बीआरएस नेता के कविता को तिहाड़ जेल से अस्पताल ले जाया गया: स्वास्थ्य में गिरावट

बीआरएस नेता के कविता को तिहाड़ जेल से अस्पताल ले जाया गया: स्वास्थ्य में गिरावट

बीआरएस नेता के कविता का स्वास्थ्य बिगड़ा, अस्पताल में भर्ती

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की महत्वपूर्ण नेता और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी, के कविता को हाल ही में तिहाड़ जेल से दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया। 46 वर्षीय कविता को उच्च बुखार और गाइनकोलॉजिकल समस्याएं होने के कारण अस्पताल ले जाना पड़ा। उन्हें मार्च 15 को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में गिरफ्तार किया गया था और वे वर्तमान में न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं।

सूत्रों के अनुसार, कविता को अस्पताल में लाने का प्रमुख कारण उनके स्वास्थ्य में अचानक गिरावट था। जेल प्रशासन ने उनकी स्वास्थ्य स्थिति को गंभीर समझा और तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए उन्हें अस्पताल भेजा। अस्पताल में उन्हें परीक्षणों की एक श्रृंखला से गुजरना पड़ा और वहां करीब दो घंटे तक रखा गया, जिसके बाद उन्हें वापस तिहाड़ जेल लाया गया। वे तिहाड़ जेल की संख्या 6 में बंद हैं।

जांच और आरोप

इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कविता को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था, जो दिल्ली एक्साइज पॉलिसी से जुड़ा है। इस मामले में उनके ऊपर भारतीय दंड संहिता की आपराधिक साजिश और खातों में फर्जीवाड़े के धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भी उनके खिलाफ जांच की है और उन्हें विभिन्न गंभीर आरोपों के तहत गिरफ्तार किया है।

पारिवारिक संदर्भ और राजनीतिक पृष्ठभूमि

के कविता बीआरएस पार्टी की एक प्रमुख नेता हैं और तेलंगाना की राजनीति में उनका महत्वपूर्ण स्थान है। उनके पिता के चंद्रशेखर राव तेलंगाना के प्रमुख राजनेता रहे हैं और राज्य के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। कविता की गिरफ्तारी के बाद से बीआरएस पार्टी और उसके समर्थकों के बीच हलचल मच गई है। पार्टी के प्राकृतिक अधिवक्ता और समर्थक उनके बचाव में उठ खड़े हुए हैं और न्यायिक प्रणाली पर विश्वास बनाए रखा है।

कविता की गिरफ्तारी और उनके स्वास्थ्य में गिरावट दोनों ही बीआरएस पार्टी और उसके समर्थकों के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय को दर्शाते हैं। पार्टी जनसभा और मीडिया के माध्यम से जनता के बीच एकता और समर्थन बनाए रखने का प्रयास कर रही है।

आगे की कार्रवाई

कविता के स्वास्थ्य में सुधार और आगे की जाँच प्रक्रियाओं के बाद ही उनके मामले में अगली सुनवाई होगी। इस मामले में अदालत और अदालत के बाहर दोनों ही स्थानों पर गहरी निगरानी रहेगी। कविता के परिवार और पार्टी ने उनकी बेगुनाही की पुष्टि की है और न्याय प्रणाली पर विश्वास जताते हुए उन्हें जल्द ही निर्दोष साबित होने की आशा व्यक्त की है।

कविता का मामला न केवल दिल्ली एक्साइज नीति पर सवाल उठाता है बल्कि राजनीति, न्याय और स्वास्थ्य मुद्दों को भी उजागर करता है। जनता और मीडिया की नजरें अब इस मामले पर टिकी हैं, और आने वाले समय में इससे जुड़े और भी महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आ सकते हैं।

टिप्पणि (8)

  1. Arushi Singh
    Arushi Singh

    ये सब तो बस राजनीति का खेल है... जेल में बीमार पड़ गई तो अस्पताल ले आए, वापस भेज दिया। कोई इंसान नहीं, एक टूल है ये सबके लिए।

  2. Rajiv Kumar Sharma
    Rajiv Kumar Sharma

    अगर एक आदमी के पास पैसा है और उसकी बेटी जेल में है, तो ये न्याय है या एक बड़ा सा ड्रामा? इंडिया में तो अब हर चीज़ का राजनीतिक ट्विस्ट हो जाता है।

  3. Jagdish Lakhara
    Jagdish Lakhara

    महोदय, यह घटना न्यायपालिका की निष्पक्षता और शासन के नियमों के प्रति गहरी चिंता का विषय है। आपके द्वारा उठाए गए मुद्दे देश के संवैधानिक मूल्यों को प्रभावित कर सकते हैं।

  4. Nikita Patel
    Nikita Patel

    सुनो, ये लड़की जेल में है और उसका स्वास्थ्य खराब हो रहा है। अगर ये एक आम आदमी की बेटी होती, तो क्या इतना ध्यान दिया जाता? हमें बस इतना चाहिए कि हर इंसान को इंसान के तौर पर देखा जाए।

  5. abhishek arora
    abhishek arora

    इन लोगों को जेल में रखो और बाहर के लोगों को बेकार न बनाओ! 🇮🇳 अगर गलती हुई तो सजा मिले, ये राजनीति नहीं बल्कि न्याय है! 💪

  6. Kamal Kaur
    Kamal Kaur

    ये जो हो रहा है, इसमें बहुत दर्द है। एक माँ, एक बेटी, एक नेता... और सब कुछ बदल गया। बस एक चीज़ याद रखो - इंसानियत सबसे ऊपर होनी चाहिए। 🤝

  7. Ajay Rock
    Ajay Rock

    ओये भाई, ये तो बिल्कुल वो ड्रामा है जो हमेशा होता है! जेल से अस्पताल, अस्पताल से जेल, फिर मीडिया वाले फिल्म बना रहे हैं! 😅 ये तो एक बड़ा सा साबुन नाटक है।

  8. Lakshmi Rajeswari
    Lakshmi Rajeswari

    क्या आप जानते हैं? ये सब एक बड़ा षड्यंत्र है! जेल में उनका स्वास्थ्य खराब करने के लिए दवाएं बदल दी जा रही हैं... और फिर अस्पताल ले जाकर दिखाया जा रहा है कि हम इंसान हैं! ये बस एक धोखा है...!!!

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