भारतीय शेयर बाजार में अदाणी समूह के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखा गया, जब एग्ज़िट पोल्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वापसी की संभावना जताई। इस बढ़ोतरी के कारण अदाणी समूह के शेयरों का कुल बाजार पूंजीकरण लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिससे समूह की कुल बाजार मूल्य 19.24 लाख करोड़ रुपये हो गई है। यह उछाल न केवल अदाणी समूह के निवेशकों के लिए बल्कि भारतीय शेयर बाजार के लिए भी एक महत्वपूर्ण घटना है।
अदाणी पावर का प्रदर्शन
अदाणी पावर ने सबसे ज्यादा उछाल देखा, जिसका मुख्य कारण पिछले 6 महीनों में इसकी कीमत का लगभग दोगुना होना है। बीएसई पर अदाणी पावर का शेयर 16% की बढ़ोतरी के साथ 875 रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। यह वृद्धि कंपनी के भविष्य में मजबूत प्रदर्शन की उम्मीदों को दर्शाती है। इसके अलावा, अदाणी समूह की अन्य प्रमुख कंपनियों ने भी शानदार प्रदर्शन किया है।
निफ्टी50 समूह में अदाणी पोर्ट्स
निफ्टी50 समूह में अदाणी पोर्ट्स शीर्ष पर रहा, जिसने 9% की बढ़ोतरी दर्ज की। इसके बाद अदाणी इंटरप्राइजेज ने 7% का लाभ दर्ज किया। यह दर्शाता है कि समूह की विभिन्न इकाइयां मजबूत प्रदर्शन कर रही हैं और निवेशकों का विश्वास अर्जित कर रही हैं। अन्य शीर्ष प्रदर्शनकारियों में अदाणी टोटल गैस, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस और अदाणी ग्रीन भी शामिल हैं, जो सभी 7-8% के बीच बढ़े। इस प्रकार, अदाणी समूह के शेयर उनके प्री-हिंडेनबर्ग स्तर के करीब पहुंच रहे हैं और कई काउंटर्स ने सभी नुकसान मिटा दिए हैं।
वित्तीय वर्ष 2024 में अदाणी समूह का मुनाफा वृद्धि
वित्तीय वर्ष 2024 में, अदाणी समूह का लाभ 55% की वृद्धि के साथ 30,768 करोड़ रुपये पहुंच गया है। उसी अवधि में ईबीआईटीडीए (EBITDA) सालाना दर से 40% की वृद्धि के साथ 660 बिलियन रुपये रहा। इन आंकड़ों से समूह की वित्तीय मजबूती और भविष्य की संभावनाओं का संकेत मिलता है।
जेफरीज और सीएलएसए की सिफारिशें
प्रमुख ब्रोकरेज कंपनी जेफरीज ने अदाणी इंटरप्राइजेज, अदाणी पोर्ट्स, और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस पर खरीदारी की सिफारिश की है, जिनके लक्षित मूल्य क्रमशः 3,800 रुपये, 1,640 रुपये और 1,365 रुपये हैं। पिछले सप्ताह सीएलएसए ने भी अदाणी पोर्ट्स, अदाणी इंटरप्राइजेज, एसीसी और अंबुजा सीमेंट को अपनी 54 मोदी स्टॉक्स की सूची में शामिल किया था। इसमें पीएसयू और अन्य कॉर्पोरेट्स भी शामिल हैं जिन्हें पीएम मोदी की नीतियों से सीधे लाभ होने की उम्मीद है।
मोदी की वापसी से संभावनाएं बढ़ीं
एग्ज़िट पोल्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वापसी के संकेतों से निवेशकों के मनोबल में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे संकेतों से अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में तेजी लौट आई है। इन चुनाव पूर्व अनुमानों को सकारात्मक दृष्टि से देखा जा रहा है, जिससे अदाणी समूह के शेयरों में निवेशकों का विश्वास मजबूत हुआ है।
निवेशकों के लिए संदेश
अदाणी समूह के शेयरों में इस तेजी ने निवेशकों को एक सकारात्मक संदेश दिया है। यह समूह न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, बल्कि अपने प्रदर्शन से निवेशकों का ध्यान भी आकर्षित कर रहा है। यह निवेशकों के लिए एक संकेत हो सकता है कि उनके निवेश में स्थिरता और बढ़ोतरी की संभावनाएं हैं।
ये शेयर बाजार का खेल है, जब तक मोदी का नाम आता है, सब कुछ उछल जाता है। लेकिन असली बात ये है कि अदाणी की कंपनियाँ वाकई काम कर रही हैं या सिर्फ भावनाओं पर चल रही हैं।
OMG!!! ये तो बिल्कुल जादू है!! 🔥🔥🔥 एक बार फिर नेताजी की वापसी ने सब कुछ बदल दिया!! अदाणी पावर ने 16% उछाल दिया, अदाणी पोर्ट्स ने 9% लिया, अब तो निफ्टी50 भी उड़ रहा है!!! 🚀🚀🚀 क्या बात है भाईयों!!
ये सब झूठ है भाई! एग्ज़िट पोल्स को कौन भरोसा करेगा? ये सब बैंकों और बड़े बिजनेस वालों का धोखा है! मोदी वापस आएंगे तो क्या होगा? अदाणी के शेयर बढ़ेंगे तो क्या होगा? आम आदमी को तो बिजली का बिल बढ़ जाएगा! ये सब एक बड़ा कंस्पिरेसी है! जेफरीज और CLSA भी उनके लिए काम करते हैं! जागो भारत!
