मनमोहन सिंह के जन्म दिवस पर मोदी‑खड़गे‑गांधी ने दी श्रद्धांजली

मनमोहन सिंह के जन्म दिवस पर मोदी‑खड़गे‑गांधी ने दी श्रद्धांजली

26 सितंबर 2025, भारत के दो प्रमुख राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता एक साथ एक ही मंच पर आए – नहीं, अनौपचारिक मंच पर, लेकिन सोशल मीडिया X पर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे, विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कई वरिष्ठ नेता ने पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह को उनके जन्म दिवस पर श्रद्धांजली अर्पित की। यह अचानक राजनीतिक एकता के क्षण ने देश भर में गूँज बना दी, जहाँ कई लोग इस जज्बे को गहरी भावना से महसूस कर रहे थे।

मनमोहन सिंह की आर्थिक विरासत

सिंग, 1923 में जन्मे, एक प्रमुख आर्थिक विज्ञानी से राजनीति में आए और 2004‑2014 तक दो कार्यकालों में प्रधान मंत्री रहे। उनका सबसे बड़ा योगदान, ‘आर्थिक परिवर्तन का कोमल वास्तुकार’, वह था जब उन्होंने भारत को निर्यात‑उन्मुख, तकनीकी‑आधारित अर्थव्यवस्था में बदल दिया। कुछ प्रमुख कदम यह थे:

  • 2005‑06 में वैध कर सुधार, जिससे कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाया गया।
  • वित्तीय समावेशन के लिए ‘नो एंट्री बैक-डोर’ पहल, जिससे बैंकिंग सेवाएँ ग्रामीण इलाकों में पहुँचीं।
  • 2009 में ‘रिची-स्टॉर’, एक ऐसी योजना जिसने छोटे उद्योगों को विश्व बाजार से जोड़ा।
  • कृषि सहित कई क्षेत्रों में सब्सिडी में कटौती, जिससे सार्वजनिक खर्च में संतुलन आया।

इन नीतियों ने मध्य वर्ग को मजबूत किया और करोड़ों गरीब परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाने में मदद की। आर्थिक वृद्धि की दर 2004‑2008 में निरंतर 8‑9% के करीब रही, जो भारत के आर्थिक इतिहास में एक उल्लेखनीय अध्याय है।

नेताओं की श्रद्धांजली

नेताओं की श्रद्धांजली

प्रधानमंत्री मोदी ने X पर लिखा, “हम लंबे वर्षों के सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को याद करते हैं।” उनका संदेश संक्षिप्त था, पर सम्मान की गहराई स्पष्ट थी। राहुल गांधी ने एक फोटो के साथ लिखा, “उनकी निडरता, गरीबों के लिए उनके साहसिक फैसले, और सुदृढ़ अर्थव्यवस्था का उनका योगदान हमेशा हमें प्रेरित करेगा।” उन्होंने सिंह की “सरलता, नम्रता और ईमानदारी” को भी सराहा।

कांग्रेसी नेता प्रियांका गांधी ने लिखा, “उनकी दूरदर्शिता ने भारत को असाधारण प्रगति के पथ पर डाला, जिससे सभी वर्गों का समावेशी विकास संभव हुआ।” यह बयान उनके सामाजिक‑आर्थिक दृष्टिकोण को उजागर करता है। ख़ड़गे ने सिंह को “शांत बहादुरी और आर्थिक परिवर्तन के कोमल वास्तुकार” कहा, और उनके “विचारों से जनसंख्या में नई अवसरों के द्वार खुले” का हवाला दिया।

इन सभ्य अभिव्यक्तियों के अलावा, कई आम नागरिकों ने भी सोशल मीडिया पर अपने-अपने सम्मान व्यक्त किए। कई ने सिंह के ‘किफ़ायती दवाइयों के लिए” पहल, और ‘मानवाधिकार‑सुरक्षित’ नीति को याद किया, जो आज भी स्वास्थ्य‑सेवा क्षेत्र में असरदार बनी हुई है।

सिंग के जन्मदिवस के इस अवसर पर दर्शाया गया सम्मान, भारतीय राजनीति की विविधता के बीच भी एक सतत बंधन का प्रमाण है – वह बंधन जो विकास, ईमानदारी और राष्ट्रीय एकजुटता के मूल्यों से जुड़ा है। यह सम्मान केवल एक दिन की नहीं, बल्कि उनके दशकों‑लंबे सार्वजनिक सेवा का निरंतर स्मरण है।

टिप्पणि (17)

  1. Ashish Perchani
    Ashish Perchani

    ये सब नेता एक साथ आए हैं? अरे भाई, ये तो बस फोटो शूट है। कल फिर वही ट्वीट करेंगे, आज बस दिखावा है। मनमोहन सिंह को याद करने के बजाय, आज के नेताओं को ये सोचना चाहिए कि वो क्या कर रहे हैं।

  2. Dr Dharmendra Singh
    Dr Dharmendra Singh

    मनमोहन सिंह जी की नम्रता और गहराई आज के राजनीति के दौर में बहुत कम मिलती है। उन्होंने जो किया, वो बस आंकड़ों में नहीं, दिलों में रह गया। ❤️

  3. sameer mulla
    sameer mulla

    हा भाई ये सब नेता एक साथ आए? बस फेक न्यूज़ है! ये सब तो बस लोगों को धोखा देने के लिए बनाया गया है। असली विकास तो जब तक नहीं हुआ, तब तक ये सब नेता अपनी नौकरियां चलाते रहेंगे।

