सेंसेक्स 567 अंक उछला, आईटी‑बैंक शेयरों ने रैली, रियल एस्टेट में गिरावट
22 जनवरी को सेंसेक्स 567 अंक उछला, आईटी व निजी‑बैंक शेयरों ने चला दी रैली, जबकि रियल एस्टेट में गिरावट दर्ज हुई।
6 अक्तू॰ 2025जब आप Nifty, भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर ट्रेड होने वाला मुख्य बाजार सूचकांक, Also known as Nifty 50, it reflects the overall performance of the country's largest listed companies की बात करते हैं, तो पहला सवाल अक्सर ये आता है: यह सूचकांक किसे मदद करता है? सरल शब्दों में, Nifty 50 पाँच दशकों की टॉप कंपनियों के स्टॉक कीमतों को जोड़कर बनता है, इसलिए इसका उतार‑चढ़ाव भारतीय अर्थव्यवस्था के स्वास्थ्य का मीटर बन जाता है। यही कारण है कि निवेशकों, ट्रेडर्स और आर्थिक विश्लेषकों सभी Nifty को रोज़ाना फॉलो करते हैं।
इस सूचकांक की गहराई समझने के लिए दो प्रमुख संस्थाओं को देखना फायदेमंद है—NSE, भारत का प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म, जहाँ Nifty का रेफ़रेंस बेंचमार्क रहता है और BSE, सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज, जो Nifty के डेटा को वैकल्पिक स्रोत के तौर पर उपयोग करता है। Nifty का मूल्य बनते‑बनाते दोनों एक्सचेंजों के ट्रेड वॉल्यूम और लिकिडिटी से प्रभावित होता है, इसलिए जब NSE में बड़ी कंपनियों के इकोनॉमिक रिपोर्ट आएँ, तो Nifty तुरंत प्रतिक्रिया देता है। द्वितीयक प्रभाव के रूप में, IPO, नयी कंपनियों का सार्वजनिक रूप से शेयर जारी करना, जिससे बाजार में नई पूँजी आती है Nifty के लीडरशिप बदल सकता है—एक बड़ा IPO अक्सर इनडेक्स में टॉप 50 कंपनियों में जगह बना लेता है, और इस बदलाव को Nifty का "इंडेक्स रीबैलेंस" कहा जाता है।
कई बार बजट घोषणाएँ या टैक्स नीति में बदलाव Nifty के जोड़‑घटाव में सीधा असर डालते हैं। उदाहरण के तौर पर, बजट 2025, भारत सरकार का वार्षिक वित्तीय योजना, जो व्यय‑आधार, कर सुधार और निवेश प्रोत्साहन पर केंद्रित है के बाद शेयर बाजार में तेज़ उछाल देखी गई, क्योंकि निवेशकों ने उम्मीद की कि नई फिस्कल प्रावधान से आर्थिक वृद्धि तेज़ होगी। इसी तरह, आयकर सेक्शन 44AB जैसे नियमों में बदलाव—जैसे कि सेक्शन 44AB, आवश्यक टैक्स ऑडिट प्रक्रिया, जिसका विस्तार या कमी कंपनियों की रणनीतियों को प्रभावित करता है—बाजार की अस्थिरता को बढ़ा सकता है, जिससे Nifty की दैनिक रेंज में परिवर्तन आता है। इन सभी तत्वों को एक साथ देखना समझाता है कि Nifty सिर्फ़ एक नंबर नहीं, बल्कि वित्तीय निर्णय, नियामक परिवर्तन और बाजार सहभागिता का समन्वय है।
अब आप इस पेज पर नीचे आने वाले लेखों में देखेंगे कि कैसे Nifty का दैनिक उतार‑चढ़ाव विभिन्न क्षेत्रों—क्रिकेट स्पॉन्सरशिप से लेकर सरकारी बजट तक—से जुड़ा है। चाहे आप शेयर बाजार के शुरुआती हों या अनुभवी ट्रेडर, यहाँ आपको Nifty से संबंधित नवीनतम खबरें, विश्लेषण और actionable insights मिलेंगे, जो आपके निवेश निर्णयों को सुदृढ़ करेंगे। आगे पढ़िए और जानिए कि आज का Nifty किन कारकों से प्रभावित हो रहा है और अगले हफ्ते कौन सी खबरें इसे दिशा दे सकती हैं।
22 जनवरी को सेंसेक्स 567 अंक उछला, आईटी व निजी‑बैंक शेयरों ने चला दी रैली, जबकि रियल एस्टेट में गिरावट दर्ज हुई।
6 अक्तू॰ 2025