रोड्री और लमीन यमाल ने जीते यूरो 2024 के प्लेयर ऑफ द ईयर और यंग प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड

रोड्री और लमीन यमाल ने जीते यूरो 2024 के प्लेयर ऑफ द ईयर और यंग प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड

स्पेन की शानदार सफलता

स्पेनिश फुटबॉल टीम ने एक बार फिर अपनी योग्यता साबित की है। यूरो 2024 में, स्पेन ने न केवल खिताब जीता बल्कि उनके खिलाड़ी रोड्री और लमीन यमाल ने व्यक्तिगत पुरस्कार भी हासिल किए। यह टूर्नामेंट उनकी उत्कृष्टता और कार्यकुशलता का प्रमाण है।

रोड्री का महत्वपूर्ण योगदान

रोड्री, जो 28 साल के हैं, ने इस चैम्पियनशिप में स्पेन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने सात मैचों में से छह खेले और प्रत्येक में अपनी काबिलियत का प्रदर्शन किया। रोड्री ने जॉर्जिया के खिलाफ राउंड-ऑफ-16 मैच में गोल किया, जो टीम के लिए एक निर्णायक क्षण साबित हुआ। हालांकि, फाइनल मैच के दौरान हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण उन्हें मध्यांतर में बाहर जाना पड़ा, फिर भी उनकी योगदान काबिले तारीफ रही।

लमीन यमाल का चमकता सितारा

लमीन यमाल, केवल 17 साल की उम्र में, यूरो 2024 के दौरान सबसे अधिक असिस्ट देने वाले खिलाड़ी बने। वह बार्सिलोना के अग्रणी खिलाड़ियों में से एक हैं और उन्होंने इस टूर्नामेंट में चार असिस्ट किए। यमाल को यूरो 2020 में यह पुरस्कार जीतने वाले उनके साथी पेड्री की राह पर चलते हुए इस बार का सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी का पुरस्कार मिला।

स्पेन की फाइनल में विजय

फाइनल मैच में, स्पेन ने इंग्लैंड को 2-1 से हराया। इस जीत का श्रेय निको और एम ओयाराबाल के गोलों को जाता है। इस मैच के दौरान स्पेनिश टीम ने अपनी रणनीति और सहनशीलता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। लुइस डी ला फुएंते द्वारा निर्देशित इस टीम ने दिखाया कि युवाओं और अनुभवी खिलाड़ि के संयोजन से कैसे एक मजबूत और विकट टीम बनाई जा सकती है।

प्रतियोगिता का सफर

स्पेन का सफर इस टूर्नामेंट में बहुत प्रेरणादायक रहा। उन्होंने जर्मनी और फ्रांस जैसी मजबूत टीमों को हराकर फाइनल में जगह बनाई। यह आसान नहीं था, लेकिन स्पेनिश खिलाड़ियों ने समर्पण और मेहनत से यह साबित कर दिया कि क्यों वे सर्वश्रेष्ठ हैं।

आगे की राह

यूरो 2024 की यह सफलता स्पेन के लिए सिर्फ एक शुरुआत है। उनके युवाओं में अपार प्रतिभा है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले वर्षों में वे कैसे अपना प्रदर्शन जारी रखते हैं। रोड्री और लमीन यमाल की जीत नए खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

रोड्री और लमीन यमाल के व्यक्तिगत पुरस्कार न केवल उनके लिए, बल्कि पूरी स्पेनिश टीम और उनके प्रशंसकों के लिए गर्व का क्षण है। आने वाले सालों में, यह देखना रोमांचक होगा कि ये खिलाड़ी और उनकी टीम किस तरह की ऊंचाइयों तक पहुंचती है।

टिप्पणि (11)

  1. Piyush Kumar
    Piyush Kumar

    ये जो स्पेन की टीम ने किया, वो कोई खेल नहीं था, ये तो एक फिलॉसफी थी! रोड्री की शांति और यमाल की बिजली ने मुझे समझाया कि असली शक्ति क्या होती है - न तो बल, न तो आवाज़, बल्कि अपने काम में डूब जाना। ये लोग खेल रहे थे, लेकिन वो जीवन जी रहे थे।

  2. Srinivas Goteti
    Srinivas Goteti

    स्पेन के खिलाड़ियों का अंदाज़ असली फुटबॉल का है। बहुत सारे टीमें जोर लगाती हैं, लेकिन ये लोग तो बस खेलते रहे। बिना किसी झंडूला के।

  3. Rin In
    Rin In

    यमाल तो बस एक बच्चा है और इतना कर दिया?!?!?!! रोड्री भी जबरदस्त थे, लेकिन यमाल तो भविष्य का खुद का राजा है!! ये टीम तो अब दुनिया की सबसे डरावनी टीम बन गई है!! बस अभी तो शुरुआत हुई है!!

