तुफान गाएमी का कहर
तुफान गाएमी, जिसे फिलीपींस में स्थानीय रूप से 'कारिना' के नाम से भी जाना जाता है, ने चीन के दक्षिणपूर्वी तट पर हमला कर दिया है। इस तुफान ने ताइवान और फिलीपींस में भारी तबाही मचाई है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई और हजारों लोग घायल हो गए।
ताइवान में इस तुफान के कारण 25 लोगों की मौत हो चुकी है और 220 से अधिक लोग घायल हुए हैं। तुफान के कारण ताइवान की राजधानी ताइपेई में भी हल्की बारिश और तेज हवाएं दर्ज की गई। वहाँ लगातार दूसरे दिन कार्यालय और स्कूल बंद रखने पड़े।
फिलीपींस में स्थिति
फिलीपींस में यह तुफान मौसमी मानसूनी बारिश को बढ़ावा दिया, जिससे 22 लोगों की मौत हो गई और 600,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए। वहां भूस्खलन और बाढ़ के कारण कम से कम दर्जनभर भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गईं। फिलीपीन राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने अधिकारियों को तेज़ी से सहायता पहुँचाने का आदेश दिया, विशेषकर ग्रामीण गाँवों में जहां लोग कई दिनों से भूखे थे। राजधानी मनीला में बाढ़ के कारण स्कूल और सरकारी कार्यालय बंद रहे।
फिलीपीन कोस्ट गार्ड ने रिपोर्ट दी कि बात्यान प्रांत के तट पर तेल टैंकर एमटी टेरा नोवा डूब गया, जिसमें से 16 में से 15 चालक दल के सदस्यों को बचा लिया गया।
चीन में भीषण असर
चीन में इस तुफान का असर बेहद भीषण रहा। फ़ुज़ियान प्रांत में फेरी मार्ग और सभी ट्रेन सेवाएं गुरुवार को ही बंद कर दी गई थीं। वहाँ के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि तुफान के चलते भारी बारिश और तेज हवाओं का सामना करना पड़ सकता है।
इस तुफान का असर शुक्रवार तक जारी रहने की संभावना है, जब यह उत्तर-पश्चिम की ओर चीन मुख्य भूमि की ओर बढ़ रहा है। इस बीच, चीनी अधिकारी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सहायता और पुनर्स्थापना के कार्यों में जुट गए हैं।
तुफान गाएमी की शक्ति और इसके व्यापक दायरे का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसने कई देशों को अपने प्रभाव क्षेत्र में लेकर भारी नुकसान पहुँचाया है। राहत और बचाव कार्यों में लगे अधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करना है कि अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया जा सके और जल्द से जल्द आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके।
तबाही के और आँकड़े
फिलीपींस में, जिसने मौसमी मानसूनी बारिश को तुफान गाएमी की वजह से अवरुद्ध कर दिया था, कम से कम दर्जन रिहायशी घटकों को उखाड़ फेंक दिया। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि 600,000 से अधिक लोग इस तुफान की वजह से अपने घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। ग्रामीण इलाकों में सेवाएँ और सुविधाएं पूरी तरह से बाधित हो गईं हैं।
ताइवान में इस तुफान ने 25 लोगों की जान ले ली और 220 से अधिक लोगों को घायल कर दिया। वहाँ के मौसम विज्ञान विभाग ने चेतावनी दी थी कि तुफान का प्रभाव बेहद विनाशकारी हो सकता है, जिससे पहले से ही औद्योगिक और रिहायशी क्षेत्रों में पानी भर गया है और भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं।
