कमचात्का में magnitude 8.8 भूकंप, प्रशांत में सुनामी अलर्ट

कमचात्का में magnitude 8.8 भूकंप, प्रशांत में सुनामी अलर्ट

जब संयुक्त राज्य भूभौतिक सर्वेक्षण (USGS) ने 29 जुलाई 2025 को रात 11:24:52 UTC (स्थानीय समय 30 जुलाई 2025, 11:24 PETT) पर भूकंप की रिपोर्ट जारी की, तो दुनिया ने तुरंत इसका असर महसूस किया। यह magnitude 8.8 की मेगाथ्रस्ट क्वेक्टर, कमचात्का प्रायद्वीप के पूर्वी तट के लगभग 119 किमी ईएसएस से स्थित पेट्रोपाव्लोव्स्क‑कामचाट्स्की के पास घटित हुआ। गहराई 35 किमी बताई गई, जिससे इसे 2011‑के खोतोन्कु भूकंप के बाद सबसे शक्तिशाली माना गया।

भूकंप की मुख्य जानकारी

USGS ने पहले magnitude 8.0 बताया, फिर 8.7 तक संशोधित किया और अंततः 8.8 mww की पुष्टि की। शुरुआती प्रामाणिक डेटा के अनुसार, धरती पर 30‑से‑40 सेकंड के भीतर दो मुख्य शॉक महसूस किए गए, जिसके कारण स्थानीय बिजली ग्रिड कट गई और मोबाइल नेटवर्क अस्थायी रूप से बंद हो गया।

स्थानीय टास्स एजेंसी ने बताया कि लोगों ने जूते‑बिना, परने‑बिना सड़कों पर भागते देखा, घरों में अलमारियां उलटीं, दर्पण टुटे और कारें हिलने लगीं। यह सब 74 मील की दूरी पर, लेकिन कमचात्का के कठोर जलवायु और बुर्जों के लिए नया अनुभव था।

इतिहास और भूवैज्ञानिक पृष्ठभूमि

कमचात्का कभी‑कभी ‘भूकंपीय बीकन’ कहलाता रहा है। 1952‑में यहाँ magnitude 9.0 का भूकंप आया, जिसने हवाई में 9.1 मीटर की लहरें उत्पन्न कीं, पर फिर भी कोई बड़ी मृत्यु नहीं हुई। इस साल, जुलाई ही के भीतर पाँच अन्य मध्यम‑भारी झटके भी दर्ज हुए, सबसे बड़ा 7.4 मात्रा वाला 15 जुलाई को आया, जिसकी गहराई 20 किमी थी। इतिहास से पता चलता है कि इस क्षेत्र की टेक्टॉनिक प्लेटें लगातार टकराती रहती हैं, इसलिए ‘प्रशांत रिंग ऑफ फायर’ में इसका स्थान अत्यधिक सक्रिय है।

सुनामी चेतावनियों और प्रभाव

पैसिफिक सुनामी चेतावनी केंद्र (PTWC) ने हवाई, चिली, जापान और सोलोमन द्वीपों के लिए 1‑3 मीटर की लहरों की संभावना जताई। विशेष रूप से जापान के उत्तर तट पर 3 मीटर तक की लहरें आधे घंटे में पहुँच सकती थीं, इसलिए जापान मौसमविज्ञान एजेंसी ने तुरंत अलर्ट जारी किया। न्यूज़ीलैंड के सिविल रक्षा विभाग ने बताया कि पूरे द्वीपसमूह में शांति‑सूचना जारी की गई, और चथाम द्वीप पर 55 सेमी की लहर दर्ज हुई।

शुमारियों में सर्वाधिक ऊँचाई शूमशु द्वीप पर 19 मीटर (62 फ़ीट) देखी गई, जहाँ ‘वेव‑स्प्लैश’ के कारण बटन‑हाई लहरें उत्पन्न हुईं। अधिकांश प्रशांत तटों पर लहरें 1‑3 मीटर के बीच रहीं, पर फिर भी दो मिलियन से अधिक लोग समुद्र तट से हट गए।

टोक्यो विश्वविद्यालय के सेस्मोलॉजिस्ट शिनिची साकाई ने NHK को बताया, “कमी गहराई के कारण यह भूकंप दूर‑दराज़ क्षेत्रों में भी सुनामी पैदा कर सकता है, इसलिए अलर्ट का महत्व कम नहीं है।” उनकी बातों से पता चलता है कि बहरहाल, छोटा‑सा 10‑50 सेमी सुनामी भी जहाजों और तटीय संरचनाओं को नुकसान पहुँचा सकता है।

प्रभावित क्षेत्रों की प्रतिक्रिया

रूस में, कमचात्का क्राइ की राजधानी में बिजली व्यवधान 8‑10 घंटे तक बना रहा, जबकि मोबाइल नेटवर्क 5‑6 घंटे बाद ही पुनः स्थापित हुआ। स्थानीय अस्पतालों में 21 घायल दर्ज किए गए, जिनमें से अधिकांश हल्के जख्म थे। एंटी‑सिस्मिक निर्माण के कारण बड़ी इमारतें नुकसान‑रहित रहीं।

