टिकू तलसानिया: मस्तिष्क आघात की खबर
दिग्गज हिंदी अभिनेता टिकू तलसानिया अपने हास्यपूर्ण किरदारों के लिए काफी जाना जाते हैं। हालांकि, हाल ही में ऐसी ख्यातियां उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता में डालने वाली रही हैं। मुंबई में एक फिल्म स्क्रीनिंग के दौरान शुक्रवार को उन्हें अचानक तबियत बिगड़ने का अनुभव होना शुरू हुआ। इसी घटना के तुरंत बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पहले, इस बात की अफवाहें थीं कि उन्हें हृदयाघात हुआ है, लेकिन अब उनकी पत्नी दीप्ति तलसानिया ने स्पष्ट किया है कि दरअसल यह मस्तिष्क आघात था।
कारण और चिकित्सा स्थिति
टिकू तलसानिया, जिनकी उम्र अब 70 साल है, लगातार फिल्म और टेलीविजन की दुनिया में सक्रिय रहे हैं। उनकी पहचान 'अंदाज़ अपना अपना', 'इश्क', 'जोडी नं. 1', और 'पार्टनर' जैसी फिल्मों में उनके अद्वितीय किरदारों की वजह से होती है। इसके अलावा उन्होंने 'साजन रे फिर झूठ मत बोलो', 'यह चंदा कानून है', और 'जमाना बदल गया है' जैसे लोकप्रिय टीवी शोज में भी अपनी प्रतिभा दिखाई है। इस घटना के पश्चात उनके प्रशंसकों और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोग उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की उम्मीद कर रहे हैं।
आगे की योजनाएं और परिवार का सपोर्ट
इसके अलावा, टिकू तलसानिया हाल ही में गुजराती वेब सीरीज़ 'व्हाट द फाफड़ा' और फिल्म 'विक्की विद्या का वो वाला वीडियो' में भी नज़र आने वाले हैं। उनकी बेटी, शिखा तलसानिया भी सफल अभिनेत्री हैं और उन्होंने 'सत्यप्रेम की कथा', 'वीरे दी वेडिंग', और 'पोटलक' जैसी मूवीज़ में काम किया है। परिवार इस समय टिकू के साथ है और सभी उनके स्वस्थ होते ही फिर से काम पर लौटने का इंतज़ार कर रहे हैं।
फिल्म इंडस्ट्री से मिल रही शुभकामनाएं
रश्मि देसाई सहित कई कलाकारों ने टिकू तलसानिया के स्वास्थ्य के प्रति चिंता व्यक्त की है। रश्मी, जो उसी फिल्म स्क्रीनिंग में मौजूद थीं, ने बताया कि उन्होंने अस्पताल में टिकू से बात करने की कोशिश की और उनकी हालत पर बेहद चिंतित हो गईं। उन्होंने टिकू के जल्द ठीक होने की कामना की है।
मस्तिष्क आघात के बारे में जागरूकता बढ़ाना
इस मामले ने मस्तिष्क आघात के बारे में जागरूकता की ओर भी ध्यान दिलाया है, जो अहम् स्वास्थ्य चिंता का कारण है। टेन्शन, उच्च रक्तचाप, और अनहेल्दी लाइफस्टाइल इसके कुछ कारण हो सकते हैं।
सार्वजनिक हस्तियों की निजी जीवन में समस्याएं भी सामान्य हैं और लोगों को प्राथमिकता से अपना ख्याल रखना चाहिए। हम सभी को उनके स्वास्थ्य को लेकर सकारात्मक और तैयार रहना चाहिए, ताकि उन्हें समय रहते सही उपचार मिल सके।