सहायता प्रयास
फिलीपींस और ताइवान दोनों ही देशों ने आपदा प्रबंधन के तहत अपनी-अपनी आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय कर दिया है। फिलीपींस में राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता पहुँचाई जाए। ताइवान में भी प्रशासन ने तात्कालिक सहायता कार्यों को अंजाम देने के लिए कई कदम उठाए हैं।
चीन में तुफान गाएमी के आने से पहले ही बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिए गए थे। अधिकारियों ने समुद्री तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी और सभी आवश्यक आपूर्ति स्टॉक कर ली गई थी।
यह तुफान एक स्थाई यादगार छोड़ने वाला प्रतीत हो रहा है, जिससे प्रभावित लोगों के जीवन में स्थाई बदलाव आ सकता है। अधिकारियों के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती है कि कैसे वे इस प्राकृतिक आपदा के प्रभाव कम करने और प्रभावित लोगों को राहत पहुँचाने में समर्पित रह सकते हैं।
चीन, ताइवान और फिलीपींस जैसे देश इस समय एकजुट होकर इस प्राकृतिक आपदा से निबट रहे हैं। इतनी बड़ी आपदा के बाद पुनर्निर्माण और नये सिरे से जिन्दगी को पटरी पर लाना एक महत्पूर्ण चुनौती है। समस्त प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासनिक और राजनीतिक नेतृत्व की ओर से तेज़ और प्रभावशाली निर्णय लेने की आवश्यकता है ताकि सामान्य जनजीवन को दोबारा व्यवस्थित रूप से वापस लाया जा सके।
ये तुफान बस एक प्राकृतिक आपदा नहीं है, ये तो जलवायु परिवर्तन का सीधा संकेत है। हम सब इसे बस खबर के रूप में देख रहे हैं, लेकिन अगला तूफान हमारे शहरों के बीच से निकलकर आएगा। हमारी नीतियाँ अभी भी 1980 के दशक की हैं, जबकि मौसम अब 2050 का हो चुका है।
हमें बस बचाव के बारे में नहीं, बल्कि रोकथाम के बारे में सोचना चाहिए। बाढ़ के लिए ड्रेनेज नहीं, बल्कि जंगलों की वापसी चाहिए। बिजली के खंभे नहीं, बल्कि जमीन की सुरक्षा चाहिए।
बहुत दुखद है... लेकिन आशा है कि लोग जल्दी से सहायता पाएंगे। 🙏
अरे भाई, चीन ने तो अभी तक अपने आप को बचाने के लिए लाखों लोगों को भगा दिया, लेकिन ताइवान के लोगों को तो बिल्कुल छोड़ दिया! ये जो चीन की बात हो रही है, वो सब झूठ है। ताइवान वालों को तो बस अपने आप पर छोड़ दिया गया। अब ये बताओ, ये जो न्याय है ये? ये तो एक अपराध है।
बहुत बुरा लगा
ये सब एक चाल है। अमेरिका ने ये तूफान बनाया है ताकि चीन को कमजोर कर सके। ये तूफान इतना बड़ा कैसे हो सकता है बिना किसी इंसानी हस्तक्षेप के? वैज्ञानिक बोल रहे हैं लेकिन वो भी अमेरिका के पैसे पर काम करते हैं।
हर तरफ बाढ़ और तूफान... लेकिन लोग एक साथ आ रहे हैं। देखो फिलीपींस में लोग अपने घरों की छत से बचाव कर रहे हैं। ताइवान में डॉक्टर अपने घरों को छोड़कर अस्पताल जा रहे हैं। ये दिखाता है कि मानवता अभी भी जीवित है।
तुम सब बहुत आसानी से बात कर रहे हो। तूफान गाएमी का विश्लेषण करो। इसकी तीव्रता 5.2 मीटर/सेकंड थी, जो चीन के दक्षिणी तट के लिए अत्यधिक असामान्य था। इसकी गति ने ताइवान के उच्च भूमि क्षेत्रों में भूस्खलन को बढ़ाया, जहाँ भूमि जल से संतृप्त थी।
