अमेरिकी सरजमीं पर रूसी युद्धपोतों की धमकी: विशेषज्ञों का कहना है

अमेरिकी सरजमीं पर रूसी युद्धपोतों की धमकी: विशेषज्ञों का कहना है

अमेरिकी सरजमीं पर रूसी युद्धपोतों की धमकी: विशेषज्ञों का कहना है

चार रुसी युद्धपोतों का एक बेड़ा क्यूबा के जलक्षेत्र में पांच दिवसीय दौरे पर पहुंचा, जिसमें एडमिरल गोर्शकोव फ्रिगेट, कज़ान न्यूक्लियर पनडुब्बी, एकेडेमिक पाशिन टैंकर जहाज और निकोलाई चीकर बचाव टग बोट शामिल हैं। हवाना द्वारा इसे क्यूबा और रूस के बीच ऐतिहासिक मित्रता के भाग के रूप में वर्णित किया गया है।

विश्लेषकों का मानना है कि यह दौरा वॉशिंगटन के लिए एक संदेश है। शीत युद्ध के दौरान क्यूबा अमेरिका के प्रमुख सहयोगी देशों में से एक था, और इस यात्रा का उद्देश्य अमेरिका को धमकी देना तथा रूस की भौतिक क्षमता का प्रदर्शन करना माना जा रहा है। यह दौरा पहली बार किया गया है जबसे फरवरी 2022 में यूक्रेन में युद्ध प्रारंभ हुआ था।

विश्लेषकों की राय

रिचर्ड वीट्ज और रयान बर्ग जैसे विश्लेषकों का मानना है कि यह दौरा बाइडेन प्रशासन के हाल के निर्णय का जवाब है, जिसमें उन्होंने यूक्रेन को सीमित मामलों में रूसी क्षेत्र पर स्ट्राइक करने के लिए अमेरिकी हथियारों का उपयोग करने की अनुमति दी है। इस दौरे से हवाना को यह संदेश भी दिया गया है कि क्यूबा रूस का एक महत्वपूर्ण सहयोगी बना रहेगा।

अमेरिकी सैन्य दक्षिणी कमान (SOUTHCOM) इस दौरे के प्रति सतर्क है और रूसी बेड़े की गतिविधियों पर करीबी नजर रखेगी। एक कनाडाई ऑफ-शोर पेट्रोल वेसल भी वर्तमान में हवाना का दौरा कर रहा है, जिसका समय रूसी युद्धपोतों के साथ मेल खाता है। ऐसा माना जा रहा है कि रूसी युद्धपोत क्यूबा के बाद अन्य देशों का भी दौरा कर सकते हैं, जैसे कि वेनेजुएला या निकारागुआ।

ठोस समझौते और अंतर्राष्ट्रीय संबंध

क्यूबा और रूस के बीच पारंपरिक सामरिक संबंध हैं। दोनों राष्ट्रों ने विभिन्न समय पर एक-दूसरे का समर्थन किया है, खासकर तब जब दोनों देशों को अमेरिका की नीतियों का सामना करना पड़ा। सशक्त पर्यटन और व्यापार समझौतों के माध्यम से, रूस ने क्यूबा को कई आर्थिक और सैन्य उपकरण प्रदान किए हैं।

हालांकि, यह दौरा न केवल पारंपरिक मित्रता का प्रतीक है, बल्कि विश्व पटल पर शक्तियों के बीच हो रहे संघर्ष का भी एक संकेत है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि रूस इस तरह के कदमों से अपनी शक्ति को बहाल करने की कोशिश कर रहा है और अपने रणनीतिक साझेदारों को भी अपने पक्ष में बनाए रखने के लिए सक्रिय है।

आगे की संभावनाएं

आगे की संभावनाएं

कनाडा के जहाजों के साथ रूसी युद्धपोतों के मेल का वक्त क्षेत्रीय सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय समुद्र नीति के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। यह दौरा अमेरिकन सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षण बन सकता है। अंतर्राष्ट्रीय समुद्र नीति पर रूस का यह कदम निकट भविष्य में अन्य क्षेत्रों के लिए भी संकेतक हो सकता है।