उम्र हो गई है, बस थोड़ा आराम कर लें। ये फिल्में अब नहीं चलेंगी, लेकिन यादें हमेशा रहेंगी।
टिकू जी का हर किरदार हमारे दिल में बसा हुआ है। उनकी हंसी ने बहुत सारे दिन बचाए हैं। जल्दी ठीक हो जाएं, हम सब आपका इंतज़ार कर रहे हैं।
अरे भाई ये तो बिल्कुल रामायण जैसा है! जब राम अयोध्या छोड़कर वन गए तो लोगों ने रोया, अब टिकू जी अस्पताल में हैं तो हम रो रहे हैं। जल्दी ठीक हो जाओ ना, हमारे घर का असली नायक हो तुम।
अच्छा जी, ये देश के सबसे बड़े हास्य कलाकार को मस्तिष्क आघात हुआ है, और अभी तक कोई चैनल इस पर डॉक्यूमेंट्री नहीं बना पाया? ये तो सच में बहुत बड़ी लापरवाही है।
जब तक तुम अपने शरीर को नहीं सुनते, तब तक तुम्हारी लाइफ कोई बात नहीं सुनती। टिकू जी ने 50 साल तक दिखाया कि हास्य कैसे दर्द को दबा सकता है, अब उन्हें आराम करने का अधिकार है। दुनिया बदल गई है, लेकिन वो नहीं बदले।
क्या आपने कभी सोचा कि शायद ये सब एक बड़ी फिल्म है? जिसमें हम सब एक्टर हैं, और टिकू जी रियलिटी के एक्टर हैं? अगर ये फिल्म नहीं है, तो फिर ये सब क्यों हो रहा है?
ये सब अमेरिका की साजिश है। उन्होंने टीवी पर बहुत लोगों को बेवकूफ बनाया, अब वो उन्हें खत्म कर रहे हैं। आप देखिएगा, अगले हफ्ते कोई बड़ा बॉलीवुड एक्टर भी अस्पताल में आ जाएगा।
अच्छा हुआ एक बार बाहर आ गए अब लोग भूल जाएंगे
मस्तिष्क आघात का एक अहम प्राथमिक कारण एक्सिडेंटल हाइपरटेंशन है, जो अक्सर लंबे समय तक अनुपचारित रहता है। इसके अलावा, न्यूरोइन्फ्लेमेशन और सिस्टेमिक इंफ्लेमेशन के कारण भी इसकी घटनाएं बढ़ रही हैं। टिकू जी के मामले में ये एक नियमित रूप से अनदेखा किए गए लाइफस्टाइल फैक्टर का परिणाम है।
जल्दी ठीक हो जाओ टिकू जी 😊🙏 हम सब आपके लिए दुआ कर रहे हैं।
अरे ये तो बहुत बड़ी बात है! मैंने तो उनकी फिल्में देखी हैं, अब उनकी तस्वीरें देखकर रो रहा हूँ 😭😭😭 जिंदगी क्या है ये बताओ क्या है?
इस देश में जब कोई बूढ़ा अभिनेता बीमार पड़ता है, तो सब रोते हैं। लेकिन जब एक बच्चा भूख से मरता है, तो कोई नहीं देखता। ये देश क्या है?
फिल्म इंडस्ट्री ने उनका उपयोग किया, अब जब वो बेकार हो गए, तो अस्पताल में छोड़ दिया। ये तो लूट है।
मैं तो उनकी फिल्मों में बचपन में बहुत खुश होती थी अब उन्हें ठीक होते देखना चाहती हूँ
कभी-कभी लोग बहुत ज्यादा जीते हैं। शायद टिकू जी ने इतना जीवन जी लिया कि शरीर थक गया। अब उन्हें आराम देना चाहिए।
ये तो बहुत बड़ी बात है। जब तक आप अपने शरीर को नहीं समझते, तब तक आप अपनी लाइफ को नहीं समझते। टिकू जी ने हंसाया, लेकिन क्या किसी ने उन्हें रोने दिया? ये देश बस एंटरटेनमेंट के लिए है, न कि इंसान के लिए। उनके बाद अब कौन हंसाएगा? कौन दर्द को हंसी में बदलेगा? ये सवाल बाकी हैं।