और फिलीपींस में मानसून के साथ इसका संयोग एक विश्लेषणात्मक दुर्घटना थी। ये नहीं कह सकते कि ये एक अकेली घटना है। ये एक निरंतरता है। जलवायु विज्ञान के अनुसार, ये प्रत्येक दशक में 27% अधिक आम हो रहा है। तुम लोग बस रिपोर्ट्स पढ़ रहे हो, लेकिन डेटा नहीं।
मैं अपने विश्लेषण के आधार पर यह कहना चाहता हूँ कि इस तूफान के नियंत्रण में चीनी सरकार की अप्रत्याशित तेजी ने एक नए आपदा प्रबंधन मॉडल की नींव रखी है। उन्होंने तटीय क्षेत्रों के लोगों को 72 घंटे पहले ही विस्थापित कर दिया, जो कि अन्य विकासशील देशों के तुलना में अत्यधिक प्रभावी था।
यह निर्णय न केवल लोगों की जान बचाने में सफल रहा, बल्कि आर्थिक क्षति को भी न्यूनतम करने में मदद किया। इसके विपरीत, फिलीपींस में अधिकारियों की अक्षमता ने आपदा के प्रभाव को बढ़ा दिया। यहाँ जलवायु बदलाव का दोष नहीं, बल्कि शासन की अक्षमता है।
ये तूफान तो चीन के नीति निर्माण के निर्माण का नतीजा है। उन्होंने अपने बाढ़ नियंत्रण प्रणाली में विशाल निवेश किया है, लेकिन ताइवान को छोड़ दिया। ये न्याय नहीं, ये राजनीति है। जलवायु आपदा तो सबके लिए एक जैसी है, लेकिन उनकी राजनीति अलग है।
चीन की ताकत देखो। उन्होंने लाखों लोगों को बचाया। ताइवान और फिलीपींस को अपने लोगों को बचाने के लिए अपने आप पर छोड़ दिया। ये चीन की शक्ति है। ये भारत को भी सीखना चाहिए।
मैं इस तूफान के बारे में बहुत दुखी हूँ, लेकिन ये भी देखो कि लोग कैसे एक साथ आए हैं। ताइवान के युवा अपने घरों के ऊपर आपातकालीन अस्पताल बना रहे हैं। फिलीपींस में लोग अपने खाने के लिए बाँट रहे हैं।
ये दुख के बीच भी मानवता की रोशनी है। हमें ये देखना चाहिए। अगर हम इस तरह की साझेदारी को बढ़ावा दें, तो भविष्य में ऐसी आपदाओं का प्रभाव कम हो सकता है।
क्या तुमने कभी सोचा है कि जब हम तूफान की बात करते हैं, तो हम वास्तव में अपने अपने भय की बात कर रहे होते हैं? ये तूफान हमें याद दिलाता है कि हम कितने छोटे हैं।
हम अपने शहरों को बनाते हैं, अपने नियम बनाते हैं, लेकिन एक बार बारिश शुरू हो जाए तो सब बेकार हो जाता है। क्या हम असल में नियंत्रण के बारे में बात कर रहे हैं, या बस अपने आप को आराम देने के लिए कोशिश कर रहे हैं?
शायद इस तूफान का मतलब ये नहीं है कि हमें बचाव करना है, बल्कि ये समझना है कि हम कितना असहाय हैं।
चीन की सरकार ने बहुत अच्छा काम किया। उन्होंने तटीय क्षेत्रों के लोगों को बहुत पहले से विस्थापित किया। यह निर्णय जीवन बचाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। फिलीपींस में इस तरह का कोई योजनाबद्ध तरीका नहीं था। यह एक नियंत्रित आपदा प्रबंधन का उदाहरण है।
हर एक आपदा के बाद हम सीखते हैं, लेकिन फिर भूल जाते हैं। ये तूफान एक बार फिर से हमें याद दिला रहा है कि तैयारी कितनी जरूरी है।
हमें अपने गाँवों में आपातकालीन नियोजन के लिए समुदाय-आधारित प्रणालियाँ बनानी चाहिए। न कि सिर्फ सरकार पर निर्भर रहना।
एक बच्चा जो जानता है कि तूफान आने पर क्या करना है, वह एक पूरे गाँव की जान बचा सकता है। ये सिर्फ तकनीकी बात नहीं, ये सामाजिक जागरूकता की बात है।