महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में, राज्य सरकार ने एक नई और महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है जिसे 'लाडला भाई योजना' नाम दिया गया है। इस योजना का उद्देश्य राज्य के बेरोजगार युवाओं को वित्तीय सहायता और रोजगार के अवसर प्रदान करना है। 'लाडला भाई योजना' को 'लाडली बहन योजना' से प्रेरणा मिली है, जो महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए चलाई जाती है।
'लाडला भाई योजना' की विशेषताएँ
'लाडला भाई योजना' के तहत, महाराष्ट्र के उन युवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जो बेरोजगार हैं और राज्य के निवासी हैं। योजना में शामिल होने के लिए युवाओं को Skill, Employment, Entrepreneurship, and Innovation (SEEI) वेब पोर्टल पर कर्मचारियों के रूप में पंजीकृत होना आवश्यक है। इसके अलावा, आवेदकों के पास कम से कम तीन साल की स्थापना होनी चाहिए। यह योजना 12वीं पास छात्रों को ₹6000 प्रति माह, डिप्लोमा धारकों को ₹8000 प्रति माह और स्नातकों को ₹10000 प्रति माह का वित्तीय समर्थन प्रदान करती है।
अपरेंटिसशिप अवसर
वित्तीय सहायता के अलावा, 'लाडला भाई योजना' के माध्यम से युवाओं को विभिन्न फैक्ट्रियों और अन्य प्रतिष्ठानों में अपरेंटिसशिप के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे। यह कदम निश्चित रूप से युवाओं के कौशल में वृद्धि करेगा और उन्हें रोजगार पाने में मदद करेगा। अपरेंटिसशिप के दौरान, युवाओं को विभिन्न कार्यों में शामिल किया जाएगा, जिससे उनका व्यावसायिक ज्ञान और अनुभव बढ़ेगा।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में बेरोजगारी दर को कम करना है। सरकार का मानना है कि 'लाडला भाई योजना' के माध्यम से युवाओं को वित्तीय सहायता और अपरेंटिसशिप के अवसर प्रदान कर, उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और वे बेहतर रोजगार के लिए तैयार होंगे। इसके माध्यम से, राज्य के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देने की संभावना है।
पंजीकरण और पात्रता
योजना का लाभ उठाने के लिए योग्य उम्मीदवारों को महाराष्ट्र राज्य के निवासी होना अनिवार्य है। इसके अलावा, उन्हें SEEI वेब पोर्टल पर एक कर्मचारी के रूप में पंजीकृत होना चाहिए और कम से कम तीन वर्षों की स्थापना होनी चाहिए। योजना के अंतर्गत प्राप्त वित्तीय सहायता से युवा अपने शिक्षा और अन्य आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं।
समाज पर प्रभाव
'लाडला भाई योजना' का समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। इस योजना के माध्यम से, न केवल बेरोजगार युवाओं को वित्तीय सहायता और रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि उनके परिवारों को भी आर्थिक स्थिरता मिलेगी। इसके परिणामस्वरूप, राज्य की युवा पीढ़ी अधिक आत्मनिर्भर और सशक्त हो सकेगी।
महाराष्ट्र सरकार का यह कदम राज्य के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। 'लाडला भाई योजना' के माध्यम से, न केवल वर्तमान के रोजगार समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि भविष्य में युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। यह योजना निश्चित रूप से एक game-changer साबित हो सकती है, जो राज्य के सामाजिक और आर्थिक ढांचे में सकारात्मक बदलाव लाएगी।
ये योजना तो बहुत अच्छी है! जब तक युवाओं को पैसा मिलेगा और स्किल डेवलप होगा, तब तक बेरोजगारी कम होगी। मैंने अपने भाई को इस पोर्टल पर रजिस्टर करवा दिया है, अब उसे अप्रेंटिसशिप का ऑफर आया है। बस थोड़ा और एक्शन लेना होगा।
लाडला भाई योजना... यार ये नाम तो किसी कॉमेडी शो का है! सरकार ने लाडली बहन का नाम चुराकर लाडला भाई बना दिया? अब बेटे के लिए भी गुड न्यूज़ है, लेकिन इतना नाम लगाने की जरूरत थी? 😂
ये योजना बस नाम से ही बड़ी है
इस योजना की असली ताकत ये है कि ये एक इकोसिस्टम बना रही है - वित्तीय समर्थन + अप्रेंटिसशिप + स्किल डेवलपमेंट पोर्टल। ये एक सिंगल-पॉइंट फेलियर नहीं, बल्कि एक सिस्टमिक इंटरवेंशन है। अगर इम्प्लीमेंटेशन ठीक रहा तो ये राष्ट्रीय मॉडल बन सकता है।
क्या हम वास्तव में युवाओं को सहायता दे रहे हैं... या बस एक नए ब्यूरोक्रेटिक अभियान के तहत उन्हें एक नए रिकॉर्डिंग सिस्टम में फंसा रहे हैं? क्या ये योजना उनकी आत्मा को छूती है... या बस एक डिजिटल फॉर्म भरवाती है?
