सामूहिक विवाह क्या है और आज क्यों लोकप्रिय है?

सामूहिक विवाह, यानी कि एक ही मौके पर कई जोड़े एक साथ शादी करते हैं। यह रिवाज खासकर ग्रामीण भारत में देखा जाता है, जहाँ एक ही पंडित, मंडप और भोजन सभी के लिए एक साथ आयोजित किया जाता है। आजकल शहरी इलाकों में भी लोग लागत बचाने और यादगार बनाने के लिए इस फॉर्मेट को चुन रहे हैं।

सोचिए, अगर एक ही शादी में 10 जोड़े शामिल हों तो पंडित का शुल्क, मंडप का किराया, सजावट और खाने‑पीने पर काफी बचत होती है। साथ ही, बड़े परिवारों और रिश्तेदारों को एक साथ मिलना आसान हो जाता है। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर "समूह शादी" के बारे में सवाल अक्सर आते हैं।

सामूहिक विवाह की प्रमुख फायदे

1. **खर्च में बचत** – एक ही सत्र में कई दंपति का आयोजन करने से स्थल, सजावट और खानपान पर कम खर्च आता है। 2. **समय बचत** – अलग‑अलग शादी की तैयारी में महीनों का समय लग सकता है, लेकिन समूह शादी में एक ही तारीख में सब पूरा हो जाता है। 3. **सामाजिक जुड़ाव** – बहुत सारे रिश्ते एक साथ मिलते हैं, जिससे मिलनसार माहौल बनता है। 4. **पर्यावरणीय लाभ** – कम सामान, कम कचरा, यानी इको‑फ्रेंडली पहल।

सामूहिक विवाह की योजना कैसे बनाएं?

पहला कदम है सही समय चुनना। आम तौर पर विषुव या फाल्गुनी के अंकों में लोग समूह शादी करते हैं, क्योंकि फ़सल के बोझ हलके होते हैं और मौसम भी अनुकूल होता है।

दूसरा, एक विश्वसनीय इवेंट प्लानर या पंडित को चुनें जो कई दंपतियों को संभाल सके। उन्होंने पहले भी इस तरह के इवेंट किए हों तो बेहतर।

तीसरा, जगह तय करें। गाँव में अक्सर खुला मैदान इस्तेमाल किया जाता है, जबकि शहर में बड़े हॉल या बगीचे का विकल्प बेहतर रहता है।

चौथा, मेहमानों की सूची बनाएं। सभी को एक ही क्रम में आमंत्रित करने से उलझन नहीं होगी।

पाँचवां, मेन्यू तय करें। कई जोड़े एक ही भोजन चाहते हैं, इसलिए बफ़े या थाली system आसान रहता है। शाकाहारी‑मांसाहारी दोनों विकल्प रख सकते हैं।

अंत में, फोटो‑वीडियो टीम को बताएं कि कई दंपति हैं, इसलिए अलग‑अलग शॉट्स की जरूरत होगी। अक्सर एक ही कैमरा से सभी के लिए स्मृति बनती है, जिससे यादें संजोना आसान हो जाता है।

सामूहिक विवाह की तैयारी में कुछ छोटे‑छोटे ध्यान रखने वाले पॉइंट्स भी हैं: प्रत्येक दंपति की पसंद के अनुसार सजावट के छोटे‑छोटे तत्व रखें, जैसे कि वो विशेष रत्न या फूल। इससे हर जोड़े को अपना खास महसूस होगा।

अगर आप भी अपना सामूहिक विवाह करने की सोच रहे हैं, तो ऊपर बताए गए स्टेप्स को फॉलो करें। बजट, समय और सामाजिक जुड़ाव का फ़ायदा उठाते हुए आप एक यादगार दिन बना सकते हैं।

अंत में, याद रखिए कि शादी का मतलब सिर्फ़ समारोह नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन है। चाहे एक साथ हो या अलग‑अलग, खुशी और प्यार को साथ लेकर चलें।

अंबानी परिवार ने अनंत और राधिका की शादी से पहले मुंबई में आयोजित किया सामूहिक विवाह समारोह

अंबानी परिवार ने अनंत और राधिका की शादी से पहले मुंबई में आयोजित किया सामूहिक विवाह समारोह

अनंत और राधिका की शादी से पहले अंबानी परिवार ने मुंबई में एक सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया। इस आयोजन में 251 जोड़े विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि से शामिल हुए। समारोह में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित प्रमुख व्यापारी और राजनीतिज्ञ उपस्थित थे। यह आयोजन जीओ वर्ल्ड सेंटर, मुंबई में हुआ।