बजट 2024 पूर्वावलोकन: संभावित कर बदलाव और आर्थिक प्रभाव की जानकारी

बजट 2024 पूर्वावलोकन: संभावित कर बदलाव और आर्थिक प्रभाव की जानकारी

बजट 2024 और संभावित कर बदलाव

भारतीय अर्थव्यवस्था की दिशा निर्धारित करने वाले बजट 2024 को लेकर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में, सरकार से कई उम्मीदें हैं, खासकर मध्यम वर्ग के करदाताओं और छोटे एवं मध्यम उद्यमों (SMEs) को लेकर। खबरें हैं कि सरकार इस बार आयकर दरों में संशोधन कर मध्यम वर्गीय करदाताओं को राहत दे सकती है। इसके तहत आय कर स्लैब और दरों में बदलाव की संभावना है।

मध्यम वर्ग के लिए राहत

सूत्रों के अनुसार, सरकार आयकर दरों में मध्यम वर्ग के लिए कमी करने पर विचार कर रही है। वर्तमान समय में 2.5 लाख रुपये तक की आय पर कर छूट है, जिसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए जाने की संभावना है। इससे मध्यम वर्गीय लोगों के हाथ में अधिक धन बचेगा और वे अधिक खर्च कर सकेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था में वृद्धि हो सकती है।

स्टार्ट-अप्स और SMEs के लिए आशाजनक बदलाव

सरकार स्टार्ट-अप्स और SMEs को प्रोत्साहित करने के लिए भी नए कर प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा कर सकती है। ये छोटे और मध्यम उद्यम न केवल रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि नवाचार और आर्थिक विकास में भी योगदान करते हैं। नए कर प्रोत्साहनों से इन्हें बढ़ावा दिया जा सकता है और अधिक से अधिक लोग उद्यमशीलता की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती

भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार को कॉर्पोरेट टैक्स दर को 30% से घटाकर 25% करने पर विचार करना चाहिए। इससे भारतीय कंपनियाँ वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकेंगी और विदेशी निवेशकों को भी आकर्षित किया जा सकेगा। व्यापारिक वातावरण को अनुकूल बनाने के लिए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण हो सकता है।

रियल एस्टेट सेक्टर के लिए नए कदम

रियल एस्टेट सेक्टर में भी तब्दीली देखी जा सकती है। इसके तहत सरकार वस्तु एवं सेवा कर (GST) की दर को 12% से घटाकर 8% करने पर विचार कर सकती है। इससे रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और घर खरीदना अधिक किफायती हो सकेगा।

बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर

बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सरकार की योजनाओं में भी बड़ा हिस्सा होने की संभावना है। राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन (NIP) और भारतमाला परियोजना (Bharatmala Pariyojana) के लिए अधिक वित्तीय आवंटन की घोषणा हो सकती है। इससे न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।

डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा

डिजिटल अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए भी सरकार नए कदम उठा सकती है। डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास और डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए संभावित घोषणाएँ हो सकती हैं। इससे न केवल लेन-देन में पारदर्शिता आएगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक बदलाव आएँगे।

विशेषज्ञों की राय

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन, दिनेश खारा ने कहा है कि बजट को रोजगार सृजन और आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उनके अनुसार, वर्तमान समय की आर्थिक चुनौतियों के मद्देनजर, सरकार को ठोस और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

बजट 2024 का पारित होना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण होगा। इसके तहत लिए गए निर्णय भविष्य पर दूरगामी प्रभाव डाल सकते हैं। सरकार से अपेक्षा है कि वह मध्यम वर्ग, स्टार्ट-अप्स, SMEs और अन्य महत्वपूर्ण सेक्टर्स के लिए सकारात्मक निर्णय लेगी ताकि देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों पर ले जाया जा सके।

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