  4. Prakash Sachwani
    Prakash Sachwani

    कुछ लोग तो बस फोटो डाल देते हैं और ये कह देते हैं कि श्रद्धांजलि दी। असली काम तो करो।

  5. Pooja Raghu
    Pooja Raghu

    ये सब एक बड़ी साजिश है। वो चाहते हैं कि हम भूल जाएं कि आर्थिक नीतियां कैसे टूटीं। फिर जब गरीबी बढ़ेगी तो वो फिर से मनमोहन सिंह की याद दिलाएंगे।

  6. Pooja Yadav
    Pooja Yadav

    मनमोहन सिंह जी ने जो किया वो असली बदलाव था। आज भी जब कोई गांव में बैंक खुलता है या कोई छोटा उद्यमी बाजार में जाता है, तो उनकी नीतियों का असर दिखता है। बस ये याद रखो।

  7. Pooja Prabhakar
    Pooja Prabhakar

    अरे ये सब तो बस लोगों को भ्रमित करने का नाटक है। आर्थिक विकास का श्रेय तो बस एक व्यक्ति को दे दिया जा रहा है, जबकि इसमें कई बैंकरों, आईएएस अधिकारियों और वित्तीय विशेषज्ञों का हाथ था। ये नेता तो बस फेम बनाना चाहते हैं। और फिर जब नीतियां फेल होती हैं तो वो बोलते हैं कि उनकी नीतियां अच्छी थीं। ये तो बस राजनीति का खेल है।

  8. Anadi Gupta
    Anadi Gupta

    मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान आर्थिक वृद्धि की दर 8-9% रही इसका अर्थ यह नहीं है कि उनकी नीतियां सही थीं। वास्तविक रूप से, उनके कार्यकाल में निर्यात बढ़ा लेकिन आयात और विदेशी निवेश के बहिर्मुखी ढांचे को नजरअंदाज किया गया। निजी क्षेत्र के विकास के लिए निवेश अपर्याप्त रहा और राज्य के बजट में घाटा बढ़ा। इसलिए ये जो श्रद्धांजलि हो रही है, वह एक भ्रम है।

  9. shivani Rajput
    shivani Rajput

    ये जो आर्थिक विकास की बात हो रही है, वो बस ग्राफ़ पर चलता है। असली बात ये है कि सामाजिक असमानता बढ़ी। गरीबों के लिए नहीं, बल्कि निवेशकों के लिए नीतियां बनीं। ये विकास तो बस एक शब्द है।

  10. Jaiveer Singh
    Jaiveer Singh

    मनमोहन सिंह के दौर में भारत का नाम दुनिया में बढ़ा लेकिन आज के नेता उसे नहीं जानते। ये सब नेता बस अपनी लोकप्रियता के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। असली देशभक्त वही है जो देश के लिए काम करे, न कि ट्वीट करे।

  11. Arushi Singh
    Arushi Singh

    मैं तो बस ये कहना चाहती हूं कि जब एक नेता को सब दल एक साथ याद करें, तो उसका जीवन असली था। आज के दौर में ऐसा कम ही होता है। शायद हमें ऐसे नेताओं की जरूरत है, जो बोलते नहीं, बल्कि करते हैं। 🌿

  12. Rajiv Kumar Sharma
    Rajiv Kumar Sharma

    अगर ये सब नेता एक साथ आए हैं तो क्यों नहीं एक ऐसी नीति बनाते जो असली बदलाव लाए? ये तो बस एक फोटो है। जब तक ये नहीं बदलेगा, तब तक ये सब बस एक नाटक है।

  13. Jagdish Lakhara
    Jagdish Lakhara

    मनमोहन सिंह जी का जीवन एक अद्भुत उदाहरण है कि एक व्यक्ति कैसे अपने ज्ञान से देश को बदल सकता है। उनकी नम्रता और ज्ञान का संयोजन आज के राजनीतिक दौर में अनोखा है।

  14. Nikita Patel
    Nikita Patel

    कई लोग ये कहते हैं कि ये सब दिखावा है। लेकिन अगर ये दिखावा है तो भी ये एक अच्छा दिखावा है। अगर एक बार नेता एक साथ आएं तो शायद अगली बार वो एक साथ काम करें। इसलिए ये शुरुआत अच्छी है।

  15. abhishek arora
    abhishek arora

    ये सब नेता बस अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के लिए आए हैं। मनमोहन सिंह को याद करने की बजाय, आज के नेताओं को अपने बच्चों को सिखाना चाहिए कि देश के लिए काम कैसे करना है। न कि ट्वीट करना। 💪

  16. Kamal Kaur
    Kamal Kaur

    मैं बस ये कहना चाहता हूं कि जब एक व्यक्ति को इतने सारे लोग एक साथ याद करें, तो वो व्यक्ति असली है। इस दौर में ऐसा कम ही होता है। शायद हमें ऐसे नेताओं की जरूरत है जो बोलने के बजाय करते हैं। 😊

  17. Ajay Rock
    Ajay Rock

    हा भाई, ये सब नेता एक साथ आए? अरे ये तो बस एक बड़ा फेक न्यूज़ है। अगर ये सच होता तो आज के दिन भी कुछ नया होता। लेकिन नहीं, बस एक फोटो और एक ट्वीट। ये तो बस राजनीति का खेल है।

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