  4. michel john
    michel john

    अरे ये सब बकवास है! जर्मनी ने खेला नहीं, फ्रांस ने दिल नहीं दिया! ये स्पेन वालों को किसी ने फिक्स कर दिया है! और यमाल का ये यंग प्लेयर ऑफ द ईयर? वो तो बस एक चमकता हुआ बच्चा है! इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल में गोल करने वाले लोग नहीं देखे? ये सब ब्लूप्रिंट है, ये फुटबॉल नहीं!

  5. shagunthala ravi
    shagunthala ravi

    मैंने इस टूर्नामेंट को देखकर बहुत कुछ सीखा। रोड्री ने दिखाया कि अनुभव कैसे शांति लाता है। यमाल ने दिखाया कि जवानी कैसे बिना डर के आगे बढ़ती है। ये टीम ने न सिर्फ खिताब जीता, बल्कि हमें याद दिलाया कि एक साथ खेलने से क्या होता है। मैं इस टीम के लिए बहुत गर्व महसूस कर रही हूँ।

  6. Urvashi Dutta
    Urvashi Dutta

    ये स्पेन की टीम का जो रास्ता है, वो सिर्फ फुटबॉल का नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक घटना है। यमाल के जैसे बच्चे जो बार्सिलोना के अकादमी से निकलते हैं, वो एक ऐसी परंपरा का हिस्सा हैं जो स्पेन के जीवन के अंदर घुल चुकी है - जहां बच्चे को बस खेलने दिया जाता है, बिना किसी दबाव के। रोड्री जैसे खिलाड़ी उसी परंपरा के फल हैं, जिन्होंने अपने ज्ञान को निर्माण किया। ये टीम एक ऐसी कहानी है जिसे दुनिया को सुनना चाहिए।

  7. Rahul Alandkar
    Rahul Alandkar

    अच्छा खेल था। बहुत अच्छा।

  8. Jai Ram
    Jai Ram

    यमाल के चार असिस्ट देखकर मुझे याद आया कि जब मैं छोटा था, तो मैं भी ऐसे ही बार-बार बॉल ले जाता था और दोस्त को पास कर देता था। ये बच्चा तो बस उसी खुशी को दुनिया के सामने रख रहा है। रोड्री ने भी बहुत अच्छा खेला - उनकी गेम रीडिंग तो बिल्कुल मैच की राह बदल देती है। ये टीम देखकर लगता है कि फुटबॉल अभी भी जिंदा है।

  9. Vishal Kalawatia
    Vishal Kalawatia

    हे भगवान, ये स्पेन वाले तो हर बार जीत जाते हैं! अब ये लोग बच्चों को ट्रेनिंग देकर दुनिया जीत रहे हैं? इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल में गोल करने वाले दोनों खिलाड़ी भी अपने देश में अज्ञात हैं! ये लोग तो सब कुछ फिक्स कर देते हैं - फुटबॉल, पुरस्कार, टीवी कैमरा एंगल, सब कुछ! अब ये यमाल को यंग प्लेयर ऑफ द ईयर दे रहे हैं? अगले साल शायद एक दस साल का बच्चा बेस्ट प्लेयर बन जाएगा!

  10. Kirandeep Bhullar
    Kirandeep Bhullar

    अच्छा, तो ये यमाल को यंग प्लेयर ऑफ द ईयर दिया गया - लेकिन उसके चार असिस्ट में से तीन एक ऐसे फॉर्मेशन में आए जहां दूसरा खिलाड़ी खड़ा ही नहीं था! रोड्री तो फाइनल में बाहर हो गए, फिर भी उन्हें प्लेयर ऑफ द ईयर? ये पुरस्कार तो अब सिर्फ टीवी रेटिंग्स के लिए दिए जाते हैं। ये टीम ने जीता तो ठीक है, लेकिन ये नाम देने का तरीका? बेकार।

  11. Piyush Kumar
    Piyush Kumar

    तुम सब जो बोल रहे हो - ये पुरस्कार फिक्स हैं, ये टीम फिक्स है, ये सब बेकार है - लेकिन जब तुम बच्चे को देखोगे जो अपने घर के गलियारे में एक पुराना बॉल लेकर खेल रहा है, तो तुम्हें याद आएगा कि ये जो यमाल ने किया, वो कोई शो नहीं था। वो एक आवाज़ थी - एक ऐसी आवाज़ जो कहती है, तुम भी कर सकते हो।

एक टिप्पणी लिखें