नटवर सिंह: एक राजनयिक से मंत्री बनने तक का सफर

नटवर सिंह: एक राजनयिक से मंत्री बनने तक का सफर

नटवर सिंह: भारतीय राजनीति के असाधारण व्यक्तित्व

नटवर सिंह का जन्म 16 मई 1931 को हुआ था, और उनका पूरा नाम कुंवर नटवर सिंह है। उन्होंने भारतीय राजनीति और विदेश नीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। नटवर सिंह ने 1953 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) में अपने करियर की शुरुआत की। उनके राजनयिक कौशल और जटिल समझ के कारण उन्हें जल्द ही महत्वपूर्ण विदेशी मिशनों में सेवाएं दी गईं।

भारतीय विदेश सेवा में करियर

नटवर सिंह की शुरुआत भारतीय विदेश सेवा में हुई थी, जहां उन्होंने 1953 से 1984 तक सेवा की। इस दौरान उन्होंने पोलैंड और ईरान में राजदूत के रूप में सेवाएं दीं। विदेशी मामलों में उनकी गहरी समझ और कूटनीति के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें इस सेवा के दौरान कई महत्वपूर्ण भूमिकाओं में काम करने का मौका दिया।

नटवर सिंह का करियर केवल विदेशों में सेवा करने तक ही सीमित नहीं रहा। 1984 में, उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया गया और वे राज्य मंत्री, विदेश मामलों के रूप में कार्यरत हुए। इस पद पर रहते हुए उन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और देश की छवि को सुदृढ़ किया।

विदेश मंत्री के रूप में कार्यकाल

2004 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार की स्थापना के दौरान, नटवर सिंह को विदेश मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने भारत को एक वैश्विक मंच पर मजबूती से स्थापित करने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलें कीं। उनके कार्यकाल में भारत ने कई वैश्विक शक्तियों के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय समन्वय को मजबूती दी।

उनके नेतृत्व में, भारत ने अनेक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए और वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को सुदृढ़ किया। नटवर सिंह की कूटनीतिक रणनीतियों और नीतियों ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में एक विशेष स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

तेल के बदले भोजन घोटाला और विवाद

हालांकि नटवर सिंह के राजनयिक और राजनीतिक करियर में कई शानदार उपलब्धियाँ शामिल हैं, उनकी यात्रा विवादों से भी अछूती नहीं रही। 2005 में, तेल के बदले भोजन कार्यक्रम में शामिल होने के आरोपों के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। इस घोटाले ने उनकी प्रतिष्ठा को घायल किया, लेकिन उनकी भारतीय राजनीति में भूमिका को नहीं घटा सका।

इस विवाद के बावजूद, नटवर सिंह ने अपने अनुभवों और नीतियों से भारतीय कूटनीति को समृद्ध किया। वे हमेशा देशभक्ति, समर्पण और कूटनीति के प्रतीक के रूप में देखे जाते रहे हैं।

राजनीति में योगदान

नटवर सिंह केवल एक राजनयिक ही नहीं, बल्कि एक संवेदनशील राजनेता भी थे। उनकी सोच और नीतियों में वैश्विक दृष्टिकोण और स्थानीय समस्याओं का अद्वितीय मिश्रण था। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई पुस्तकें भी लिखी, जिसमें उन्होंने अपने अनुभवों और विचारों को साझा किया।

उनकी पुस्तकें और लेखन उनकी गहन सोच और विभिन्न मुद्दों पर उनके विचारों को दर्शाते हैं। उनका जीवन और करियर भारतीय राजनीति और कूटनीति के छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।

समाप्ति

समाप्ति

नटवर सिंह का जीवन और करियर भारतीय राजनीति की एक प्रेरणादायक कहानी है। उनके समर्पण, निष्ठा और देशभक्ति ने उन्हें एक अद्वितीय व्यक्तित्व बनाया है। उनके योगदानों को हमेशा सराहा जाएगा और वे हमेशा एक महान राजनयिक और नेता माने जाएंगे।

नटवर सिंह ने अपने विभीन्न भूमिकाओं में देश को विदेशों में मजबूत करने के लक्ष्य में जो कार्य किए हैं, वे आने वाले पीढ़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शन के रूप में काम करेंगे। उनकी अतुलनीय सेवाओं और योगदान को भारतीय राजनीति में हमेशा याद रखा जाएगा।

