूचियों में शीर्ष बढ़तों में जगह बनाई।

बैंकों और आय की कहानियाँ

इन बैंकों की तिमाही रिपोर्टें बाजार को आश्वस्त करने में कामयाब रही। HDFC Bank ने अपने क्वार्टर‑ली परिणामों को ‘इन‑लाइन’ बताया, लेकिन स्त्रैटेजिक खर्च‑कटौती और ऋण‑गुणवत्ता में सुधार के कारण निवेशकों को भरोसा मिला। Kotak Mahindra Bank ने यूवी‑लीडिंग प्रॉडक्ट्स में वृद्धि की सूचना दी, जो संकेत देता है कि रिटेल‑कर्ज़ की मांग में फिर से तेज़ी आ रही है।

रियल एस्टेट और अन्य सेक्टर की गिरावट

जारी अधिसूचनाओं के विपरीत, रियल एस्टेट सेक्टर ने भारी दबाव झेला। BSE Realty इंडेक्स 10‑महीने के निचले स्तर पर पहुंचकर 4.5 % से अधिक गिरा। Puravankara, Oberoi Realty और Godrej Properties ने लगभग 5 % की गिरावट दर्ज की। विशेष उल्लेखनीय बात यह थी कि Macrotech Developers के CEO ने अपने भाई के खिलाफ ट्रेडमार्क मुकदमा दायर किया, जिससे शेयरों में 6 % की गिरावट आई।

ट्रेंट (Trent) ने लगातार तीसरे सत्र में 2 % की गिरावट के साथ गिरावट जारी रखी। Polycab India, जो तिमाही में बेहतर परिणामों के बावजूद, लगभग 7 % गिरा क्योंकि निवेशकों का मन अभी भी सुधरने में समय ले रहा है।

विदेशी निवेशकों का प्रभाव और आगे का मार्ग

विदेशी निवेशकों का प्रभाव और आगे का मार्ग

FIIs की निरंतर बिक्री अभी भी जोखिम‑परिचालन का एक बड़ा कारक बनी हुई है। यद्यपि भारतीय रुपये ने 86 INR के स्तर पर USD के मुकाबले थोड़ा अस्थिरता दिखायी, लेकिन यूरोप के सकारात्मक सत्र और एशिया‑पैसिफिक के कुछ बाजारों ने समर्थन प्रदान किया। Brent Crude ने 0.49 % के मामूली उछाल के साथ $79.68 प्रति बैरल पर ट्रेड किया, जिससे ऊर्जा‑संबंधित शेयरों को थोड़ी राहत मिली।

श्री श्रीकांत चौहान, हेड इक्विटी रिसर्च, कोटक सिक्योरिटीज के, ने कहा, “तकनीकी तौर पर 23,000 और 75,850 स्तरों के पास समर्थन मिला है, लेकिन छोटा‑मध्यम‑कैप शेयरों में मूल्य‑निर्धारण की चिंता अभी भी जारी है।”

विशेषज्ञों की राय और भविष्य की दृष्टि

उपरोक्त बिंदुओं के आधार पर, विशेषज्ञ मानते हैं कि भारतीय शेयरबाजार में लचीलापन बना हुआ है, परंतु अल्प‑कालिक रुझान अभी भी कमजोर है। यदि विदेशी पूँजी प्रवाह में सुधार नहीं होता, तो मध्यम‑कैप और छोटे‑कैप कंपनियों का प्रदर्शन दबाव में रह सकता है। दूसरी ओर, आईटी और निजी‑बैंकिंग सेक्टर को स्थायी समर्थन मिलने की संभावना है, विशेषकर जब वैश्विक तकनीकी मांग में फिर से तेज़ी आती है।

अंत में, निवेशकों को सलाह दी जाती है कि पोर्टफोलियो के विभिन्न वर्गों में संतुलन बनाकर जोखिम को नियंत्रित रखें, और निकट‑भविष्य में तकनीकी तथा बैंकिंग सेक्टर में संभावित धक्का को ध्यान में रखें।

आगे क्या अपेक्षित है?

आगामी हफ्तों में, बाजार को दो प्रमुख बातें देखनी होंगी: (i) FIIs की निकट‑भविष्य की खरीद‑बिक्री रुझान, और (ii) प्रमुख कंपनियों के दूसरे तिमाही के परिणाम। अगर दोनों कारक सकारात्मक दिशा में बदलते हैं, तो सेंसेक्स और Nifty दोनों को 77,000‑23,300 के स्तर से आगे बढ़ते देखना संभव है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सेंसेक्स के 567 अंक उछाल का मुख्य कारण क्या था?

मुख्य कारण आईटी और निजी‑बैंकिंग सेक्टर की मजबूत कमाई रिपोर्टें थीं, जिनमें Infosys, TCS, HDFC Bank जैसी बड़ी कंपनियों ने तिमाही में उम्मीद‑से‑अधिक लाभ दिखाया। साथ ही यूरोप के सकारात्मक बाजार संकेतों ने जोखिम‑भरी भावना को थोड़ा कम किया।

रियल एस्टेट शेयरों में गिरावट के पीछे क्या वजह है?

रियल एस्टेट सेक्टर को उच्च ब्याज‑दर, ऋण‑प्रवेश में कठिनाई, और कंपनी‑विशिष्ट कानूनी विवाद (जैसे Macrotech का ट्रेडमार्क मुकदमा) ने मिलाकर दबाव मिला है, जिससे इंडेक्स ने 10‑महीने के न्यूनतम स्तर तक गिरावट दर्ज की।

विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिक्री आगे बाजार को कैसे प्रभावित करेगी?

यदि FIIs अपनी बिक्री जारी रखते हैं, तो विदेशी पूँजी प्रवाह में निरंतर गिरावट से बाजार की तरलता घट सकती है, जिससे विशेषकर छोटे‑कैप शेयरों में और अधिक दबी कीमतें देखने को मिलेंगी। दूसरी ओर, अगर खरीद‑दबाव बढ़ता है तो बड़े‑कैप शेयरों को समर्थन मिल सकता है।

आगे के हफ्तों में कौन-से संकेतक देखना चाहिए?

विशेषकर Nifty के 23,000‑23,300 रीजन और सेंसेक्स के 75,800‑76,500 रेंज को समर्थन‑रसीव स्तर मानें। साथ ही FIIs के शुद्ध खरीदी‑बिक्री आंकड़े और निजी‑बैंकिंग सेक्टर के द्वितीय तिमाही के परिणाम को ध्यान में रखें।

टिप्पणि (1)

  1. KRISHNAMURTHY R
    KRISHNAMURTHY R

    बाजार की इस रैली में IT और प्राइवेट बैंकिंग का जलवा साफ दिख रहा है 😎। इन सेक्टरों की मजबूती ने फियर्स को थोड़ा आराम दिया है, इसलिए सेंसेक्स ने 567 अंक की उछाल मारी। रिस्क‑रिटर्न प्रोफ़ाइल को देखते हुए अब पोर्टफ़ोलियो में कुछ बैलेंस्ड एसेट्स रखना फायदेमंद रहेगा। अगर आप लांग‑टर्म निवेश कर रहे हैं तो यह टॉप‑लाइन ग्रोथ एक पॉज़िटिव सिग्नल है। 🚀

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