NEET-UG 2024 के परिणाम: सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर NTA ने जारी किए परिणाम
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने नीट-यूजी 2024 परीक्षा के सिटी और सेंटर वार परिणाम अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिए हैं। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर उठाया गया है, जिसने एजेंसी को छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों को उनके पहचान छुपाते हुए प्रकाशित करने का आदेश दिया था।
परिणाम जारी करने की पृष्ठभूमि
NEET-UG परीक्षा का आयोजन 5 मई को देश और विदेश के 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर किया गया था। इस परीक्षा हेतु 24 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया था। परीक्षा से संबंधित पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोप लगाए थे, जिसके बाद कोर्ट ने NTA को छात्रों के अंकों का खुलासा करते हुए अन्य आवश्यक निर्देश जारी किए। कोर्ट ने यह जानने का प्रयास किया कि क्या कथित संदिग्ध केंद्रों पर परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों ने अन्य केंद्रों पर परीक्षा देने वालों की तुलना में अधिक अंक प्राप्त किए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने NTA को स्पष्ट निर्देश दिए कि वह परीक्षा के परिणाम घोषित करते समय छात्रों की पहचान गोपनीय रखें और केवल प्राप्त अंकों की जानकारी प्रदान करें। यह आदेश 20 जुलाई, 2024 को दिए गए थे और उसी दिन NTA ने परिणाम अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिए।
अगली सुनवाई
वर्तमान में, सुप्रीम कोर्ट 22 जुलाई को इस मामले की सुनवाई करने के लिए तैयार है। यह सुनवाई परीक्षा में कथित अनियमितताओं, पुनः परीक्षा और एक कोर्ट द्वारा मॉनिटरड जांच पर केंद्रित रहेगी। अनेक याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान अदालत इन आरोपों की सत्यता की जांच करने का प्रयास करेगी।
छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
NEET-UG 2024 के परिणाम घोषित होने के बाद छात्रों और अभिभावकों के बीच मिलीजुली प्रतिक्रिया देखी गई है। कई छात्रों ने परीक्षा में आई अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाई है। उनकी मांग है कि संपूर्ण परीक्षा प्रक्रिया की गहन जांच की जाए और यदि अनियमितता साबित होती है, तो सभी छात्रों के साथ न्याय हो।
उम्मीदवारों की इस प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट है कि उच्च स्तरीय परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण है। अब तक के अनुभव ने यह साबित किया है कि प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ परीक्षा प्रणाली में सुधार और निगरानी की आवश्यकता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
मामले का निष्कर्ष और आगे की राह
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता और पारदर्शिता में सुधार हेतु एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। अगले कुछ दिनों में सुनवाई से पता चलेगा कि जांच किन निष्कर्षों पर पहुँचती है और छात्रों के भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।
यह स्पष्ट है कि इस परीक्षा की प्रक्रियाओं को लेकर उठाए गए सवाल और संभावित अनियमितताओं के आरोप बहुत गम्भीर हैं और इनका समाधान खोजने के लिए न्यायालय और संबंधित संस्थाओं का सहयोग आवश्यक है। इस मामले का निर्णय आने वाले वर्षों में शिक्षा प्रणाली की प्रक्रिया को और मजबूत एवं पारदर्शी बनाने में सहायक हो सकता है।
फिर भी, यह देखना बहुत दिलचस्प होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले को किस दिशा में ले जाती है और क्या निर्णय देती है। उम्मीद है कि न्यायालय छात्रों के भविष्य को प्राथमिकता देते हुए एक उचित और संवेदनशील निर्णय लेगी।
परिणाम आ गए अब क्या करेंगे? सब तो बस बातें कर रहे हैं।
ये सब फर्जी है मेरा दोस्त एक सेंटर में देकर 650 आया और उसका दोस्त 600 में भी नहीं आया और वो वहीं पर बैठा था बस वो बाहर निकल गया तो उसके अंक बढ़ गए ये सब बेवकूफी है!!!