जापान में 21 घायल और एक अप्रत्यक्ष मौत दर्ज हुई, जो मुख्यतः तेज़़ी से की गई निकासी प्रक्रिया में हुईं। सरकार ने एक आपातकालीन कार्य दल गठित किया, जो प्रभावित क्षेत्रों में भोजन, ठहरने की व्यवस्था और चिकित्सा सहायता प्रदान कर रहा है।

न्यूज़ीलैंड में, सिविल रक्षा विभाग ने कहा कि लहरों के दोहराव ने समुद्री जल की धारा को बदल दिया, जिससे कुछ द्वीपों पर ‘रिफ्लेक्टेड वेव’ प्रारंभिक लहर से 15 सेमी अधिक ऊँची थी। उन्हें इस बात की चेतावनी देनी पड़ी कि समुद्र तट पर वापस आना अभी भी जोखिमपूर्ण हो सकता है।

भविष्य की संभावनाएँ और निष्कर्ष

भविष्य में, विशेषज्ञ कहते हैं कि कमचात्का के पास ऐसी परिस्थितियों में आगे भी भारी भूकंपीय और सुनामी घटनाएँ हो सकती हैं। यू.एस. भूविज्ञान सर्वेक्षण ने कहा है कि इस क्षेत्र में ‘सबसिडियन‑प्लेट बाउंड्री’ के कारण बड़े‑पैमाने पर ऊर्जा संचित होती रहती है, जो कभी‑कभी अचानक मुक्त हो जाती है।

अभी के लिए, अंतरराष्ट्रीय समुद्री यात्री और तटीय शहरों को सतर्क रहना आवश्यक है। PTWC ने कहा कि अगली कुछ घंटों में पैन‑प्रशांत जल में प्रतिबिंबित लहरें उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए समुद्री किनारे के निकायों को सतर्क रहना चाहिए।

  • भूकंप magnitude 8.8, गहराई 35 km
  • एपिसेंटर: 52.473° N , 160.396° E, 119 km ईएसएस पेट्रोपाव्लोव्स्क‑कामचाट्स्की
  • सुनामी उच्चतम: 19 m (शूमशु द्वीप)
  • प्रभावित जनसंख्या: 2 मिलियन से अधिक निकासी
  • घायल: 21 जापान, 1 मृत्यु (परोक्ष)

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या इस भूकंप से भारत में भी लहरें आ सकती हैं?

वर्तमान में भारतीय तटों को कोई गंभीर लहर नहीं मिलने की संभावना है, क्योंकि प्रशांत से उत्पन्न सिविल लहरों का प्रभाव भारतीय महासागर तक आधा‑से‑कम रहता है। फिर भी तटीय क्षेत्रों में छोटी‑छोटी लहरें हो सकती हैं, इसलिए स्थानीय आपातकालीन सेवाओं की सलाह मानना चाहिए।

कमचात्का में भविष्य में कितनी बार ऐसे बड़े भूकंप हो सकते हैं?

भूवैज्ञानिक मॉडल बताते हैं कि कमचात्का प्रायद्वीप के पास हर 50‑100 वर्षों में magnitude 8‑9 के दो‑तीन बड़े भूकम्प हो सकते हैं। यह क्षेत्र ‘सुबड्यूसियन‑प्लेट बाउंड्री’ पर स्थित है, जहाँ तनाव लगातार जमा हो रहा है।

सुनामी अलर्ट के बाद किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

पहले उच्च भूमि या ऊँची इमारत पर चले जाएँ, समुद्र तट पर रहना बंद करें, और स्थानीय प्राधिकरणों के निर्देशों का पालन करें। लहरों का दोहराव कभी‑कभी 24 घंटे तक चल सकता है, इसलिए तुरंत लौटना सुरक्षित नहीं है।

जापान की सरकार ने इस घटना पर क्या कदम उठाए?

जापान ने एक आपातकालीन कार्यदल स्थापित किया, जिसमें आतंरिक सुरक्षा मंत्रालय, मौसमविज्ञान एजेंसी और स्थानीय प्रशासन शामिल हैं। उन्होंने घायल लोगों के उपचार, बुनियादी ढांचों की मरम्मत और प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी आश्रय गृह स्थापित करने के लिए बजट आवंटित किया।

क्या इस भूकंप से अंतरराष्ट्रीय विनियम बदलेंगे?

