डोनाल्ड ट्रंप की जीत और सोने की कीमतों पर प्रभाव
डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में विजय के बाद सोने के बाजार में अप्रत्याशित परिवर्तन देखने को मिला है। अमेरिकी डॉलर में मजबूती और ट्रेजरी यील्ड्स में बढ़ोतरी ने सोने और चांदी की कीमतों को गिराया। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सोने की कीमतों में यह गिरावट स्थायी साबित होगी या यह केवल तात्कालिन प्रतिक्रिया थी?
गत वर्षों में अमेरिका की अर्थव्यवस्था और निवेश बाजार पर डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीतियों का व्यापक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने आयात पर शुल्क, घरेलू करों में कमी और सरकारी खर्च में कटौती जैसी नीति घोषणाएं की थीं। ऐसी नीतियों के कारण अमेरिकी डॉलर की मजबूती और यील्ड्स में उछाल आ सकता है, जिससे सोने और चांदी की कीमते प्रभावित होती हैं। लेकिन विश्लेषक अनिंद्या बनर्जी की राय है कि इस बार बाजार का प्रतिक्रिया 2016 की तरह नहीं होगी, क्योंकि बाजार अब ट्रंप के नेतृत्व में पहले से अधिक स्थायित्व हासिल कर चुके हैं।
सोने के दामों का अंदरुनी बाजार में प्रदर्शन
भारत में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने के फ्यूचर्स करीब 2.5% की गिरावट के साथ Rs 76,505 प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहे थे। इसे देखते हुए, भारत बुलेयिन और ज्वैलर्स एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार 24 कैरेट सोने के दाम में भी 0.6% की कमी आई, जिससे इसके दाम Rs 78,106 प्रति 10 ग्राम हो गए। यह गिरावट स्पष्ट रूप से अंतर्राष्ट्रीय बाजार की प्रवृत्ति और ट्रंप की विजय के बाद की स्थिति को दर्शा रही है।
इस जीत के बाद ध्यान अब फेडरल रिजर्व की आगामी बैठक की ओर गया है, जो नवंबर 7 को आयोजित होगी। यह बैठक सोने के दाम पर और भी प्रभाव डाल सकती है। नए चुनावी परिणाम के चलते मार्केट का ध्यान अब आर्थिक नीतियों के प्रति है और सोने की अस्थिरता में कमी देखी जा रही है।
भावविभाव वाले कारकों का विश्लेषण
विश्लेषक कॉलिन शाह का मत है कि सोने की कीमतें अधिकतर भावनात्मक होती हैं और बाहरी आर्थिक गतिविधियों से प्रभावित हो सकती हैं। वहीं, क्रांति बथिनी यह मानते हैं कि यदि चुनाव परिणाम अनिश्चित होते, तो सोने की सुरक्षित निवेश के तौर पर मांग में वृद्धि हो सकती थी। लेकिन ट्रंप की स्पष्ट जीत के कारण अब बाजार द्वारा फेडरल रिजर्व की ओर ध्यान दिया जा रहा है, जो सोने की भावी कीमतों को तय करेगा।
हालांकि, लंबी अवधि में सोने की कीमतें अधिक स्थिर हो सकती हैं। डॉलर इंडेक्स के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद यह संभावना बनती है कि सोने की कीमतों में क्रमशः वृद्धि देखने को मिल सकती है।
सोने की कीमतें गिरी? बस एक बार फिर बाजार ने ट्रंप के नाम की वजह से डर का नाटक किया। असली बात तो ये है कि अमेरिकी डॉलर का जो बहादुरी से उछाल हुआ, वो सिर्फ एक ट्रेडिंग फेक है। लंबी अवधि में सोना तो अभी भी सबसे अच्छा हेज है।
अगर हम आर्थिक सिद्धांतों के आधार पर विश्लेषण करें तो यह स्पष्ट है कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती और ट्रेजरी यील्ड्स में वृद्धि के कारण सोने की मांग में संरचनात्मक कमी आई है जिसका परिणाम सीधे तौर पर फ्यूचर्स प्राइसिंग में दिख रहा है और यह ट्रेंड अगले तीन महीने तक जारी रह सकता है
