शेफाली वर्मा का ऐतिहासिक दोहरा शतक
भारतीय महिला क्रिकेट में एक और सुनहरा अध्याय तब जुड़ गया जब 20 वर्षीय शेफाली वर्मा ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एकमात्र टेस्ट मैच में सबसे तेज़ दोहरा शतक बनाकर इतिहास रच दिया। शेफाली ने मात्र 194 गेंदों में इस उपलब्धि को हासिल किया, जो कि ऑस्ट्रेलिया की एनाबेल सदरलैंड द्वारा पहले बनाए गए 248 गेंदों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए दर्ज किया गया। इस मुकाम को हासिल करने पर शेफाली पूर्व भारतीय कप्तान मिताली राज के बाद दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक बनाया है। मिताली राज ने यह रिकॉर्ड 22 साल पहले अगस्त 2002 में इंग्लैंड के खिलाफ टॉन्टन में 214 रन बनाकर हासिल किया था।
मिताली राज का रिकॉर्ड तोड़ा
शेफाली वर्मा का यह दोहरा शतक न केवल तेज़ी में बना, बल्कि उनकी आक्रामक बल्लेबाजी का उत्कृष्ट मु़जाहिरा भी पेश किया। अपनी पारी के दौरान, उन्होंने 23 चौके और 8 छक्के मारे। दिलचस्प तथ्य यह है कि शेफाली ने अपने इस ऐतिहासिक मुकाम को लगातार दो छक्के मारकर हासिल किया, जो दिल्मी टकर की गेंदों पर मारे गए। इसके बाद एक सिंगल लेकर उन्होंने 200 रन पूरे किए। इस अद्भुत पारी का समापन उस वक़्त हुआ जब वह 205 रन पर 197 गेंदों में रन आउट हो गईं।
स्मृति मंधाना के साथ मजबूत साझेदारी
शेफाली वर्मा के इस ऐतिहासिक प्रदर्शन में उनकी ओपनिंग पार्टनर स्मृति मंधाना ने भी अतुलनीय सहयोग दिया। मंधाना ने 149 रन बनाए और उनकी पारी में 27 चौके और एक छक्का शामिल था। दोनों ने मिलकर एक मजबूत ओपनिंग साझेदारी की, जो 292 रनों की थी और 52 ओवरों में बनी। भारतीय टीम ने पहले दिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ आक्रामक खेलते हुए लगभग प्रत्येक गेंद पर रन बनाए।
महिला क्रिकेट में भारतीय टीम की बढ़ती ताकत
शेफाली वर्मा की यह पारी भारतीय महिला क्रिकेट की ताकत और उसकी बढ़ती क्षमता का एक और उदाहरण है। पिछले कुछ सालों में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने अपने प्रदर्शन से सभी का ध्यान खींचा है। टेस्ट क्रिकेट में इस प्रकार का आक्रामक खेल प्रदर्शित करना यह बताता है कि महिलाएं भी किसी तरह से पुरुष खिलाड़ियों से कम नही हैं।
खेल की दुनिया में महिलाओं की भागीदारी और उनकी सफलता आजकल अधिक महत्व पा रही है। शेफाली वर्मा की यह पारी एक और ऐसा प्रदर्शन है जो युवा खिलाड़ीओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा और महिलाओं के खेल में अपनी जगह बनाने के और भी अधिक मौके खुलेंगे। भारतीय महिला क्रिकेट टीम का यह प्रदर्शन उनके भविष्य की शानदार दौर में प्रवेश का संकेत है।
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