ये कदम रूस की बढ़ती सैन्य गतिशीलता और रणनीतिक क्षेत्र भर में उसकी पकड़ को दर्शाते हैं। यह दौरा एक महत्वपूर्ण क्षण बन सकता है, जहां अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए यह आवश्यक होगा कि वह अपने नीतिगत और सामरिक समीकरणों में समायोजन करें।

अंततः, रूसी युद्धपोतों का क्यूबा दौरा वैश्विक राजनीति में एक नई दिशा का संकेत है, जहां पुराने सहयोगियों के बीच की रणनीतिक साझेदारी नए आयाम प्राप्त कर रही है। यह दौरा न केवल अमेरिका के लिए एक चेतावनी है, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट होता है कि रूस अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी भूमिका को फिर से परिभाषित करने की कोशिश कर रहा है।

टिप्पणि (5)

  1. Ashish Perchani
    Ashish Perchani

    ये रूसी जहाज़ क्यूबा जाने का मतलब है कि अमेरिका के खिलाफ एक नया गेम शुरू हो गया है। शीत युद्ध की वापसी हो रही है, और हम बस देख रहे हैं। अब दुनिया दो ब्लॉक में बंट रही है - एक तरफ अमेरिका और उसके गठबंधन, दूसरी तरफ रूस, चीन, और उनके गुलाम देश। क्यूबा अब एक जासूसी बेस बन गया है।

    हम भारत भी इस बीच में फंस गए हैं। हम अमेरिका के साथ डील कर रहे हैं, लेकिन रूस से हथियार खरीद रहे हैं। ये दोहरा खेल कब तक चलेगा? अगला लक्ष्य शायद भारत ही होगा।

  2. Dr Dharmendra Singh
    Dr Dharmendra Singh

    अच्छा हुआ कि रूस ने अपनी ताकत दिखाई। दुनिया को याद दिलाना जरूरी है कि अमेरिका सब कुछ नहीं है। 😊

    क्यूबा और रूस का रिश्ता सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि इतिहास का हिस्सा है। अगर दो देश एक दूसरे के साथ खुलकर खड़े हो सकते हैं, तो दुनिया को शांति की ओर बढ़ना चाहिए। ये दौरा डराने के लिए नहीं, बल्कि संतुलन बनाने के लिए है।

  3. sameer mulla
    sameer mulla

    अरे भाई, ये सब झूठ है! रूस के पास कोई ताकत नहीं है, ये सिर्फ धमकी दे रहे हैं क्योंकि उनका अर्थव्यवस्था टूट रही है। उनके जहाज़ जंगली जानवरों की तरह घूम रहे हैं और अमेरिका उन्हें नज़रअंदाज़ कर रहा है।

    और हाँ, क्यूबा? वो तो एक अकेला द्वीप है जहाँ बिना इंटरनेट के लोग जी रहे हैं। रूस क्यूबा के साथ क्या करेगा? उन्हें बर्फ बेचेगा? 😂

    अमेरिका ने यूक्रेन को हथियार दिए हैं - तो रूस ने जहाज़ भेजे। बस इतना ही। ये सब बच्चों का खेल है।

  4. Prakash Sachwani
    Prakash Sachwani

    रूस के जहाज़ क्यूबा में हैं और अमेरिका घबरा रही है। ठीक है।

    क्या ये बड़ी बात है? नहीं।

    हम इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए।

    भारत के लिए तो ये सब बिल्कुल बेकार है।

  5. Pooja Raghu
    Pooja Raghu

    ये सब अमेरिका की चाल है। रूसी जहाज़ नहीं आए हैं, ये फेक न्यूज़ है। अमेरिका ने अपने रडार पर एक छोटा सा नाव देखा और दुनिया को डरा रहा है। ये सब लोगों को भागने के लिए बनाया गया है।

    अमेरिका अपने घर में ही आग लगा रहा है और बाहर दूसरों को दोष दे रहा है। क्यूबा तो बस एक छोटा द्वीप है - वहाँ तो बिजली भी नहीं चलती। ये सब अमेरिकी सरकार का बहाना है ताकि वो और पैसे खर्च कर सकें।

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