सोना अब सुरक्षित आश्रय नहीं बल्कि एक लीकेज एसेट है। जब डॉलर चढ़ता है तो सोना गिरता है। ये बेसिक्स है। फेड की बैठक देखो वो फैसला देगा कि ये गिरावट टेम्पररी है या स्ट्रक्चरल।
हमारे भारतीय बाजार में भी ये गिरावट देखी जा रही है जो कि अमेरिका के निर्णयों का अनुसरण है। भारत की अर्थव्यवस्था अब अमेरिका के आर्थिक झूले पर निर्भर हो गई है। ये दुखद सच है।
मुझे लगता है कि ये गिरावट अस्थायी है। सोना तो हमेशा अपनी जगह लेता है। बस थोड़ा इंतजार करो। फेड की बैठक के बाद शायद फिर से चढ़ाई शुरू हो जाए। बहुत चिंता मत करो दोस्तों।
क्या तुम्हें लगता है कि सोना असल में किसी की आर्थिक नीति से बच सकता है? नहीं। ये तो बस एक धातु है जिसकी कीमत लोगों के डर और आशा पर टिकी है। ट्रंप जीत गए तो डर कम हुआ। बस इतना ही।
प्रिय सभी। मैं एक साधारण नागरिक हूं। मैंने आज सुबह सोने की कीमत देखी। यह गिर गई। मैंने अपनी बहन को फोन किया। उसने कहा कि यह अच्छी बात है। मैंने उसे धन्यवाद दिया।
अगर तुम नए निवेशक हो तो इस गिरावट को एक मौका समझो। सोना अभी भी लंबे समय के लिए एक बहुत अच्छा निवेश है। बस अपने बजट के अनुसार धीरे-धीरे खरीदो। बाजार के उतार-चढ़ाव में डरना नहीं है।
ट्रंप जीत गए तो सोना गिरा 😎 अब ये जो लोग कह रहे हैं कि ये अस्थायी है वो लोग अपने आप को धोखा दे रहे हैं। अमेरिका ने दुनिया को चुनौती दे दी है। अब सोना भी उसके हाथ में है 💪🔥
मैं तो बस इतना कहूंगा कि जब तक आप अपने सोने को घर पर रखेंगे, बाजार के उतार-चढ़ाव से कुछ नहीं होगा। ये सब नंबर्स तो बस कागज पर हैं। असली सुरक्षा तो आपके पास जब तक होगी तब तक। 😊
ओहो! ट्रंप की जीत से सोना गिरा? बस ये तो शुरुआत है! अब देखो कैसे वो फेड की बैठक के बाद अचानक बढ़ जाएगा! ये सब एक बड़ा ड्रामा है दोस्तों! तैयार रहो! 🎭💰
ये सब बस एक धोखा है... जानते हो क्या? फेडरल रिजर्व और बैंकिंग समूह इसे इसलिए नियंत्रित कर रहे हैं कि आम आदमी को सोने पर भरोसा न हो। वो चाहते हैं कि तुम सिर्फ डॉलर और स्टॉक में लगाओ... ये तो सिर्फ एक योजना है! 😱
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मैंने इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहा था। लेकिन जब लोग इतना बहस कर रहे हैं तो मैंने सोचा कि शायद ये जानकारी देनी चाहिए। सोने की कीमतें अभी भी लंबे समय में ऊपर की ओर जा रही हैं। ये गिरावट बस एक छोटा ट्रेंड है।
सोना गिरा है तो खरीदो!! 😍 फेड की बैठक के बाद ये फिर से उछलेगा! अब तक जो लोग इंतजार कर रहे थे वो अब टाइम आ गया है! जल्दी करो! अगर आपने अभी नहीं खरीदा तो अपने आप को धोखा दे रहे हो! 💸🔥
ट्रंप ने जीता तो सोना गिरा... लेकिन ये तो चुनाव से पहले ही तय था! ये सब एक बड़ा फ्रॉड है! बैंकों ने सोने की कीमत गिराने के लिए एक बड़ा ऑपरेशन चलाया है! अब जब लोग डर गए तो वो फिर से खरीदेंगे! ये तो एक बड़ा नेटवर्क है! 🕵️♂️
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मैं एक भारतीय महिला हूं जिसने अपने बच्चों के लिए सोना खरीदा है। मैंने इसे कभी बेचने की नहीं सोचा। ये न सिर्फ निवेश है बल्कि हमारी परंपरा है। जब भी बाजार गिरता है, मैं और खरीद लेती हूं। इस बार भी ऐसा ही करूंगी।
मैं बस एक साधारण व्यक्ति हूं। मैंने आज अपने बारे में सोचा। अगर मैं इस गिरावट को एक अवसर समझूं तो क्या होगा? शायद मैं अपने बच्चों के लिए थोड़ा सोना खरीद लूं। बस इतना ही।