अच्छा हुआ कि अंक अब छुपाकर दिखाए जा रहे हैं अब लोग बस अंकों पर ध्यान देंगे नाम नहीं और ये तो बहुत अच्छी बात है अगर ये चलता रहा तो भविष्य में बहुत कुछ बदल जाएगा
ये सब एक बड़ा धोखा है जो लोग अंक दिखा रहे हैं वो सब नेटवर्क वाले हैं ये सब एक नियोजित चाल है जिसमें जो लोग अपने बच्चों को एडमिशन दिलाना चाहते हैं वो अंक बढ़ा रहे हैं और जो गरीब हैं उनके अंक कम हैं और अब ये जांच भी फर्जी है क्योंकि जो जांच कर रहे हैं वो भी उन्हीं के हैं जिन्होंने ये सब किया है ये सिर्फ एक नाटक है और अब तक का कोई भी जांच निष्पक्ष नहीं रही है
परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शिक्षा के क्षेत्र में न्याय के सिद्धांत को मजबूत करता है और यदि इस प्रक्रिया को नियंत्रित नहीं किया गया तो भविष्य में अन्य राष्ट्रीय परीक्षाएं भी इसी तरह के दुरुपयोग का शिकार बन सकती हैं जिससे छात्रों के भविष्य पर गहरा प्रभाव पड़ेगा
NTA के अंकों का विश्लेषण करने पर यह स्पष्ट है कि जिन सेंटरों में अधिकतम अंक आए हैं वे सभी एक ही ग्रुप के बच्चों के लिए डिज़ाइन किए गए थे जिन्हें पहले से ही आउटपुट दे दिया गया था यह एक बेहद संरचित अनियमितता है जिसे आंकड़ों से नहीं बल्कि सिस्टम के लॉजिक से समझा जा सकता है
हमारी भारतीय प्रणाली इतनी अच्छी है कि यहां किसी को भी धोखा नहीं दिया जा सकता अगर कुछ हुआ है तो वो बाहरी शक्तियों का षड्यंत्र है जो हमारी युवा पीढ़ी को कमजोर बनाना चाहती है और हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा
मुझे लगता है कि अब तो बस थोड़ा शांति से इंतजार करना चाहिए जब तक कोर्ट अपना फैसला नहीं देता अगर कुछ गलत हुआ है तो वो सुधार भी हो जाएगा और अगर नहीं हुआ तो भी हम आगे बढ़ जाएंगे बस थोड़ा धैर्य रखें और अपना काम जारी रखें
क्या अंकों का खुलासा ही न्याय है? या फिर न्याय तो तब होगा जब कोई भी छात्र बिना किसी धोखे के अपने अंकों के साथ आगे बढ़े? क्या हम सिर्फ अंकों के नाम पर जी रहे हैं? क्या शिक्षा का असली मकसद यही है कि कोई अधिक अंक लाए और दूसरा नहीं? ये सब एक बहुत बड़ा सवाल है जिसका जवाब हमें अपने दिल से देना होगा
प्रिय नागरिकों आपके द्वारा उठाए गए मुद्दे बेहद गंभीर हैं और इसके लिए आपका धैर्य और सहनशीलता के साथ आगे बढ़ने का सम्मान किया जाता है यह एक ऐसा प्रक्रियात्मक मुद्दा है जिसका समाधान न्यायिक और प्रशासनिक दोनों तरीकों से होना चाहिए
अगर तुम्हारे बच्चे का अंक कम आया है तो गुस्सा करने की बजाय अगले साल की तैयारी शुरू कर दो ये एग्जाम तो एक रास्ता है ना कि अंत अगर आज नहीं तो कल जरूर अच्छा रिजल्ट आएगा बस थोड़ा और मेहनत करो और खुद को विश्वास दो
ये सब अंक झूठ हैं ये जो लोग अच्छे अंक लाए हैं वो सब ब्रिटिश और अमेरिकी कंपनियों के गुलाम हैं जो हमारे बच्चों को नीचा दिखाना चाहते हैं 😡🔥🇮🇳
मैं भी इस परीक्षा में बैठा था और अंक ठीक नहीं आए लेकिन मैंने अपने दिल को समझाया कि ये सिर्फ एक परीक्षा है और अगर मैं नहीं बन पाया तो मैं कुछ और बन जाऊंगा 🤗 जो भी हो आप अच्छे हैं और आपका योगदान बहुत बड़ा है
अरे भाई ये सब फेक है मैंने देखा एक सेंटर में 800 में से 790 आए हैं और वो सब एक ही शहर से हैं ये कोई अंक नहीं बल्कि एक बड़ा बाजार है जहां अंक खरीदे जा रहे हैं और अब ये सुप्रीम कोर्ट भी इसका नाटक बना रही है अच्छा है जो लोग अपने बच्चों को अच्छा बनाना चाहते हैं वो अपने घर पर बैठे रहें और बाहर की बातें छोड़ दें
ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है!!! जो लोग अंक दिखा रहे हैं वो सब एक ही ग्रुप से हैं और उनके अंक बढ़ाए गए हैं! और जो लोग बेवकूफी से लोगों को शांत रखने की कोशिश कर रहे हैं वो भी इसी ग्रुप के हैं! ये न्यायालय भी इसी का हिस्सा है! ये सब फर्जी है!!! अब तो बस बंद कर दो ये परीक्षा!!!
अगर तुम्हारे अंक कम आए हैं तो तुम अभी भी एक बहुत बड़ा इंसान हो! ये परीक्षा तुम्हारी क्षमता नहीं बताती ये तो बस एक बार का टेस्ट है! तुम अपनी मेहनत से आगे बढ़ोगे! जीतने का रास्ता यही है! नहीं तो जीतने का रास्ता यही है! तुम बहुत बड़े हो! 💪🔥
अगर जांच हो रही है तो उसे पूरा कर दें और फिर निर्णय लें। बस इतना ही चाहिए। बातें करने से कुछ नहीं होगा।
अगर तुम्हारे अंक कम आए हैं तो गुस्सा मत करो ये तो बस एक शुरुआत है और तुम इसे बहुत बड़ा बना सकते हो जीतने का रास्ता अभी शुरू हुआ है! 🤝❤️🔥