अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: क्यों और कैसे मनाएँ?

हर साल 21 जून को दुनिया भर में योग का जश्न मनाया जाता है। भारत ने अपने धरोहर को यू.एन. को बताया और 2014 में इस दिन को आधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। इसका मतलब है कि इस दिन स्कूल, कंपनियां और पार्कों में खुली कक्षाएँ होती हैं, जहाँ लोग मिल‑जुलकर आसन, प्राणायाम और ध्यान करते हैं।

योग दिवस का इतिहास और महत्व

योग की जड़ें प्राचीन वेदिक साहित्य में मिली हैं, लेकिन आधुनिक रूप में इसने 20वीं सदी में स्वामी विवेकानंद और दयानंद सरस्वती जैसे गुरुओं को धन्यवाद देना चाहिए। 2014 में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग की शाश्वतता और शांति का संदेश दिया, जिससे इस दिन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली। अब यह न सिर्फ शारीरिक फिटनेस बल्कि मानसिक संतुलन, तनाव‑मुक्ति और सामाजिक एकजुटता का प्रतीक बन गया है।

2025 के योग दिवस में क्या खास है?

2025 में कई शहरों में डिजिटल और पारम्परिक दोनों प्रकार के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। दिल्ली में संसद के बगीचे में ‘वर्ल्ड योग डेज़’ के तहत 10,000 से अधिक लोग मिल रहे हैं, जहाँ विशेषज्ञ विभिन्न शैली जैसे अष्टांग, वृक्षासन और हठ योग सिखा रहे हैं। मुंबई में समुद्र तट पर सूर्यास्त योग सत्र रखी गई है, जो काम‑काज के तनाव को दूर करने के लिए बेहतरीन है। यदि आप ऑनलाइन जुड़ना चाहते हैं, तो आधिकारिक योग दिवस ऐप पर लाइव कक्षाएँ, प्रश्न‑उत्तर और इंटरएक्टिव क्विज़ उपलब्ध हैं।

काफी कंपनियों ने इस दिन को ‘वेलनेस डे’ बना दिया है। वे अपने कर्मचारियों को सुबह 7 बजे समूह योग सत्र, स्वस्थ नाश्ता और माइंडफ़ुलनेस वर्कशॉप देते हैं। घर पर रह रहे लोग भी सुबह जल्दी उठकर 30‑दिन का योग चैलेंज शुरू कर सकते हैं; इसमें हर दिन नया आसन और वीडियो गाइड होता है।

योग के लाभों को समझना भी जरूरी है। नियमित अभ्यास से लचरता, पीठ दर्द और मोटापा कम होते हैं। साथ ही, ध्यान और प्राणायाम तनाव हार्मोन को घटाते हैं, जिससे नींद बेहतर होती है और काग़ज़ी काम में फोकस बढ़ता है। अगर आप शुरूआत कर रहे हैं, तो सबसे पहले सरल आसनों जैसे ताड़ासन, बालासन और शवासन से शुरुआत करें और धीरे‑धीरे कठिन पोज़ेज़ की ओर बढ़ें।

याद रखें, योग सिर्फ शारीरिक व्यायाम नहीं, यह एक जीवन‑शैली है। इसलिए इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को सिर्फ एक कक्षा नहीं, बल्कि अपने दिन‑चर्या में योग को समायोजित करने का मौका बनाइए। चाहे आप पार्क में समूह में अभ्यास करें या घर के लिविंग रूम में अकेले, बस नियमितता बनाए रखें और अपने शरीर व मन को एक साथ संतुलित करें।