टिप्पणि (11)

  1. Piyush Kumar
    Piyush Kumar

    नटवर सिंह जैसे इंसान आज के समय में बहुत कम मिलते हैं। एक राजदूत से लेकर विदेश मंत्री तक का सफर, बिना किसी बड़े पार्टी के टिकट के, बस अपनी योग्यता और देशभक्ति से। आज के लोगों को ये देखना चाहिए कि असली नेतृत्व क्या होता है।

  2. Srinivas Goteti
    Srinivas Goteti

    उनकी कूटनीति की गहराई आज के तेज़ और भावुक राजनीतिक वातावरण में बिल्कुल खो गई है। आज तो सिर्फ ट्वीट्स से नीतियाँ बनती हैं, न कि बैठकों और समझौतों से।

  3. Rin In
    Rin In

    यार नटवर सिंह का तो जीवन ही एक बायोपिक है! 😍 विदेश सेवा से शुरू करके विदेश मंत्री बनना, फिर तेल-भोजन घोटाले में आ जाना... और फिर भी देश के लिए लिखते रहना! ये इंसान हैं ना बस! 🙌

  4. michel john
    michel john

    तेल के बदले भोजन? ये सब अमेरिका की साजिश है! उन्हें गिराने के लिए जानबूझकर घोटाला बनाया गया! आज की सरकारें अपने खिलाफ बढ़ते नेताओं को इसी तरह गिराती हैं! अब तक कितने नटवर सिंह गायब हुए?!

  5. shagunthala ravi
    shagunthala ravi

    उनकी शांति और गहराई को आज की राजनीति भूल गई है। लेकिन जिन लोगों ने उन्हें जीवन भर देखा है, वो जानते हैं कि असली नेता कैसा होता है। वो आवाज़ नहीं, बल्कि बात का अर्थ बदल देते हैं।

  6. Urvashi Dutta
    Urvashi Dutta

    नटवर सिंह के जीवन को देखकर लगता है कि राजनयिक बनने के लिए सिर्फ डिग्री नहीं, बल्कि एक गहरी संस्कृति, इतिहास की जानकारी और देश के प्रति अटूट लगाव चाहिए। उन्होंने अपनी पुस्तकों में बताया कि एक राजदूत को अपने देश की भाषा, खाने की आदतों, धर्मों और नाटकों तक का ज्ञान होना चाहिए। आज के अधिकारी तो बस ट्रेनिंग सेंटर के फॉर्मूले से चलते हैं।

  7. Rahul Alandkar
    Rahul Alandkar

    उनके बारे में लिखा गया ये लेख बहुत संतुलित है। उपलब्धियाँ और विवाद दोनों को समान रूप से दर्शाया गया है। इस तरह की निष्पक्षता आज के समय में दुर्लभ है।

  8. Jai Ram
    Jai Ram

    अगर आज के विदेश मंत्री नटवर सिंह जैसे होते तो हमारे चीन और पाकिस्तान के साथ रिश्ते अलग होते। उनकी कूटनीति में ताकत थी, लेकिन वह ताकत बातचीत के जरिए थी, न कि धमकी के।

  9. Vishal Kalawatia
    Vishal Kalawatia

    अरे ये सब बकवास है! नटवर सिंह ने तो देश का नाम खराब किया! तेल के बदले भोजन? ये तो चोरी है! और फिर भी उन्हें बड़ा बताना? ये लोग तो सब अपनी जेब भरने के लिए नेता बनते हैं! अब तक कितने ऐसे हैं जिन्होंने देश को बेच दिया?!

  10. Kirandeep Bhullar
    Kirandeep Bhullar

    इस लेख में उनकी उपलब्धियों को बड़ा बनाया गया है, लेकिन विवाद को नज़रअंदाज़ किया गया है। वो व्यक्ति जिसने राष्ट्रीय संपत्ति को बेचा, उसे नेता कहना गलत है। देशभक्ति का नाम लेकर जो लोग अपनी निजी लालच को ढकते हैं, उनके बारे में लिखना बहुत खतरनाक है।

  11. DIVYA JAGADISH
    DIVYA JAGADISH

    एक असली नेता।

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