भारत बनाम बांग्लादेश 1st टेस्ट: महत्वपूर्ण मोड़
भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह एक रोमांचक और उतार-चढ़ाव वाला दिन था जब चेन्नई के एम.ए. चिदंबरम स्टेडियम में भारत और बांग्लादेश के बीच पहला टेस्ट मैच खेला गया। भारी मौसम की स्थिति और बांग्लादेशी गेंदबाजों के सटीक हमलों के बीच, भारतीय टीम के लिए शुरआती स्थिति मुश्किल भरी रही। एक समय जब भारत का स्कोर 34/3 था, तब ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम बड़ी मुश्किल में है।
हसन महमूद की बेहतरीन गेंदबाजी ने भारतीय बल्लेबाजी को झकझोर कर रख दिया था। शीर्ष क्रम के बल्लेबाज जल्दी जल्दी पवेलियन लौट गए और स्कोर केवल 34 रन पर ही तीन विकेट गिर चुके थे। इस कठिन परिस्थिति में ऋषभ पंत और यशस्वी जायसवाल ने थोड़ी स्थिरता प्रदान की। इन दोनों के बीच एक छोटी लेकिन महत्वपूर्ण साझेदारी की बदौलत भारतीय टीम को थोड़ी राहत मिली। ऋषभ पंत ने अपने दृष्टिकोण और अनुभव से स्थिति संभालने की कोशिश की लेकिन ज्यादा देर तक टिक नहीं पाए।
अश्विन-जडेजा का दमखम
परंतु, असली मोड़ तब आया जब रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा मैदान पर उतरे। इन दोनों ने मिलकर एक अटूट 195 रनों की साझेदारी की जिससे भारतीय टीम को संभलाव मिला और स्कोर को 144 बाद 6 विकेट से 339/6 तक पहुंचा दिया। यह साझेदारी भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए उम्मीदों का नया किरण लेकर आई। अश्विन जहां 102 रन बनाकर नाबाद रहे वहीं जडेजा भी 86 रनों पर नाबाद रहे।
इस साझेदारी ने न केवल भारतीय टीम को संकट से निकाला बल्कि टीम की मध्यक्रम की मजबूती और दृढ़ता को भी उजागर किया। इस साझेदारी ने भारतीय टीम को मजबूत स्थिति में खड़ा कर दिया है और बांग्लादेश के गेंदबाजों के हौसले को ध्वस्त कर दिया है।
मुख्य खिलाड़ी और परिस्थितियां
इस मैच में महत्वपूर्ण खिलाड़ियों की वापसी भी देखी गई। केएल राहुल और ऋषभ पंत जैसे अनुभवी खिलाड़ी टीम में लौटे हैं, हालांकि मोहम्मद शमी अभी भी टखने की सर्जरी के चलते अनुपलब्ध हैं। चेन्नई की गर्मी भी इस मैच में एक बड़ी भूमिका निभा रही है और भारतीय टीम के तीन स्पिनरों का चयन एक महत्वपूर्ण निर्णय साबित हो सकता है।
वहीं, बांग्लादेशी टीम, जो नजमुल हुस्सेन शंटो के कप्तानी में खेल रही है, भारतीय टीम के इस मजबूती पर एक बड़ा असर छोड़ने की कोशिश कर रही है। लेकिन फिलहाल अश्विन और जडेजा की साझेदारी ने भारतीय टीम के पक्ष में मैच की दिशा बदल दी है।
दिन की समाप्ति
दिन का खेल समाप्त होने पर स्कोर 339/6 था और इस स्थिति में भारतीय टीम आत्मविश्वास से परिपूर्ण दिख रही है। इस जोड़ी की प्रदर्शन ने न केवल एक बड़ी साझेदारी बनाई है बल्कि उनके बल्लेबाजी के तरीके ने भारतीय टीम के अन्य खिलाड़ियों को भी प्रेरित किया है।
इस प्रकार, इस पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम को एक अच्छी शुरुआत मिल गई है और अगर यह जोड़ी अगले दिन भी अपना प्रदर्शन जारी रखती है तो भारत को एक बड़ी बढ़त मिल सकती है।
ये सब अश्विन-जडेजा वाला जादू सरकार और बीसीसीआई के लिए धोखा है। वो खिलाड़ी तो हमेशा बचाने के लिए डाले जाते हैं ताकि लोग भूल जाएं कि टीम का बेसिक गठन ही बर्बाद है।
अश्विन और जडेजा ने तो बस अपना काम किया जैसा होना चाहिए। जब टीम डूब रही थी तो वो दोनों ने बचाया। ये जोड़ी भारतीय क्रिकेट की असली जड़ है।
अरे ये तो बस एक दिन की बात है भाई! ये दोनों कभी टेस्ट में अकेले नहीं जीतते। देखो अगले दिन बांग्लादेश के गेंदबाज इनकी गति को पढ़ लेंगे और फिर देखो कैसे चार विकेट गिरते हैं। और हां ये सब राहुल और पंत की वापसी का बहाना है जो असली टीम को नहीं बना पाए। ये सब एक बड़ा नाटक है।
यहाँ पर एक बात स्पष्ट है कि भारतीय क्रिकेट टीम के मध्यक्रम में अभी भी एक गंभीर असंगठितता मौजूद है। अश्विन और जडेजा की साझेदारी तो अच्छी लगी लेकिन यह एक अस्थायी उपचार है जो आधारभूत समस्याओं को नहीं ठीक करता। बल्लेबाजी क्रम का डिज़ाइन बिल्कुल गलत है और इस तरह की लंबी साझेदारियाँ बार-बार आने का मतलब है कि टीम का पहला नंबर खाली है।
ये साझेदारी तो टेस्ट क्रिकेट की लंबी लिस्ट में एक और बार रिकॉर्ड बनाने वाली है। दोनों ने एक बार फिर से साबित कर दिया कि स्पिनर्स अभी भी टेस्ट क्रिकेट के दिल हैं। इनकी रन रेट और बॉल बाउंस का एनालिसिस तो बहुत अच्छा है। लेकिन अगर बल्लेबाजी क्रम में टॉप ऑर्डर को ठीक नहीं किया गया तो ये सब बेकार है।
भारत के लिए ये जोड़ी हमारे देश की शक्ति है। बांग्लादेश के गेंदबाज जो भी आएंगे वो इनके सामने झुक जाएंगे। ये जोड़ी भारतीय गौरव की निशानी है। अगर ये दोनों नहीं होते तो आज टीम इंडिया का क्या होता? दुनिया भर में भारतीय खिलाड़ियों की ताकत को कोई नहीं चुनौती दे सकता।
मुझे लगता है अश्विन और जडेजा की ये साझेदारी बहुत खूबसूरत थी। उन्होंने न सिर्फ स्कोर बढ़ाया बल्कि टीम के दिल में आशा भी भर दी। उम्मीद है अगले दिन भी ऐसा ही रहे। और हाँ, बांग्लादेश के खिलाफ भी हमें सम्मान के साथ खेलना चाहिए। ये दोनों टीमें एक दूसरे के लिए बहुत कुछ हैं।
ये साझेदारी तो जीवन का ही एक रूप है। दो अलग-अलग दुनियाओं के आदमी एक साथ आए और कुछ बड़ा बना दिया। अश्विन की सोच और जडेजा की ताकत... ये दोनों एक दूसरे को पूरा करते हैं। जैसे शाम की हवा और रात का चाँद... एक बिना दूसरे अधूरा है।