अरे भाई ये योजना तो बस चुनावी झूठ है! ये जो ₹10000 दे रहे हैं, वो तो एक दिन के लिए भी नहीं चलेगा! मुंबई में एक रूम रेंट ₹15000 है! और ये लोग सोच रहे हैं कि ये पैसा बच्चों को खुश करेगा? 🤦♂️
ये सब लाडला भाई वाली बातें अमेरिका के लिए बनाई गई हैं। ये योजना असल में युवाओं को डेटा बनाने के लिए है। बाद में उनकी बातें बेच दी जाएंगी। ये सब एआई के लिए ट्रेनिंग डेटा है।
मैंने अपने भाई को इसमें रजिस्टर करवाया और उसे अप्रेंटिसशिप मिल गई तो बहुत खुशी हुई। अब उसकी दादी भी खुश है। बस जल्दी से बाकी लोगों को भी इसके बारे में बताओ
अच्छी योजना है 👍
ये योजना सिर्फ एक लोकतांत्रिक रिटोरिक का उपयोग है। आर्थिक समर्थन और अप्रेंटिसशिप के बीच का डिस्क्रेपेंसी बहुत बड़ा है। अगर ये योजना सच में युवाओं को एंपॉवर करना चाहती है, तो इसे एक फंडिंग मॉडल के रूप में डिज़ाइन किया जाना चाहिए, न कि एक सोशल वेलफेयर ब्यूरोक्रेसी के रूप में।
लाडला भाई योजना? ये तो बस एक नया गाना है जो चुनाव के बाद भूल जाएंगे! जब तक ये योजना एक नियमित बजट आइटम नहीं बन जाती, तब तक ये बस एक ट्वीट है। अब देखते हैं कि अगले साल ये कहां गायब हो जाती है।
यह योजना एक विशिष्ट राष्ट्रीय नीति के रूप में अत्यधिक विचारशील है। इसके तहत वित्तीय समर्थन के साथ-साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण का समावेश एक बहुआयामी दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है, जो अक्सर भारतीय सामाजिक योजनाओं में अनुपस्थित होता है। यह एक न्यूनतम आवश्यकता से आगे बढ़कर एक स्थायी आर्थिक समावेशन की ओर एक बहुत ही संरचित कदम है।
योजना के तहत तीन वर्षों की स्थापना की आवश्यकता अर्थव्यवस्था के वास्तविक संकट को नजरअंदाज करती है। युवा बेरोजगार हैं क्योंकि उनके पास अभी तक तीन साल का अनुभव नहीं है - इसलिए ये शर्त एक अंतर्निहित विरोधाभास है। इसका अर्थ है कि योजना उन्हें उसी बंधन में रखती है जिससे वे बचना चाहते हैं।
ये योजना भारत के युवाओं के लिए एक विशिष्ट और गौरवशाली पहल है। ये देश के लिए एक नया अध्याय है। जो लोग इसकी आलोचना करते हैं, वे देश के विकास के खिलाफ हैं। हमारी सरकार सच में युवाओं की भलाई के लिए काम कर रही है।
अगर ये योजना इतनी अच्छी है तो क्यों नहीं बताया गया कि ये ₹10000 का भुगतान कौन देगा? क्या ये टैक्स से होगा? फिर टैक्स देने वालों का क्या होगा? और अगर ये बैंक लोन से होगा, तो फिर ये योजना नहीं, बल्कि एक नया ऋण बंधन है? और अप्रेंटिसशिप वाले काम? क्या वो वाकई में डेटा एंट्री के लिए हैं? क्या ये सब एक बड़ा डिजिटल फार्म बनाने का नाटक है?