इस तरह के बड़े उछालों के पीछे एक गहरी सामाजिक और आर्थिक उम्मीद छिपी है। लोग निवेश कर रहे हैं क्योंकि वे भारत के भविष्य पर विश्वास करते हैं। ये सिर्फ शेयरों का खेल नहीं, बल्कि एक विश्वास का प्रतीक है। हमें इस उम्मीद को बरकरार रखना चाहिए, न कि इसे शक के बादलों से ढक देना चाहिए।
देखिए, ये अदाणी समूह का विकास भारत के आर्थिक रूपरेखा के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। जब देश में बड़े बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्ट्स चलते हैं, तो जैसे-जैसे निवेश बढ़ता है, वैसे-वैसे कंपनियों का लाभ भी बढ़ता है। अदाणी पावर का 16% उछाल, अदाणी पोर्ट्स का 9% बढ़ना, ये सब एक निरंतर विकास की कहानी है। और जब आप देखें कि EBITDA में 40% की बढ़ोतरी हुई है, तो ये बस एक शेयर बाजार का झूठ नहीं, बल्कि एक वास्तविक आर्थिक विस्तार का संकेत है। इसके पीछे नीतियों का भी योगदान है, जिसकी वजह से निवेशक विश्वास करते हैं।
अच्छा हुआ कि बाजार ने सकारात्मक रिएक्शन दिया। लेकिन इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि इस उछाल का असली आधार क्या है। क्या ये टेक्निकल बढ़ोतरी है या फंडामेंटल्स की मजबूती?
हाँ भाई, जेफरीज की सिफारिश तो बहुत अच्छी है! और CLSA का ये मोदी स्टॉक्स लिस्ट भी बहुत अच्छा है। अगर आप लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो अदाणी पोर्ट्स और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस अच्छे ऑप्शन हैं। मैंने खुद इनमें डाला है और अभी तक बहुत खुश हूँ 😊
अदाणी समूह के शेयर बढ़ रहे हैं? बस इतना ही? जब तक नेता बदल नहीं रहे, तब तक ये बाजार बस भावनाओं पर चलता है। ये निवेश नहीं, बल्कि एक अपराध है। आम आदमी को बिजली और ईंधन के लिए भुगतान करना पड़ रहा है, और ये लोग लाखों करोड़ कमा रहे हैं। ये लोग किसके लिए बने हैं? देश के लिए या अपने जेब के लिए?
1.4 लाख करोड़ का लाभ? बहुत अच्छा। लेकिन ये लाभ किसके लिए है? निवेशकों के लिए? या फिर शेयर बाजार के गेम प्लेयर्स के लिए? जब तक ये लाभ नियमित नौकरियों और आम जनता तक नहीं पहुँचता, तब तक ये सिर्फ एक नाटक है। और ये नाटक हमेशा एक नेता के नाम पर चलता है।
अदाणी के शेयर बढ़ रहे हैं? तो फिर क्या? मैंने तो अभी तक एक भी आम आदमी को देखा है जिसकी जिंदगी बेहतर हुई हो। ये सब बस एक फैंटेसी है।
इस तरह की बातों पर चर्चा करना अच्छा है, लेकिन याद रखें कि बाजार कभी-कभी भावनाओं पर चलता है। असली जांच तो फंडामेंटल्स में है।
हाँ, बहुत अच्छा... जब एक नेता का नाम आता है, तो शेयर बाजार नृत्य करने लगता है। अदाणी के शेयर उछल रहे हैं? बहुत बढ़िया। अब बताइए, क्या ये उछाल भारत के गाँवों के बच्चों के लिए शिक्षा बढ़ाएगा? क्या ये बिजली के बिल घटाएगा? नहीं। ये बस एक और अर्थव्यवस्था का जादू है।
इस विकास के पीछे आर्थिक नीतियों का एक सुसंगठित ढांचा है। अदाणी समूह की विभिन्न इकाइयाँ बुनियादी ढांचे के विकास के साथ समानांतर विकसित हो रही हैं। EBITDA में 40% की वृद्धि, लाभ में 55% की बढ़ोतरी - ये संकेत हैं कि वित्तीय व्यवहार्यता बनी हुई है। ये एक अल्पकालिक उछाल नहीं, बल्कि एक स्थायी विकास का प्रतीक है। निवेशकों को इस रुझान को अपनाना चाहिए।
क्या हम इस उछाल को वास्तविकता मान सकते हैं? या यह एक ऐसा संकेत है जो आपको बताता है कि आपका विश्वास अभी भी एक नेता के नाम पर टिका हुआ है? क्या भारत का भविष्य एक व्यक्ति के नाम पर निर्भर है?
ये तो बिल्कुल एक बॉलीवुड फिल्म है! जब मोदी आते हैं, तो शेयर बाजार नाचता है, जब वो जाते हैं, तो बाजार रोता है! अदाणी के शेयर बढ़े? ओहो! ये तो जादू है! लेकिन दोस्तों, ये जादू तो हर बार एक ही नाम पर चलता है - मोदी! अब बताओ, क्या हम अपने आर्थिक भविष्य को एक इंसान के नाम पर लिख रहे हैं?