संयुक्त राष्ट्र के भूवैज्ञानिक समूह ने कहा है कि इस तरह के बड़े‑पैमाने के भूकम्पों को देखते हुए समुद्री सुरक्षा, चेतावनी प्रणाली और आपदा प्रबंधन के मानकों को सख्त किया जाना चाहिए। कई देशों ने इस दिशा में नए प्रोटोकॉल पर काम शुरू कर दिया है।

टिप्पणि (11)

  1. Nitin Agarwal
    Nitin Agarwal

    कमचात्का के इतिहास में कई भूकंपीय घटनाएँ हैं, यह क्षेत्रों की जनजातीय परंपराओं को भी प्रभावित करती हैं।

  2. Ayan Sarkar
    Ayan Sarkar

    भूकंप की विश्लेषण में वेवफॉर्म फोकल मैकेनिज्म मोमेंट मैग्नीट्यूड टेक्टॉनिक स्ट्रेस कप्लिंग इंटेन्सिटी जैसे शब्द प्रमुख होते हैं। USGS की प्रारम्भिक डेटा रिसीवर ने स्कैफ़ोर्ड स्केल की तुलना में अधिक सटीक माप प्रदान किया। यह इवेंट प्लेट बॉन्डरी की रिलेफ़्टिंग को दर्शाता है।

  3. Amit Samant
    Amit Samant

    यह रपट बताती है कि 8.8 मॅग्नीट्यूड का भूकंप कमचात्का प्रायद्वीप में हुआ है। इस घटना की गहराई 35 किमी बताई गई है, जिससे सतही कंपन तीव्रता बढ़ी। प्रारम्भिक शॉक के बाद लगभग 30‑से‑40 सेकंड में दो मुख्य कंपन महसूस किए गए। स्थानीय बुनियादी ढाँचा जैसे बिजली ग्रिड और मोबाइल नेटवर्क में व्यवधान आया। कई घरों में सामान उलटा और दर्पण टूटे, जिससे जनता में हड़कंप मचा। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने प्रारम्भिक अनुमान को 8.0 से बढ़ा कर 8.8 तक संशोधित किया। इस क्षेत्र की टेक्टॉनिक सेटिंग ‘सुबड्यूसियन‑प्लेट बाउंड्री’ पर स्थित है, जहाँ तनाव निरंतर जमा होता है। इतिहास में 1952 का 9.0 भूकंप और 2011 का खोतोन्कु भूकंप इस क्षेत्र की सक्रियता को दर्शाते हैं। प्रशांत महासागर में उत्पन्न लहरें हवाई, जापान और न्यूज़ीलैंड के तटों तक पहुँचीं। अधिकतम लहर की ऊँचाई शूमशु द्वीप पर 19 मीटर दर्ज की गई। जापान में 21 घायल और एक अप्रत्यक्ष मृत्यु रिपोर्ट की गई। रूस की राजधानी में बिजली कटौती 8‑10 घंटे तक रही और मोबाइल सेवा कुछ घंटे बाद बहाल हुई। आपदा प्रबंधन एजेंसियों ने अस्थायी आश्रय और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए कार्य दल तैनात किए। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ घंटों में प्रशांत में दोहराव लहरें उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए सतर्कता आवश्यक है। इस प्रकार का बड़ा भूकंप भविष्य में भी दो‑तीन बार हो सकता है, इसलिए अंतरराष्ट्रीय चेतावनी प्रणाली को सुदृढ़ करना चाहिए।

  4. Jubin Kizhakkayil Kumaran
    Jubin Kizhakkayil Kumaran

    भारत के समुद्री किनारे को इस अलर्ट से कोई चिंता नहीं क्योंकि हमारा राष्ट्र हमेशा प्राकृतिक आपदाओं को संभालता रहा है।

  5. tej pratap singh
    tej pratap singh

    भूकंप भूवैज्ञानिक तनाव का परिणाम है।

  6. Chandra Deep
    Chandra Deep

    भूकंप के बाद आपातकालीन किट तैयार रखें घर में आवश्यक दवाईयों और टॉर्च को व्यवस्थित रखें

  7. Mihir Choudhary
    Mihir Choudhary

    सभी दोस्तों, सुरक्षित रहें और आपातकालीन निर्देशों का पालन करें! 🏃‍♂️💨🌊

  8. Tusar Nath Mohapatra
    Tusar Nath Mohapatra

    वाह, फिर से एक बड़े पैमाने का भूकंप, बस फिर से समुद्र तट पर सैर करने के नए कारण मिल गए 😏।

  9. Ramalingam Sadasivam Pillai
    Ramalingam Sadasivam Pillai

    प्रकृति हमें याद दिलाती है कि जब हम छोटे होते हैं, तो हमारा नियंत्रण सिर्फ एक सांस तक सीमित है।

  10. Ujala Sharma
    Ujala Sharma

    अभी तक इतना ही, बड़ा समाचार, फिर भी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी चलती रहती है।

  11. Vishnu Vijay
    Vishnu Vijay

    हम सब मिलकर इस कठिन समय को पार करेंगे, एक दूसरे की मदद करेंगे और शांतिपूर्ण समाधान खोजेंगे 🤝🌏।

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